Friday, March 28, 2025

29 मार्च


29 मार्च 
सिपाही विद्रोह की शुरूआत 
भारतीय इतिहास में 29 मार्च का दिन बेहद खास माना जाता है क्योंकि इस 1857 में 34वीं रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडे, बंगाल नेटिव इन्फैंट्री ने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ विद्रोह किया और 1857 के दीर्घ भारतीय विद्रोह को प्रेरित किया, जिसे सिपाही विद्रोह के रूप में भी जाना जाता है। कलकत्ता के निकट बैरकपुर में मंगल पांडे ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था और अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। बंगाल की बैरकपुर छावनी में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री के मंगल पांडे ने परेड ग्राउंड में दो अंग्रेज अफसरों पर हमला किया और फिर खुद को गोली मारकर घायल कर लिया। उन्हें 7 अप्रैल, 1857 को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी। स्थानीय जल्लादों ने मंगल पांडेय को फांसी देने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से कोलकाता से चार जल्लादों को बुलाकर देश के इस जांबाज सिपाही को फांसी दी गई । 29 मार्च को ही बहादुर शाह जफर द्वितीय को अंग्रेजों ने रंगून भेजा था।

अंतरराष्ट्रीय जलपरी दिवस
International Mermaid Day 
29 मार्च को अंतरराष्ट्रीय जलपरी दिवस हर साल 29 मनाया जाता है। यह दिन समुद्री लोककथाओं की प्रसिद्ध पात्र “जलपरी” यानी मर्मेड को समर्पित है। मर्मेड आधी स्त्री और आधा मछली के रूप में कल्पना की जाती है, जो समुद्रों में रहकर रहस्यमय जीवन जीती है। इस दिन का उद्देश्य न केवल इन काल्पनिक पात्रों की सुंदरता और आकर्षण को मनाना है, बल्कि जल संरक्षण, समुद्री जीवन के प्रति जागरूकता और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित करना है। बच्चों और बड़ों के लिए यह दिन कल्पनाओं की उड़ान भरने का मौका होता है। सदियों से जलपरियों में रुचि बढ़ी है, उनका चित्रण रहस्यमय प्राणियों से लेकर हेन्स क्रिश्चियन एंडरसन की " द लिटिल मरमेड " जैसी लोकप्रिय कथाओं के पात्रों तक विकसित हुआ है, जिसने जलपरी किंवदंतियों की आधुनिक व्याख्याओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। यह कहानी इतनी लोकप्रिय हुई कि इस पर न केवल प्रसिद्ध डिज्नी फिल्म सहित अनेक रूपांतरण हुए, बल्कि दुनिया भर के विभिन्न स्थानों पर जलपरी की मूर्तियों और विषयों का निर्माण भी हुआ, जैसे कि कोपेनहेगन में प्रतिष्ठित जलपरी की मूर्ति।

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