राष्ट्रीय विज्ञान कथा दिवस
National Science Fiction Day
राष्ट्रीय विज्ञान कथा दिवस विज्ञान कथा को एक विधा, इसके रचनाकारों, इतिहास और विभिन्न मीडिया के रूप में मनाने को बढ़ावा देता है। हर साल 2 जनवरी को, संयुक्त राज्य अमेरिका में लाखों विज्ञान कथा प्रशंसक अपने पसंदीदा विज्ञान कथाएँ पढ़ते और देखते हैं। यह दिन प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक आइज़ैक असिमोव के जन्म की याद में मनाया जाता है। अमेरिकी लेखक और बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव रसायन विज्ञान के प्रोफेसर, आइज़ैक असिमोव का जन्म 2 जनवरी, 1920 को इसाक युदोविच ओज़िमोव के रूप में हुआ था। वे अपने विज्ञान कथा लेखन और अपनी लोकप्रिय विज्ञान पुस्तकों के लिए सबसे ज़्यादा जाने जाते हैं। आइज़ैक असिमोव का निधन 6 अप्रैल, 1992 को हुआ था।हार्ड साइंस फिक्शन के मास्टर माने जाने वाले असिमोव को रॉबर्ट ए. हेनलेन और आर्थर सी. क्लार्क के साथ अपने जीवनकाल में “बिग थ्री” साइंस-फिक्शन लेखकों में से एक माना जाता था। कई लोग फाउंडेशन सीरीज़ को असिमोव की सबसे बेहतरीन कृति मानते हैं। उनकी अन्य प्रमुख सीरीज़ गैलेक्टिक एम्पायर सीरीज़ और रोबोट सीरीज़ हैं ।
विश्व अंतर्मुखी दिवस
World Introvert Day
हर साल 2 जनवरी को विश्व अंतर्मुखी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है दुनिया भर में अंतर्मुखी लोगों को बेहतर ढंग से समझना और पहचानना एवं आवश्यक समय और स्थान देकर उनका सम्मान करना।जो व्यक्ति शांत और कम उत्तेजना वाले वातावरण में रहना पसंद करते हैं वह अंतर्मुखी यानी कि इंट्रोवर्ट होते हैं। अक्सर अंतर्मुखी लोगों को अकेले रहना पसंद होता है। उन्हें अकेले समय की आवश्यकता होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि अंतर्मुखी लोग अपने अलग सपनों की दुनिया में व्यस्त रहते हैं, इसलिए उन्हें अन्य लोगों की गतिविधियों में भाग लेने में कोई दिलचस्पी नहीं होती।विश्व अंतर्मुखी दिवस अंतर्मुखी लोगों के लिए दुनिया भर में जागरूकता लाने के बारे में बताता है जिससे पता चलता है कि उनके कार्य और आदतें सामान्य से कम नहीं हैं। कई खोजों से पता चला है कि अंतर्मुखी, बहिर्मुखी दुनिया को चालू रखने के लिए लोग अंतरिक्ष के पीछे काम करते हैं।
अधिकांश सिद्धांतवादी, वैज्ञानिक, वैज्ञानिक अंतर्मुखी ही होते हैं। अन्तर्मुखी वे व्यक्ति होते हैं जो शांत वातावरण पसंद करते हैं। वे सोशल मेलजोल नहीं रखना चाहते हैं।
यहां तक कि सामाजिक समारोहों में भाग लेने के बाद भी थकान महसूस होती है। प्रथम विश्व अन्तर्मुखी दिवस वर्ष 2011 में मनाया गया।
भारत रत्न दिवस
भारत में 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत रत्न पुरस्कार देने की शुरुआत की थी। कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण तथा उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया जाता है।शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक वर्ष बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया। इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया।
(विविध स्रोत)
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