31 जनवरी
राष्ट्रीय महिला आयोग स्थापना दिवस
राष्टीय महिला आयोग की सांविधिक निकाय के रूप में स्थापना महिलाओं के लिए संवैधानिक और विधायी सुरक्षापायों की समीक्षा करने; उपचारी विधायी उपायों की सिफारिश करने; शिकायतों के निवारण को सुकर बनाने; और महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम,1990 (भारत सरकार का 1990 का अधिनियम संख्या 20) के तहत जनवरी, 1992 में की गई। पहला आयोग 31 जनवरी 1992 को गठित किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री जयंती पटनायक थीं। दूसरे आयोग का गठन जुलाई 1995 में किया गया, जिसकी अध्यक्ष डॉ. मोहिनी गिरी थीं। तीसरे आयोग का गठन जनवरी 1999 में किया गया, जिसकी अध्यक्ष सुश्री विभा पार्थसारथी थीं। चौथे आयोग का गठन जनवरी 2002 में किया गया, जिसकी अध्यक्ष डॉ. पूर्णिमा आडवाणी थीं। पांचवें आयोग का गठन फरवरी 2005 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास थीं। छठे आयोग का गठन अगस्त 2011 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री ममता शर्मा थीं। सातवें आयोग का गठन 2014 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री ललिता कुमारमंगलम थीं। इसके बाद आयोग का गठन अगस्त 2018 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा बनायी गईं। भारत सरकार ने 19 अक्टूबर 2024 को श्रीमती विजया राहतकर को राष्ट्रीय महिला आयोग की 9वीं अध्यक्ष नियुक्त किया है। 6 अगस्त 2024 को रेखा शर्मा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष का पद खाली था।
इंटरनेशनल जेब्रा डे
हर साल 31 जनवरी को दुनिया भर के लोग इंटरनेशनल ज़ेबरा डे मनाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य ज़ेबरा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए समर्थन जुटाना है। यह दिन जंगल में ज़ेबरा के सामने आने वाले खतरों को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन हम को ज़ेबरा के खतरे के बारे में जानकारी फैलाकर, एक दूसरों को शिक्षित कर सकते हैं।
2012 में स्मिथसोनियन नेशनल ज़ू और कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट द्वारा इंटरनेशनल ज़ेबरा डे की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य था ज़ेबरा के बारे में जागरूकता बढ़ाना। आपको बता दें कि वर्तमान में, ज़ेबरा की तीन प्रजातियाँ हैं – ग्रेवी का ज़ेबरा , मैदानी ज़ेबरा और पहाड़ी ज़ेबरा। इनमें से सबसे आम प्रकार है, मैदानी ज़ेबरा, जो अक्सर दक्षिणी इथियोपिया, पूर्वी अफ़्रीका और दक्षिणी अफ़्रीका में पाए जाते हैं। (विविध स्रोत)क महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन हम को ज़ेबरा के खतरे के बारे में जानकारी फैलाकर, एक दूसरों को शिक्षित कर सकते हैं। 2012 में स्मिथसोनियन नेशनल ज़ू और कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट द्वारा इंटरनेशनल ज़ेबरा डे की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य था ज़ेबरा के बारे में जागरूकता बढ़ाना। आपको बता दें कि वर्तमान में, ज़ेबरा की तीन प्रजातियाँ हैं – ग्रेवी का ज़ेबरा , मैदानी ज़ेबरा और पहाड़ी ज़ेबरा। इनमें से सबसे आम प्रकार है, मैदानी ज़ेबरा, जो अक्सर दक्षिणी इथियोपिया, पूर्वी अफ़्रीका और दक्षिणी अफ़्रीका में पाए जाते हैं। (विविध स्रोत)
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