13 जनवरी
सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस
प्रतिवर्ष 13 जनवरी को सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों के कार्यों के सम्मान के लिए मनाया जाता है जिन्होंने रेडियो का आविष्कार कर पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया। यह दिन हमें रेडियो का महत्व याद दिलाता है। सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य रेडियो के महत्व को समझाना और उसके योगदान को मान्यता देना है। रेडियो, जो कभी एक सूचना और शिक्षा का प्रमुख साधन था, आज भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह दिन रेडियो प्रसारण की शुरुआत के ऐतिहासिक क्षण को याद करने का अवसर है। भारत में सार्वजनिक रेडियो प्रसारण की शुरुआत के बाद रेडियो ने न केवल लोगों तक जानकारी पहुंचाने का काम किया, बल्कि यह समाज की शिक्षा और जागरूकता का महत्वपूर्ण माध्यम भी बना। सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस रेडियो के इस योगदान को स्वीकार करने और इसकी भूमिका को समाज में महत्व देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन यह भी याद दिलाता है कि कैसे रेडियो ने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में लोगों को जोड़ने और उन्हें समाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाओं से अवगत करने का काम किया है। न्यूयॉर्क में 13 जनवरी 1910 को दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया गया था। भारत में रेडियो इसके सत्रह बरस बाद आया। 23 जुलाई 1927 को मुंबई रेडियो-स्टेशन का उद्घाटन हुआ था। इसलिए 23 जुलाई को भारत में ‘राष्ट्रीय प्रसारण दिवस’ मनाया जाता है।
लोड़ही
लोहड़ी का त्योहार आमतौर पर 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सर्दी के मौसम और कृषि के महत्व से जुड़ा हुआ है। इसे मकर संक्रांति के साथ मनाया जाता है, जो नए कृषि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई के समय मनाया जाता है। इस दिन लोग अलाव जलाते हैं, नाचते गाते हैं, और एक-दूसरे से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। यह त्योहार कृषि समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फसल की समृद्धि और कृषि जीवन के संघर्षों से उबरने की खुशी का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार कृषि परंपराओं को सम्मानित करने, समुदाय को एकजुट करने और समृद्धि की कामना करने का एक अवसर है। इसके अलावा, यह दिन विशेष रूप से किसानों और खेतिहर मजदूरों के संघर्ष और मेहनत को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है। लोहड़ी के दौरान परिवार, दोस्त और पड़ोसी एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं, जो सामूहिकता और भाईचारे का प्रतीक है। (विविध स्रोत)
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