1 अप्रैल
हर साल अप्रैल का पहला दिन दुनिया भर में April Fools Day के रूप में मनाया जाता है। अप्रैल फूल डे मनाने के शुरुआत चॉसर के 'कैंटरबरी टेल्स' की एक कहानी 'नन्स प्रीस्ट्स टेल' में मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1381 में हुई थी। उस दौरान इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की घोषणा कर दी गई थी। राजा ने अपनी जनता को अपने और रानी की एनी की सगाई की डेट 32 मार्च बताई थी। वहां की जनता भी नहीं समझ पाई और राजा की बात पर विश्वास कर लिया। राजा के सगाई की खुशी में चारों तरफ उत्सव का माहौल बन गया था। बाजार सज चुके थे। लोग तैयारियों में जुटे हुए थे कि अचानक उन्हें एहसास हुआ कि 32 मार्च तो कैलेंडर में कोई तारीख ही नहीं होती है। इसके बाद सभी के समझ आया कि उन्हें बेवकूफ बनाया गया है। तब से अप्रैल फूल डे पूरे ब्रिटेन में फैल गया। इसी कहानी में, एक घमंडी मुर्गे को एक चालक लोमड़ी ने बेवकूफ बनाया था। स्कॉटलैंड में अप्रैल फूल्स डे दो दिनों तक चलता है, जहां शरारत करने वालों को गौक्स (कोयल पक्षी) कहा जाता है। अप्रैल फूल डे को ऑल फूल्स डे के रूप में भी जाना जाता है। 1539 में फ्लेमिश कवि एडवर्ड डे डेने ने एक ऐसे ऑफिसर के बारे में लिखा जिसने अपने नौकरों को एक बेवकूफी की यात्रा पर 1 अप्रैलको भेजा था। 1968 में इस दिन को जॉन औब्रे ने मूर्खों का छुट्टी का दिन कहा क्योंकि, 1 अप्रैल को बहुत से लोगों को बेवकूफ बनाकर, लंदन के टॉवर पर एकत्रित किया गया था।
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत
भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होता है. इसका कारण ब्रिटिश शासन से जुड़ा है, जब ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश सरकार ने राजस्व और बजट प्रबंधन के लिए यह समयसीमा तय की थी, तब से वित्तीय वर्ष की शुरुआत इसी दिन से होती आ रही है. इसके पीछे कई मुख्य आर्थिक कारण थे, जैसे कृषि चक्र और कर संग्रह की सुविधा.
ओडिशा स्थापना दिवस
यह ओडिशा राज्य के गठन का दिन भी है, जिसे 1936 में बिहार से अलग कर बनाया गया था.
ओडिशा राज्य का स्थापना दिवस है जिसे वहां के लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं. 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा को बिहार और संयुक्त प्रांत से अलग करके एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया था. यह भारत का पहला राज्य था जिसे भाषा के आधार पर पुनर्गठित किया गया था. इस दिन को ‘उत्कल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है जो पूरे भारत में ओडिशा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को दर्शाता है.ब्रिटिश शासन के दौरान, ओडिशा बंगाल प्रेसीडेंसी के अंतर्गत आता था। बाद में इसे बिहार और उड़ीसा प्रांत के रूप में पुनर्गठित किया गया। लेकिन स्थानीय लोगों और समाज सुधारकों के लंबे संघर्ष के बाद, ओडिशा को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता दी गई। 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा को एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में स्थापित किया गया, जो भाषा के आधार पर भारत में बनने वाला पहला राज्य था। यही कारण है कि 1 अप्रैल को “उत्कल दिवस” या “ओडिशा दिवस” के रूप में ओडिशा स्थापना दिवस मनाया जाता है।प्राचीन काल में, यह क्षेत्र मौर्य, गुप्त, शुंग, और गजपति राजवंशों के अधीन था। विशेष रूप से, कलिंग साम्राज्य अपनी शक्ति और समुद्री व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। ईसा पूर्व 261 में सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया, जिसे “कलिंग युद्ध” के नाम से जाना जाता है। इस भीषण युद्ध के बाद, अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया और अहिंसा का मार्ग अपनाया।
सीबीआई स्थापना दिवस
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), कार्मिक विभाग, कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के तहत एक प्रमुख जांच पुलिस एजेंसी है. यह भारत की आधिकारिक पुलिस एजेंसी है जो इंटरपोल के सदस्य देशों के लिए जांच का प्रबंधन करती है. सीबीआई की स्थापना 1 अप्रैल, 1963 को हुई थी. 1963 में भारत सरकार द्वारा CBI का गठन भारत की रक्षा से संबंधित गंभीर अपराधों, उच्च पदों पर भ्रष्टाचार, गंभीर धोखाधड़ी, ठगी व गबन और सामाजिक अपराधों (विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी, कालाबाज़ारी और मुनाफाखोरी) के अन्वेषण हेतु किया गया। कुछ समय बाद CBI को चर्चित हत्याओं, अपहरण, विमान अपहरण, चरमपंथियों द्वारा किये गए अपराध जैसे अन्य अपराधों की जाँच का उत्तरदायित्व भी सौंपा जाने लगा। सीबीआई की स्थापना की सिफारिश भ्रष्टाचार रोकथाम पर संथानम समिति (1962-1964) द्वारा की गई थी। CBI को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 द्वारा अन्वेषण करने की शक्ति प्राप्त है। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (Delhi Special Police Establishment- DSPE Act), 1946 को लागू करके भारत सरकार के विभिन्न विभागों/संभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों के अन्वेषण हेतु एक एजेंसी के रूप में इसकी औपचारिक शुरुआत की गई। इससे पहले, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वर्ष 1941 में ब्रिटिश भारत के युद्ध विभाग (Department of War) में एक विशेष पुलिस स्थापना (Special Police Establishment- SPE) का गठन किया गया था ताकि युद्ध से संबंधित खरीद मामलों में रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच की जा सके। सीबीआई के पहले निदेशक डी. पी. कोहली थे। डीपी कोहली ने 1963 में सीबीआई की स्थापना की थी. 1968 में अपनी सेवानिवृत्ति तक इसके पहले निदेशक के रूप में कार्य किया.उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए, सीबीआई आज देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में विकसित हुई है, जो भ्रष्टाचार, वित्तीय अपराधों और साइबर अपराधों सहित विभिन्न प्रकार के मामलों की जांच करती है. यह इंटरपोल के लिए भारत का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो भी है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. (विविध स्रोत)
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