Friday, March 14, 2025

15 मार्च

15 मार्च 
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 
हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आम जनता के उपभोक्ता अधिकारों को पहचानने और उन पर कार्रवाई करने का दिन है. इसके अलावा, एक उपभोक्ता के रूप में यह प्रत्येक व्यक्ति की एक आवश्यक अभिव्यक्ति है.यह दिन जॉन एफ कैनेडी (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) द्वारा 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में उपभोक्ता अधिकारों पर दिए गए भाषण से प्रेरित था. कंज्यूमर्स इंटरनेशनल के कार्यकर्ता अनवर फज़ल ने बाद में इस दिन को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में प्रस्तावित किया. पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की गई, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन दिया। अमेरिका के बाद भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में मुंबई से हुई थी। 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया असौर यह आंदोलन बढ़ता गया। 9 दिसंबर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बार देशभर में लागू हुआ। इसके बाद 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। अत: जिस तरह 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाते हैं, वहीं हर साल उपभोक्ता के विभि‍न्न हितों को ध्यान में रखते हुए 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है. जो सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किए जाने और उनकी रक्षा की वकालत करता है. इसके आलावा यह दिन बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है. (विविध स्रोत)

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