31 दिसंबर
साल का अंतिम दिन
31 दिसंबर को साल के आखिरी दिन और नए साल की खुशी के रूप में मनाया जाता है। इसे नए साल की पूर्व संध्या भी कहा जाता है जहाँ लोग एक साथ इकट्ठा होकर जश्न मनाते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण दिन है जो लोगों को एक नई शुरुआत करने का अवसर प्रदान करता है।
भारत की गुलामी का दिवस
भारत के इतिहास में 31 दिसंबर का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इसी दिन भारत को लेकर अंग्रेजों की गुलामी की बुनियाद पड़ी थी। साल 1600 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कंपनी के पंजीकरण का शाही फरमान जारी किया था। आज ही तय हो गया था कि यह कंपनी पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया और भारत के साथ व्यापार करेगी। तब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना मुख्य रूप से मसालों के व्यापार के लिए की गई थी, लेकिन समय के साथ कंपनी ने अपने व्यापार का दायरा इतना बढ़ा लिया कि देश को ही गुलाम बना लिया।
विश्व आध्यात्मिकता दिवस
World Spirituality Day
विश्व आध्यात्मिकता दिवस उन सभी के लिए एक मौका है जो अपने जीवन में आध्यात्मिकता को महत्व देते हैं और आध्यात्मिक जीवन जीना चाहते हैं। जैसे साल के अन्य दिन किसी ना किसी त्योहार या जयंती को समर्पित होते हैं वैसे ही 31 दिसंबर अध्यात्म को समर्पित दिन है।आध्यात्मिक होने का अर्थ है कि आप अपने अनुभव के धरातल पर जानते हैं कि मैं स्वयं ही अपने आनंद का स्रोत हूं। आध्यात्मिकता मंदिर, मस्जिद या चर्च में नहीं, बल्कि आपके अंदर ही घटित हो सकती है। यह अपने अंदर तलाशने के बारे में है। यह तो खुद के रूपांतरण के लिए है। यह उनके लिए है, जो जीवन के हर आयाम को पूरी जीवंतता के साथ जीना चाहते हैं। अस्तित्व में एकात्मकता व एकरूपता है और हर इंसान अपने आप में अनूठा है। इसे पहचानना और इसका आनंद लेना आध्यात्मिकता का सार है।आध्यात्मिकता का किसी धर्म, संप्रदाय या मत से कोई संबंध नहीं है। आप अपने अंदर से कैसे हैं, आध्यात्मिकता इसके बारे में है। आध्यात्मिक होने का मतलब है, भौतिकता से परे जीवन का अनुभव कर पाना। अगर आप सृष्टि के सभी प्राणियों में भी उसी परम-सत्ता के अंश को देखते हैं, जो आपमें है, तो आप आध्यात्मिक हैं। अगर आपको बोध है कि आपके दुख, आपके क्रोध, आपके क्लेश के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है, बल्कि आप खुद इनके निर्माता हैं, तो आप आध्यात्मिक मार्ग पर हैं। आप जो भी कार्य करते हैं, अगर उसमें सभी की भलाई निहित है, तो आप आध्यात्मिक हैं। अगर आप अपने अहंकार, क्रोध, नाराजगी, लालच, ईष्र्या और पूर्वाग्रहों को गला चुके हैं, तो आप आध्यात्मिक हैं। बाहरी परिस्थितियां चाहे जैसी हों, उनके बावजूद भी अगर आप अपने अंदर से हमेशा प्रसन्न और आनंद में रहते हैं, तो आप आध्यात्मिक हैं। अगर आपको इस सृष्टि की विशालता के सामने खुद की स्थिति का एहसास बना रहता है तो आप आध्यात्मिक हैं। आपके अंदर अगर सृष्टि के सभी प्राणियों के लिए करुणा फूट रही है, तो आप आध्यात्मिक हैं।
विश्व शांति ध्यान दिवस
World Peace Meditation Day
हर साल, विश्व शांति ध्यान दिवस 31 दिसंबर को मनाया जाता है, क्योंकि पूरी दुनिया एक नए साल की शुरुआत पर विचार करती है। यह लोगों को आत्म-नियंत्रण और व्यक्तिगत विकास जैसी अवधारणाओं के प्रति अधिक जागरूक बनाकर दुनिया में शांतिपूर्ण संबंधों के एक नए युग की शुरुआत करने का वादा करता है। यह आम तौर पर जाना जाता है कि जब लोग खुद के साथ शांति में होते हैं, तो वे अपने समुदाय और देश में शांतिपूर्ण संबंधों की तलाश करने और उन्हें बनाने की अधिक संभावना रखते हैं। यहां तक कि दुनिया के उन हिस्सों में भी जो युद्ध से प्रभावित हैं, ध्यान हिंसा से प्रभावित लोगों को उनके नुकसान से उबरने और उनके आसपास होने वाली घटनाओं से नकारात्मक रूप से प्रभावित होने से बचने में मदद कर सकता है।विश्व शांति ध्यान दिवस का उद्देश्य विभिन्न जातियों और पृष्ठभूमियों के लोगों को एक वैश्विक मंच पर एकजुट करना है। विश्व शांति ध्यान दिवस ध्यान और विभिन्न धर्मों के लोगों के साथ सहयोग के माध्यम से विविधता और शांति को भी बढ़ावा देता है। यह अंततः विश्व शांति स्थापित करने और युद्ध और हिंसा को रोकने में मदद करता है।1980 के दशक में, यरूशलेम में एक सामाजिक प्रयोग किया गया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ध्यान का अभ्यास शांति को बढ़ावा दे सकता है। इस प्रयोग में एक हज़ार से ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और प्रतिभागियों को समूहों में ध्यान का अभ्यास करने के लिए कहा गया। यह प्रयोग सफल रहा।शोधकर्ताओं ने देखा कि ध्यान का अभ्यास करने वाले लोगों के समूह शांत और तनावमुक्त रहे। देश में युद्ध के प्रतिकूल प्रभावों से प्रभावित होने की संभावना कम थी। विश्व शांति ध्यान दिवस विभिन्न देशों द्वारा अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। कुछ लोग इसे विश्व उपचार दिवस कहते हैं जबकि कुछ इसे शांति के सार्वभौमिक घंटे के रूप में मनाते हैं। लोगों में शांति और सद्भाव की भावना जगाने के लिए विभिन्न प्रकार के ध्यान अभ्यास किए जाते हैं।(विविध स्रोत)
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