30 मार्च
राजस्थान दिवस
30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। इस दिन
राजस्थान दिवस मनाने के पीछे बड़ी वजह यह है कि 30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था। तब से 30 मार्च को राजस्थान के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस विलय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मुख्य भूमिका रही थी। राजस्थान का शाब्दिक अर्थ है ‘राजाओं का स्थान’ क्योंकि आज़ादी से पूर्व यहां कई राजाओं और सम्राटों ने राज किया था। राजस्थान को पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था। सभी को मिलाकर कुल 19 रियासतों के गठन से राजस्थान बना था।
राष्ट्रीय पेंसिल दिवस
अमेरिका में हर साल 30 मार्च को राष्ट्रीय पेंसिल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उस लेखन उपकरण के सम्मान में मनाया जाता है जिसने लाखों लोगों को सिर्फ़ वर्णमाला सिखाने और सीधी रेखाएँ खींचने में मदद से कहीं ज़्यादा काम किया है। हाइमन लिपमैन को 1858 में आज ही के दिन पेंसिल के सिरे पर रबड़ लगाने का पहला पेटेंट मिला था। उस समय से पहले पेंसिल और रबड़ अलग-अलग हुआ करते थे। लिपमैन ने दोनों को मिलाकर दो औजारों को इस्तेमाल करने में बहुत सुविधाजनक बनाया। सहज ज्ञान युक्त व्यवसायी ने अपनी स्टेशनरी की दुकान के लिए लिफाफे भी बनाए और लिफाफों के फ्लैप पर चिपकने वाला पदार्थ लगाने वाले वे पहले व्यक्ति थे। पेंसिल हमेशा से ही पढ़ने लिखने वाले और रचनात्मक लोगों के लिए एक ज़रूरी उपकरण रही है। कलाकार अक्सर किसी विचार की रूपरेखा बनाने के लिए पेंसिल उठाते हैं। पेंसिल का इस्तेमाल युद्ध क्षेत्र के नक्शे बनाने के लिए भी होता था। (विविध स्रोत)
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