1 मार्च
विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस
World Civil Defence Day
1 मार्च 2024 को पूरी दुनिया में विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस 2024 (World Civil Defence Day 2024) मनाया जा रहा है। विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस लोगों को आपदा से उबरने में नागरिक सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य है लोगों के बीच तैयारी, बचाव और आत्म-सुरक्षा के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना। साथ ही, इस दिन उन लोगों को भी सम्मानित किया जाता है जो नागरिकों की सुरक्षा में उनके अतुलनीय योगदान के लिए नागरिक सुरक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा संगठन द्वारा 1 मार्च को विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा 6 दिसंबर 1990 को की गई थी। इसके बाद से हर साल इस तारीख को विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई। प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों से नागरिकों को बचाने के लिए किस तरह से काम किया जा सके और इसे बढ़ावा देने को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को मनाया जाता है। इस मौके पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले उपायों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना इसका मुख्य उद्देश्य होता है।अंतर्राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा संगठन (ICDO) की स्थापना 1972 में हुई थी। ICDO जनसंख्या संरक्षण से संबंधित अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम में साथ मिलकर प्रयास करने के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। साल 1990 में ICDO द्वारा इस दिन को विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस के रूप में शामिल किया गया था। तभी से दुनिया भर में नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च को विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शून्य भेदभाव दिवस
Zero Discrimination Day
शून्य भेदभाव दिवस की शुरुआत 1 मार्च 2014 को UNAIDS के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई थी. लेकिन इसके मनाए जाने की घोषणा UNAIDS द्वारा दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर शून्य भेदभाव अभियान कार्यक्रम के बाद की गई थी. 1 मार्च को विश्व स्तर पर शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को महिलाओं और लड़कियों द्वारा भेदभाव और असमानता को चुनौती देने के लिए मनाया गया. इसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सशक्तीकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है. विश्व में हर तीन महिलाओं में से एक महिला हिंसा के किसी न किसी रूप का सामना कर रही है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व में 50 फीसदी से अधिक महिलाओं ने उनके खिलाफ होने वाली हिंसा की रिपोर्ट की है. इसलिए, जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस महत्वपूर्ण है. शून्य भेदभाव दिवस सभी के अधिकारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है, चाहे फिर वो उम्र, लिंग, सेक्सुअलिटी, राष्ट्रीयता, जातीयता और रंग किसी भी आधार पर हो. इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य बगैर किसी विकल्प के महिलाओं व लड़कियों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के क्षेत्र में बराबरी के अवसर के लिए आवाज उठाना है.यह दिवस पहली बार 1 मार्च 2016 को मनाया गया था, और इसे उस वर्ष के 28 फरवरी को बीजिंग में एक प्रमुख कार्यक्रम के साथ UNAIDS के कार्यकारी निदेशक मिशेल सिदीबे द्वारा शुरू किया गया था.
राष्ट्रीय सिविल लेखा दिवस
National Civil Accounts Day
देश में भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) की स्थापना 1976 में सार्वजनिक वित्तीय प्रशासन में महत्वपूर्ण सुधार के तहत की गई थी. भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ने 01 मार्च, 1976 को केंद्र सरकार के खातों को लेखापरीक्षा कार्यों से अलग करने संबंधी अध्यादेश जारी किए थे. तब से लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के नेतृत्व में भारतीय सिविल लेखा सेवा वित्तीय प्रशासन में अग्रणी रहा है. इसी की याद में भारत में 1 मार्च को सिविल लेखा दिवस मनाया जाता है। (विविध स्रोत)
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