Wednesday, January 22, 2025

23 जनवरी

23 जनवरी 
पराक्रम दिवस
भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में 23 जनवरी 2021 से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया। राष्ट्र के प्रति नेताजी की अदम्य भावना और निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और याद रखने के लिए, भारत सरकार ने देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को नेताजी की तरह विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए धैर्य के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करने और उनमें देशभक्ति की भावना भरने के लिए हर वर्ष 23 जनवरी को उनके जन्मदिन को " पराक्रम दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को सम्मानित करना और देशभक्ति की भावना को जागृत करना है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था।  वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ आज़ादी के लिए संघर्ष किया। सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर पराक्रम दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 
नेताजी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में काम किया, लेकिन उनके क्रांतिकारी विचारों के कारण उन्होंने खुद की अलग राह चुनी। सुभाष चंद्र बोस ने "आजाद हिंद फौज" (Indian National Army) की स्थापना की और "जय हिंद" व "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" जैसे प्रेरणादायक नारे दिए। उनकी योजनाओं और वीरता ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। 2021 में भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर पराक्रम दिवस मनाने की घोषणा की। इसका उद्देश्य नेताजी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। यह दिन हर भारतीय को अपने कर्तव्यों और देश के प्रति समर्पण की याद दिलाता है। (विविध स्रोत)

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