Friday, December 20, 2024

21 दिसंबर

21 दिसंबर 
विश्व ध्यान दिवस
World Meditation Day 
21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाता है। 7 दिसंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया। भारत के साथ ही अन्य देशों की कोशिशों से यह सफलता मिली है।  भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘विश्व ध्यान दिवस’ शीर्षक वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि विश्व ध्यान दिवस पर प्रस्ताव को अपनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका ‘‘हमारे सभ्यतागत सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के अनुरूप समग्र मानव कल्याण और इस दिशा में विश्व के नेतृत्व के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’’ लिकटेंस्टीन द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को बांग्लादेश, बुल्गारिया, बुरुंडी, डोमिनिकन गणराज्य, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, मॉरीशस, मोनाको, मंगोलिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्लोवेनिया ने भी सह-प्रायोजित किया। 2024 में विश्व ध्यान दिवस की थीम 'आंतरिक शांति, वैश्विक सद्भाव' है। पतंजलि के योगसूत्र से लेकर गीता के उपदेश तक हर जगह ध्यान को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। भगवद् गीता में ध्यान को एक योगक्रिया बताया गया है। जो आपको आत्म अनुशासन की ओर ले जाता है। निरंतर इसका अभ्यास करने से एकाग्रता बढ़ती है, तनाव से मुक्ति मिलती है। मानसिक स्थिरता और संतुलन भी ध्यान करने से प्राप्त होता है। विकारों से मुक्ति पाने और मन की निर्मलता के लिए भी ध्यान किया जाता है। ध्यान जब गहन होने लगता है तो समाधि व्यक्ति को प्राप्त होती है। ध्यान के जरिए आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। यानि ध्यान वह योग प्रक्रिया है जिसके जरिये हम स्वयं पर सिद्धि प्राप्त करते हैं। ध्यान करने वाले व्यक्ति का मन नियंत्रित रहता है और वो वर्तमान में जीता है। मानसिक और शारीरिक स्थिरता को ध्यान कहना गलत नहीं होगा।

विंटर सोलस्टाइस- साल का सबसे छोटा दिन 
Winter Solstice 
हर साल 21 दिसंबर को विंटर सोलस्टाइस मनाया जाता है। यह साल का सबसे छोटा दिन होता है। विंटर सोलस्टाइस को अंधकार का दिन या शीत दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होने लगता है जिसकी वजह से दिन का समय धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और रात का समय धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसे नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि अंधेरे के बाद हमेशा प्रकाश आता है। वर्ष में एक बार सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटा दिन होता है। 21 मार्च को दिन और रात बराबर होते हैं। 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन रहता है। 21 और कभी कभी 22 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन रहता है। पृथ्वी के अपनी धुरी पर आवर्तन के दौरान साल में एक दिन ऐसा आता है, जब दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की धरती से दूरी सबसे ज्यादा होती है। नतीजतन 21 दिसंबर का दिन साल में सबसे छोटा होता है और इस दिन रात सबसे लंबी होती है। इस दिन को विंटर सोलस्टाइस कहा जाता है। 21 दिसंबर को सूर्य के पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होने के कारण धरती पर किरणें देर से पहुंचती हैं। इस वजह से तापमान में भी कुछ कमी दर्ज की जाती है। अलग-अलग देशों में इस दिन विभिन्न त्योहार भी मनाए जाते हैं। पश्चिमी देशों का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस भी विंटर सोलस्टाइस के तुरंत बाद आता है। इसी तरह चीन सहित पूर्वी एशियाई देशों में बौद्ध धर्म के यीन और यांग पंथ से जुड़े लोग विंटर सोलस्टाइस को एकता और खुशहाली बढ़ाने के लिए एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने वाला दिन मानते हैं। 

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