4 जनवरी
विश्व ब्रेल दिवस
World Braille Day
2019 से प्रति वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन अंधे और आंशिक रूप से दृष्टिहीन लोगों के मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। 6 नवंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें हर साल 4 जनवरी को ‘विश्व ब्रेल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। 4 जनवरी ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्मदिन है, जिनका जन्म फ्रांस में 1809 में हुआ था। लुई ब्रेल की याद में और शिक्षा, संचार और सामाजिक समावेशन में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।ब्रेल लिपि एक प्रकार की लिपि है जिसका प्रयोग दृश्य-बाधितों के लिए लिखने और पढ़ने के लिए किया जाता है। इस लिपि में नेत्रहीन लोग कागज पर उभरे हुए बिंदुओं के स्पर्श के जरिए पढ़ते-लिखते हैं। बता दें कि इस लिपि के जरिए बुक भी लिखा जा सकता है।ब्रेल कोई भाषा नहीं है बल्कि यह एक कोड है जिसका उपयोग किसी भी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। ब्रेल कई भाषाओं में उपलब्ध है जैसे संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू, स्पेनिश व अन्य भाषाएं। ब्रेल वर्णमाला और संख्यात्मक प्रतीकों का एक स्पर्शनीय प्रतिनिधित्व है जिसमें प्रत्येक अक्षर और संख्या को दर्शाने के लिए छह बिंदुओं का उपयोग किया जाता है, और यहां तक कि संगीत, गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीकों का भी। ब्रेल (19वीं शताब्दी के फ्रांस में इसके आविष्कारक लुई ब्रेल के नाम पर) का उपयोग अंधे और आंशिक रूप से दृष्टिहीन लोग उन्हीं पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए करते हैं जो दृश्य फ़ॉन्ट में छपी होती हैं। (विविध स्रोत)
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