Friday, December 6, 2024

7 दिसंबर #DayToBeRemembered

7 दिसंबर 
सशस्त्र सेना झंडा दिवस 
#ArmedForcesFlagDay
7 दिसंबर 1949 से प्रति वर्ष देश में देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए लड़ने वाले शहीदों और वर्दीधारी जवानों के सम्मान में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है।केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा समिति ने युद्ध दिग्गजों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए 7 दिसंबर की यह तारीख तय की थी। इस दिवस को मनाने की शुरुआत सन् 1949 से हुई। 28 अगस्त 1949 को तत्कालीन रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति ने प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को झंडा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है भारतीय सेना के कर्मियों के कल्याण के लिए फंड जुटाना उनकी और उनके परिवार के लिए सहयोग प्रदान करना है। देशभर में एकत्रित धन के बदले लाल, नीले और हल्के नीले रंग के झंडे दिए जाते हैं। ये तीनों रंग भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना का प्रतीक होते हैं। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण में सीधे योगदान करने का मौका देना है। इस दिवस को मनाने के पीछे विचार यह है कि सशस्त्र बलों के परिवारों और आश्रितों की देखभाल करना नागरिक आबादी की जिम्मेदारी है, जो पूरे देश के कल्याण और सुरक्षा के लिए इतना त्याग करते हैं। सशस्त्र बलों में कार्यरत पुरुष और महिलाएं अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और अपनी जवानी देश को समर्पित करते हैं। वे सभी भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग देते हैं और देश के नागरिकों पर आतंक और त्रासदी फैलाने के लिए तैयार ताकतों से देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (AFFDF) का प्रबंधन केंद्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा किया जाता है। इस कोष का नेतृत्व केंद्र में रक्षा मंत्री और राज्य या केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर राज्यपाल या उपराज्यपाल करते हैं।झंडा दिवस मनाने के पीछे तीन मुख्य उद्देश्य हैं- युद्ध में हताहतों का पुनर्वास, सेवारत कार्मिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण का ध्यान रखना, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का पुनर्वास और कल्याण।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस 
#InternationalCivilAviationDay

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस की  शुरुआत 1994 में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ ) की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर की गई थी। 1996 में, आईसीएओ की पहल और कनाडा सरकार की सहायता से, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इसका उद्देश्य दुनिया के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विमानन, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के महत्त्व को पहचानना है। 1944 में 54 देशों के प्रतिनिधियों ने शिकागो में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन पर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए। इस कन्वेंशन को ‘शिकागो कन्वेंशन’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसने वैश्विक नागरिक उड्डयन प्रणाली को शांतिपूर्ण और लाभकारी तरीके से विकसित करने की अनुमति दी है। 1994 में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) ने 50वीं वर्षगांठ गतिविधियों के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस की स्थापना की। 1996 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव A/RES/51/33 को अपनाया, जिसने आधिकारिक तौर पर 7 दिसंबर को UN प्रणाली में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में मान्यता दी। यह दिन नागरिक उड़ान के लिए अहम घटना के रूप में मनाया जाता है और लोगों को इस क्षेत्र में साझा जिम्मेदारी और सहयोग के महत्व को समझाने का अवसर प्रदान करता है।(विभिन्न स्रोत)






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