6 दिसंबर
महापरिनिर्वाण दिवस
#AmbedkarMahaparinirvanDiwas
प्रति वर्ष 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव राम अंबेडकर की पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई जाती है। डॉक्टर अंबेडकर एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल भारतीय संविधान का निर्माण किया, बल्कि सामाजिक न्याय और हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए अपना जीवन भी समर्पित कर दिया। भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाने जाने वाले डॉ. अंबेडकर का देश के कानूनी और सामाजिक ढांचे में योगदान आज भी देश को आकार दे रहा है। महापरिनिर्वाण दिवस पर, लोग मुंबई में चैत्यभूमि पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनकी विरासत पर विचार करने के लिए एकत्रित होते हैं। हर साल, इस महत्वपूर्ण दिन पर, हज़ारों लोग, खास तौर पर महाराष्ट्र और देश भर से, डॉ. अंबेडकर के अंतिम विश्राम स्थल चैत्यभूमि पर आते हैं। यह स्थान उनके अनुयायियों के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह न केवल देश के लिए उनके योगदान का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि समानता और न्याय के उनके संदेश का भी प्रतिनिधित्व करता है।
गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस
#GuruTegBahadurMartyrdomDay
मुगल आक्रांताओं से लोहा लेने वाले सिखों के नवें गुरु, गुरु तेग बहादुर ने 6 दिसंबर 1675 को अपना बलिदान दिया था। दिल्ली में मुगल आक्रांता औरंगजेब ने इस्लाम धर्म कबूल न करने पर गुरु तेग बहादुर का शीश कटवा दिया था। सिख समाज में शहीदी पर्व की बहुत मान्यता है। आगरा में गुरुद्वारा गुरु का ताल परिसर में स्थित गुरुद्वारा मंजी साहिब का इतिहास बेहद खास है। ये वही गुरुद्वारा है। जहां मुगल शासक औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को कैद किया। गुरुद्वारा मंजी इसके बाद मुगल आक्रांता ने उन्हें परिसर में स्थित पावन पवित्र भोरा साहिब में कैद रखा। ये दोनों स्थान सिक्ख समाज के लिए बेहद खास है। जो भी सिख श्रद्धालु यहां आते हैं। वह गुरु तेग बहादुर के स्मृति स्थल पर मत्था टेकने जरूर जाते हैं।
अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस दिवस
#AyodhyaDisputedStructureDemolitionDay
6 दिसंबर, 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे को ढहा दिया गया था. देश के इतिहास में ये ऐसा दिन था, जो आज तक तक चर्चा के केंद्र में रहता है । १९९२ में ६ दिसंबर को उत्तर प्रदेश का अयोध्या हजारों कारसेवकों की मौजूदगी से हिल गया। 6 दिसंबर, 1992 को जय श्री राम के नारे लगाते हुए कारसेवक बाबरी मस्जिद के गुंबदों पर चढ़ गए और उसे जमींदोज कर टेंट में रामलला की मूर्ति रख दी। कुछ राजनीतिक हलकों में यह तारीख जहां शौर्य के प्रतीक के तौर पर देखी जाती है, वहीं विध्वंस को अपराध बताते हुए 'संविधान बचाओ' का नारा भी बुलंद किया जाता है।
मैत्री दिवस
#FriendshipDay
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, २०२१ में भारत ने 6 दिसंबर को बांग्लादेश के साथ मैत्री दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसके पीछे कारण यह है कि, सन 1971 में इसी दिन नई दिल्ली ने ढाका को मान्यता दी थी। मार्च २०२१ में पीएम नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान, 6 दिसंबर को मैत्री दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया था। 1971 में बांग्लादेश की आजादी से ठीक 10 दिन पहले, 6 दिसंबर 1971 को भारत ने बांग्लादेश को मान्यता दी थी। भारत ही पहला देश था जिसने बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय और राजनयिक संबंध स्थापित किए। बांग्लादेश और भारत के अलावा दुनिया भर के 18 देशों में इस दिन मैत्री दिवस मनाया जाता है। मैत्री दिवस मनाने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, कनाडा, मिस्र, इंडोनेशिया, रूस, कतर, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, मलेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और यूएई सरीखे देश शामिल हैं।