27 जनवरी
नरसंहार स्मृति दिवस
Holocaust Remembrance Day
होलोकॉस्ट स्मृति दिवस' के लिए 27 जनवरी की तारीख चुने जाने का संदर्भ आउशवित्स यातना शिविर से जुड़ा है। 27 जनवरी 1945 को सोवियत संघ की सेना ने आउशवित्स को आजाद कराया था। साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र ने होलोकॉस्ट के शिकार हुए 60 लाख यहूदियों की याद और नाजियों द्वारा सताये गए अन्य पीड़ितों के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मृति दिवस के लिए 27 जनवरी की तारीख चुनी। द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान होलोकॉस्ट इतिहास का वो पन्ना है, जब लाखों यहूदियों का उनकी धार्मिक पहचान के कारण, क़त्ल कर दिया गया था और इन हत्याओं को ए़डोल्फ़ हिटलर की जर्मन नाज़ी पार्टी ने कराया। होलोकॉस्ट एक प्रक्रिया थी जो यहूदी लोगों से भेदभाव के साथ शुरू हुई और इसके परिणामस्वरूप दसियों लाख लोगों को उनकी पहचान के आधार पर मौत के घाट उतार दिया गया। स्मृति दिवस की शुरुआत साल 1996 में हुई, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रोमान हैरत्सोग ने 27 जनवरी को नाजी यातना के पीड़ितों की याद में समर्पित किया। 27 जनवरी 1945 की सुबह ऑशविट्ज़-बिरकेनौ शिविरों में अभी भी लगभग 7,000 कैदी थे। ऑशविट्ज़ में निर्वासित दस लाख से ज़्यादा लोग वहाँ मारे गए। अनुमान है कि मृत्यु शिविरों में छह मिलियन यहूदियों को मार दिया गया था। यूरोप की परिषद ने होलोकॉस्ट स्मरण दिवस और मानवता के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए एक दिवस की शुरुआत की थी। सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों ने अक्टूबर 2002 में यह निर्णय लिया था। जबकि जर्मनी और फ्रांस ने 27 जनवरी को चुना है, जिस दिन ऑशविट्ज़ को मुक्त किया गया था।
नेशनल ज्योग्राफिक दिवस
हर साल 27 जनवरी को नेशनल ज्योग्राफिक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की वर्षगांठ मनाने के लिए मनाया जाता है। आपको बता दें कि साल 1888 में, भौगोलिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की गई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है अधिक से अधिक लोगों को हमारे ग्रह के बारे में शिक्षित करना और उनका उत्साह बढ़ाना है। नेशनल ज्योग्राफिक दिवस का इतिहास साल 1888 से शुरू होता है। जब अमेरिकी राजनीतिज्ञ जॉर्ज एलिसन बार्कर ने नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की थी। इस सोसाइटी उसी वर्ष अपना आधिकारिक मासिक प्रकाशन “नेशनल ज्योग्राफिक मैगज़ीन” लॉन्च किया। जिसका उद्देश्य था मानवविज्ञान, इतिहास और प्राकृतिक दुनिया सहित विभिन्न विषयों की लोकप्रियता पूरी दुनिया में फैलाना।(विविध स्रोत)
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