Saturday, March 22, 2025

23 मार्च


23 मार्च 
शहीद दिवस 
23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। 1931 में इसी दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी। देश के लिए इन तीनों वीर सपूतों ने हंसते हुए अपना जान कुर्बान कर दी थी। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय असेंबली में एक खाली स्थान पर बम फेंका था। इसके बाद उन्होंने स्वयं गिरफ्तारी देकर अपना संदेश दुनिया के सामने रखा। उनकी गिरफ्तारी के बाद उन पर एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेपी सांडर्स की हत्या में भी शामिल होने के कारण देशद्रोह और हत्या का मुकदमा चला। यह मुकदमा भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में लाहौर षड्यंत्र के नाम से जाना जाता है।भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था और 23 मार्च 1931 को शाम 7.23 पर भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरु को फांसी दे दी गई। शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को पंजाब को लायलपुर पाकिस्तान में हुआ। भगत सिंह और सुखदेव के परिवार लायलपुर में पास-पास ही रहने से इन दोनों वीरों में गहरी दोस्ती थी, साथ ही दोनों लाहौर नेशनल कॉलेज के छात्र थे। सांडर्स हत्याकांड में इन्होंने भगत सिंह तथा राजगुरु का साथ दिया था । शहीद राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को पुणे जिले के खेड़ा में हुआ । पुलिस की बर्बर पिटाई से लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए राजगुरु ने 19 दिसंबर, 1928 को भगत सिंह के साथ मिलकर लाहौर में अंग्रेज सहायक पुलिस अधीक्षक जेपी सांडर्स को गोली मार दी थी और खुद ही गिरफ्तार हो गए थे। 23 मार्च को पूरे भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन वीर सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। (विविध स्रोत)

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