राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस
National Energy Conservation Day
ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1991 से राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है ।
ऊर्जा संरक्षण अनवरत विकास की आधारशिला है, जो प्रगति और पर्यावरण प्रबंधन से जुड़ी हुई है। भारत में प्रति वर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है और टिकाऊ ऊर्जा प्रथाओं को अपनाने की अहम जरूरत को दर्शाता है। एक औपचारिक अवसर से कहीं अधिक, यह लोगों, उद्योगों और संस्थानों के लिए ऊर्जा दक्षता को अपनाने हेतु एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है, जिससे एक हरित, अधिक सामंजस्यपूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हमारे जीवन में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका और इसके संरक्षण की जरूरत का स्मरण कराता है। वर्ष 1991 से शुरू इस दिवस को विद्युत मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) मनाता है, जो ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ऊर्जा संरक्षण का सीधा मतलब कुशल प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों के सहारे अनावश्यक ऊर्जा उपयोग को कम करना है। यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है जिसमें ऊर्जा के प्रति जागरूक व्यवहार को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना आवश्यक है। ऐसा करके, हम न केवल भावी पीढ़ियों के लिए संसाधन बचाते हैं बल्कि पर्यावरण क्षरण को कम करने में भी योगदान देते हैं। यह दिन लोगों को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करने पर भी केंद्रित है तथा ऊर्जा संसाधनों को बचाने की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देता है। दुनियाभर में पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है और उसी के अनुरूप ऊर्जा की खपत भी निरन्तर बढ़ रही है। दूसरी ओर जिस तेजी से ऊर्जा की मांग बढ़ रही है, उससे भविष्य में परम्परागत ऊर्जा संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है। अगर ऐसा होता है तो मानव सभ्यता के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। यही कारण है कि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाने के लिए विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान देते हुए इसके प्रतिस्थापन के लिए अन्य संसाधनों को विकसित करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऊर्जा के अपव्यय को कम करने, ऊर्जा बचाने और इसके संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही देश में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस प्रतिवर्ष एक खास विषय के साथ कुछ लक्ष्यों तथा उद्देश्यों को मद्देनजर रखते हुए लोगों के बीच इन्हें अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए मनाया जाता है। वास्तव में इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को न्यूनतम करते हुए लोगों को मानवता के सुखद भविष्य के लिए ऊर्जा की बचत के लिए प्रेरित करना ही है। इसी क्रम में विद्युत मंत्रालय द्वारा देश में ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए 'राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण अभियान' शुरू किया गया। यह एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान बन गया है। (विविध स्रोत)
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