विश्व हिन्दी दिवस
दुनिया भर में हिन्दी भाषा प्रेमी, 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर, हिन्दी की मधुरता का जश्न मनाते हैं. अंग्रेज़ी और चीनी भाषा के बाद, हिन्दी विश्व स्तर पर तीसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाला भाषा है. अनुमानों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 60 करोड़ लोग हिन्दी भाषी हैं. संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक व सांस्कृतिक संगठन - UNESCO ने 1948 में हिन्दी को अपनी आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल किया था. तभी से भारत व पड़ोसी देशों में यूनेस्को का बहुत सारा काम हिन्दी में किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में, पहली बार 1949 में हिन्दी भाषा का प्रयोग हुआ था. भारत में 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी। तभी से यह दिवस विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. दरअसल विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित- प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाने का एक खास मकसद दुनियाभर में हिंदी भाषा बोलने वालों को एक सूत्र में पिरोना है। भारत के अलावा, फ़िज़ी, सूरीनाम, त्रिनिदाद, केनया, यूगाण्डा, तंज़ानिया, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशों में भी हिन्दी काफ़ी व्यापक दायरे में बोली और समझी जाती है, और हिन्दी विश्व में चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है. यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधिमण्डल के आँकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में हिन्दी बोलने और समझने वाले लगभग 10 लाख लोग रहते हैं. ब्रिटेन (UK) में लगभग 50 हज़ार हिन्दी भाषी बसते हैं, जबकि जर्मनी में भी लगभग 20 हज़ार हिन्दी भाषी व प्रेमी रहते हैं. न्यूज़ीलैण्ड और सिंगापुर में भी बड़ी संख्या में हिन्दी भाषी लोग हैं.विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीशस में स्थित है और अनेक देशों में हिन्दी को सरकारी संरक्षण हासिल है. (विविध स्रोत)
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