पाई दिवस
पाई दिवस 14 मार्च (3/14) को दुनिया भर में मनाया जाता है। पाई (ग्रीक अक्षर " π ") गणित में एक स्थिरांक को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला प्रतीक है - एक वृत्त की परिधि और उसके व्यास का अनुपात - जो लगभग 3.14159 है। पाई दिवस गणित के प्रति उत्साही लोगों के लिए पाई के अनंत अंकों को सुनाने, अपने दोस्तों से गणित पर बात करने और पाई खाने का एक वार्षिक अवसर है। आपको बता दें कि पाई (ग्रीक अक्षर π) गणित में एक सिंबल को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पाई चिन्ह या टर्म 1706 में एक मैथमेटिशियन विलियम जोन्स द्वारा पेश किया गया था। वहीं इस दिवस को मनाने की शुरुआत 30 साल पहले 1988 में हुई थी, जब भौतिक विज्ञानी लैरी शॉ द्वारा पहली बार सैन फ्रांसिस्को के एक्सप्लोरेटोरियम में बड़े पैमाने पर पाई दिवस मनाया गया था।पाई एक वृत्त की परिधि और उसके व्यास के बीच का अनुपात है। जबकि पाई का विचार लगभग 4000 वर्षों से जाना जाता है, इसकी सटीक गणना करना हाल ही में गणितीय विकास की बात है। 2000 ईसा पूर्व तक, मिस्र और बेबीलोन के लोगों ने निर्माण के लिए स्थिरांक का सटीक उपयोग किया। आर्किमिडीज, फिबोनाची, फ्रांकोइस विएते, एड्रियन वैन रूमेन और गॉटफ्रीड विल्हेम लीबनिज जैसे गणितज्ञों ने पाई की गणना विभिन्न तरीकों से की। हालाँकि, 1706 में, वेल्श गणितज्ञ विलियम जोन्स ने एक वृत्त की परिधि के अनुपात को दर्शाने के लिए ग्रीक अक्षर π पेश किया; पाई। 1988 में लैरी शॉ ने सैन फ्रांसिस्को एक्सप्लोरेटोरियम में पाई दिवस का सबसे पहला आधिकारिक या बड़े पैमाने पर उत्सव आयोजित किया था। एक्सप्लोरेटोरियम में पाई दिवस समारोह का आयोजन आज भी जारी है। 12 मार्च 2009 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव (HRES 224) पारित कर 14 मार्च 2009 को राष्ट्रीय पाई दिवस के रूप में मान्यता दी। पाई दिवस को इंटरनेशनल मैथमेटिक्स डे या अंतरराष्ट्रीय गणित दिवस के नाम से भी जाना जाता है।
नदियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस International Day of Action for Rivers
14 मार्च को नदियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस (International Day of Action for Rivers) भी मनाया जाता है। आपको बता दें कि नदियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस एक ऐसा दिन है जिसका उद्देश्य नदियों के महत्व के बारे में जश्न मनाना और इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना है।इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर नदी प्रबंधन, नदी प्रदूषण, संरक्षण आदि से संबंधित दस्तावेजों पर चर्चा करने के लिए देश विदेश से लोगों को एक साथ लाना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत
साल 1997 में ब्राज़ील के कूर्टिबा में आयोजित बाँध प्रभावित लोगों की पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक में हुई थी.
इस बैठक में 20 से ज़्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने 14 मार्च को बांधों के ख़िलाफ़ और नदियों, जल, और जीवन के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई दिवस के रूप में घोषित किया था. इस दिन को मनाने का मकसद नदियों के महत्व को समझना, नदियों के सामने आने वाले खतरों को उजागर करना, नदियों की सुरक्षा की मांग करना,
स्वच्छ और बहते पानी तक न्यायसंगत पहुंच को बढ़ावा देना, मानव जीवन को बनाए रखने के लिए नदियों के महत्व को दिखाना और नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास करना है। (विविध स्रोत)
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