Friday, January 17, 2025

18 जनवरी

18 जनवरी 
विश्व शांति दिवस 
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 53 वीं पुण्यतिथि 18 जनवरी को संगठन की ओर से विश्व शान्ति दिवस मनाया जाता है। विश्व के 137 देशों में संगठन के 8500 से अधिक सेवा केन्द्रों में इसके 10 लाख सदस्य आज का सारा दिन आत्म चिन्तन में बिताते हैं और राजयोग के अभ्यास के द्वारा समग्र विश्व में शान्ति का संदेश देते हैं। 18 जनवरी 1969 को प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ब्रह्मलीन हुए थे। यह दिवस समग्र मानव जाति के लिए दिव्यता संपन्न जीवन बनाने का संदेश लेकर आता है। विश्व में शान्ति और सद्भावना के लिए कार्यरत ब्रह्माकुमारी संगठन ने दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में की जा रही उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए इसे यूनिसेफ तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में सलाहकार का दर्जा प्रदान किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1981 में विश्व शान्ति दूत पदक प्रदान कर भी सम्मानित किया है।

राष्ट्रीय थिसॉरस दिवस
National Thesaurus Day
राष्ट्रीय थिसॉरस दिवस हर साल 18 जनवरी को मनाया जाता है। यह पीटर मार्क रोगेट की जयंती का प्रतीक है। जो रोगेट के थिसॉरस के लेखक थे, जिनका जन्म 18 जनवरी, 1779 को हुआ था।यह हमें उस पुस्तक का सम्मान, प्रशंसा, सराहना, जश्न मनाने, प्रशंसा करने और सराहना करने का अवसर देता है जो हमें समानार्थक शब्द प्रदान करता है ताकि हम आज और हर रोज अपने लेखन को बढ़ा सकें।(विविध स्रोत)

Thursday, January 16, 2025

17 जनवरी

17 जनवरी 
ग्राहक सेवा दिवस 
Customer Service Day 
अमेरिका सहित कई देशों में हर साल 17 जनवरी को ग्राहक सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है ग्राहक सेवा के महत्व को बढ़ावा देना और ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनके काम के लिए धन्यवाद देना और सम्मानित करना। ग्राहकों के साथ सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है। 1983 में संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय ग्राहक सेवा दिवस संगठन (NCSDO) के संस्थापक, जेम्स एफ. राइट ने ग्राहक सेवा दिवस मनाने की शुरुआत की थी। राइट का मानना था कि ग्राहक सेवा एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है और ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए। 1983 में NCSDO ने पहली बार ग्राहक सेवा दिवस का आयोजन किया जिसमें कुल 19 राज्यों के ग्राहक सेवा प्रदाताओं ने भाग लिया था। तब से लेकर हर साल दुनिया भर में ग्राहक सेवा दिवस मनाया जाता है। ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए सम्मानित किया जाता है।(विविध स्रोत)

Wednesday, January 15, 2025

16 जनवरी

16 जनवरी 
राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस
National Start-up Day 
भारत में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को मनाया जाता है। देशभर में स्टार्टअप और विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों के योगदान को बढ़ावा देने के लिए 15 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की शुरुआत की थी और उसी समय से प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। स्टार्टअप आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को नई दिशा दिखाने और भारतीय स्टार्टअप कारोबारियों की उपलब्धियों को बढ़ावा देने का काम करता है। स्टार्टअप की भावना को प्रोत्साहित करने भारत सरकार द्वारा एक मंच बनाया गया जिसके माध्यम से 16 जनवरी 2022 से नेशनल स्टार्टअप डे मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है युवाओं में मन में स्टार्टअप के विचार लाना, मेक-इन-इंडिया जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना और इसी के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाना। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 10 से 16 जनवरी तक पूरे सप्ताह को राष्ट्रीय स्टार्टअप सप्ताह के रूप में चिह्नित किया है। भारत में स्टार्टअप समुदाय की सफलताओं का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है। यह दिवस स्टार्टअप व्यवसाय के मालिकों को भारत के युवाओं के लिए नवाचार और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के बारे में बात करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य स्टार्टअप पहलों के महत्व को उजागर करना और उन्हें बड़े पैमाने पर समाज के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत करना है। इस पहल का लक्ष्य युवाओं को उद्यमिता को अपने प्राथमिक करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।

राष्ट्रीय लोकपाल दिवस 
भारत के लोकपाल ने 14.03.2024 को आयोजित अपनी बैठक में राय व्यक्त की थी कि धारा 1(4) के अंतर्गत 16.01.2014 को जारी अधिसूचना द्वारा भारत के लोकपाल नामक निकाय की स्थापना के फलस्वरूप प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को 'लोकपाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। लोकपाल दिवस भारत के लोकपाल की स्थापना का प्रतीक है। इस दिवस का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में लोकपाल की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। लोकपाल एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था है जो भारत में सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार की जांच और समाधान करती है। यह भ्रष्टाचार और शिकायतों की शिकायतों को संभालने वाले एक “लोकपाल” निकाय के रूप में कार्य करता है। इस निकाय की स्थापना लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार से निपटना है। 1960 के दशक में प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) ने लोकपाल और लोकायुक्त के गठन की सिफारिश की थी।
भारत में लोकपाल की अवधारणा सबसे पहले अशोक कुमार सेन द्वारा प्रस्तावित की गई थी, और “लोकपाल” शब्द 1963 में डॉ. एलएम सिंघवी द्वारा गढ़ा गया था।लोकपाल विधेयक 1968 में पारित हुआ था, लेकिन यह निरस्त हो गया; इसे बार-बार पेश किया गया और अंततः अन्ना हजारे आंदोलन के बाद 2013 में यह कानून बन गया।लोकपाल का उद्देश्य भ्रष्टाचार से निपटने में अपनी भूमिका को मजबूत करना है। यह जन जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। भविष्य की पहलों में आउटरीच कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग शामिल हो सकते हैं। इसका लक्ष्य सार्वजनिक सेवा में जवाबदेही की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दिवस
National Religious Freedom Day 
अमेरिका में प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दिवस उस दिन की याद में मनाया जाता है, जिस दिन 16 जनवरी 1786 को धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वर्जीनिया क़ानून पर हस्ताक्षर किए गए थे। प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रपति की घोषणा द्वारा, 16 जनवरी को धार्मिक स्वतंत्रता दिवस घोषित किया जाता है। यह क़ानून किसी व्यक्ति को उत्पीड़न, जेल या हत्या के डर के बिना खुले तौर पर अपने धर्म का पालन करने की मौलिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इसके अतिरिक्त, क़ानून के तहत, प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी प्रतिशोध के अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से बदल सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, विभिन्न धर्मों के लोगों को अपने धर्म का पालन करने का समान अधिकार है। यह दिवस 1993 से मनाया जा रहा है।

राष्ट्रीय शून्य दिवस 
National Nothing Day 
प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को अमेरिका में लोग राष्ट्रीय शून्य दिवस मनाते हैं। इस दिवस की शुरुआत अमेरिकियों को एक राष्ट्रीय दिवस प्रदान करने के लिए की गई थी, जब वे बिना किसी उत्सव, उत्सव या सम्मान के बस बैठ सकते थे। 1972 में, स्तंभकार हेरोल्ड पुलमैन कॉफ़िन ने नेशनल नथिंग डे का प्रस्ताव रखा। 1973 से यह दिन पूरी तरह से मनाया जाता है। यह आयोजन कॉफ़िन के नेशनल नथिंग फ़ाउंडेशन द्वारा प्रायोजित है, जो कैपिटोला, कैलिफ़ोर्निया में पंजीकृत है। (विविध स्रोत)

Tuesday, January 14, 2025

15 जनवरी

15 जनवरी 
सेना दिवस 
भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। यह पहला मौका था कि भारतीय सेना की कमान भारतीय नेतृत्व के अधीन थी, और यह परिवर्तन अपने आप में भारत के सैन्य इतिहास के समय में एक मील का पत्थर साबित हुआ. तब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ़ के तौर पर पदभार ग्रहण किया था. फ्रांसिस बुचर भारतीय सेना में कमांडर-इन-चीफ़ का पद धारण करने वाले अंतिम ब्रिटिश व्यक्ति थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा उस समय लेफ्टिनेंट जनरल थे. उस समय करियप्पा की उम्र थी 49 साल. केएम करियप्पा ने 'जय हिंद' का नारा अपनाया जिसका मतलब है 'भारत की जीत'.तब से 15 जनवरी से हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है.यह दिन राष्ट्रीय रक्षा, शांति स्थापना और एकता को बढ़ावा देने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इस दिन भारतीय सैनिकों की उपलब्धियों, देश सेवा, अप्रतिम योगदान और त्याग को सम्मानित किया जाता है. भारतीय सेना में इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट की तादाद कुल 27 है. इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट का इस्तेमाल पैदल युद्ध यानी जमीनी लड़ाई के लिए किया जाता है.भारतीय सेना को कुल 40 डिवीज़न और 14 कोर में बांटा गया है, जिसमें भारतीय सेना के कुल 14 लाख से ज़्यादा सक्रिय जवान हैं, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना भी है. भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 में हुई थी. भारतीय सेना ने अब तक चार जंग लड़ी हैं, जिनमें साल 1948, 1965, 1971, और करगिल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ और 1962 में चीन के ख़िलाफ़ लड़ाई शामिल हैं. (विविध स्रोत)

14 जनवरी

14 जनवरी 

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस
Armed Forces Veterans Day 
भारतीय सशस्त्र बलों के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फिल्ड मार्शल के۔ एम۔ करियप्पा की सेवाओं की मान्यता और सम्मान में 14 जनवरी को वर्ष 2017 से हर साल सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। श्री करियप्पा 14 जनवरी, 1953 को सेवानिवृत्त हुए थे। सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर स्मरणोत्सव में राष्ट्र की सेवा में दिग्गज सैनिकों की निस्वार्थ भक्ति और बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। 14 जनवरी का यह दिन हमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी और उनके योगदान  की महत्ता भी याद दिलाता है। 2016 में भारतीय सरकार ने आधिकारिक रूप से 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की निस्वार्थ भक्ति, बलिदान और सेवा को याद करना और उनका सम्मान करना है। यह दिन हमारे पूर्व सैनिकों की वीरता, संघर्ष, और समाज के प्रति उनकी समर्पण भावना को मान्यता देने का अवसर है।

मकर संक्रांति 
प्रति वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है. पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है. मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है. इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है.मकर संक्रांति को उत्तरायण, खिचड़ी, पोंगल और बिहू के नाम से भी जाना जाता है। पूरे देश में यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति को खिचड़ी नाम से जाना जाता है और इस दिन घर-घर में खिचड़ी बनाई जाती है। वहीं बिहार में मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा खाने की परंपरा है। 
(विविध स्रोत)

Monday, January 13, 2025

13 जनवरी

13 जनवरी 
सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस
प्रतिवर्ष 13 जनवरी को सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों के कार्यों के सम्मान के लिए मनाया जाता है जिन्होंने रेडियो का आविष्कार कर पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया। यह दिन हमें रेडियो का महत्व याद दिलाता है। सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य रेडियो के महत्व को समझाना और उसके योगदान को मान्यता देना है। रेडियो, जो कभी एक सूचना और शिक्षा का प्रमुख साधन था, आज भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह दिन रेडियो प्रसारण की शुरुआत के ऐतिहासिक क्षण को याद करने का अवसर है। भारत में सार्वजनिक रेडियो प्रसारण की शुरुआत के बाद रेडियो ने न केवल लोगों तक जानकारी पहुंचाने का काम किया, बल्कि यह समाज की शिक्षा और जागरूकता का महत्वपूर्ण माध्यम भी बना। सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस रेडियो के इस योगदान को स्वीकार करने और इसकी भूमिका को समाज में महत्व देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन यह भी याद दिलाता है कि कैसे रेडियो ने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में लोगों को जोड़ने और उन्हें समाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाओं से अवगत करने का काम किया है।  न्यूयॉर्क में 13 जनवरी 1910 को दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया गया था। भारत में रेडियो इसके सत्रह बरस बाद आया। 23 जुलाई 1927 को मुंबई रेडियो-स्टेशन का उद्‌घाटन हुआ था। इसलिए 23 जुलाई को भारत में ‘राष्ट्रीय प्रसारण दिवस’ मनाया जाता है। 

लोड़ही 
लोहड़ी का त्योहार आमतौर पर 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सर्दी के मौसम और कृषि के महत्व से जुड़ा हुआ है। इसे मकर संक्रांति के साथ मनाया जाता है, जो नए कृषि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई के समय मनाया जाता है। इस दिन लोग अलाव जलाते हैं, नाचते गाते हैं, और एक-दूसरे से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। यह त्योहार कृषि समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फसल की समृद्धि और कृषि जीवन के संघर्षों से उबरने की खुशी का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार कृषि परंपराओं को सम्मानित करने, समुदाय को एकजुट करने और समृद्धि की कामना करने का एक अवसर है। इसके अलावा, यह दिन विशेष रूप से किसानों और खेतिहर मजदूरों के संघर्ष और मेहनत को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है। लोहड़ी के दौरान परिवार, दोस्त और पड़ोसी एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं, जो सामूहिकता और भाईचारे का प्रतीक है। (विविध स्रोत)

Saturday, January 11, 2025

12 जनवरी

12 जनवरी 
राष्ट्रीय युवा दिवस 
National Youth Day 
स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार ने साल 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था। स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और मानवता के प्रतीक थे। उनका जीवन और उनके विचार पूरी दुनिया में प्रेरणा का स्रोत बन गए। उन्होंने भारतीय दर्शन, वेदांत और योग को पश्चिमी देशों में प्रस्तुत किया और भारत को विश्व पटल पर गौरवान्वित किया। विवेकानंद जी ने अमेरिका के शिकागो शहर में हुई विश्व धर्म सभा को संबोधित किया और अपने ओजस्वी भाषण से हर किसी को प्रभावित किया। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और अपने भीतर विश्वास रखने की प्रेरणा दी। उनके विचार युवाओं को कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं। स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। इसीलिए स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है । स्वामी विवेकानंद' का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व स्वामी विवेकानन्द जी के विचार और कार्यों को को युवाओं के बीच पहुंचाना है ताकि देश के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों में युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। (विविध स्रोत)

Friday, January 10, 2025

11 जनवरी

11 जनवरी 
मानव तस्करी जागरूकता दिवस 
National Human Trafficking Awareness Day,
11 जनवरी को अमेरिका में राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस मनाया जाता है, जिसे WearBlueDay के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है मानव तस्करी की निरंतर समस्या के बारे में जागरूकता फैलाना। साथ ही मानव तस्करी पीड़ितों के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना। इस अवसर पर, कई संगठन विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित करते हैं। राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस की स्थापना 2007 में सीनेटर डायने फेंस्टीन (डी-कैलिफ़ोर्निया), जॉन कॉर्निन (आर-टेक्सास), बराक ओबामा (डी-आईएल), और डिक लुगर (आर-आईएन) द्वारा की गई थी। उसके बाद 2007 में, संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट ने 11 जनवरी को राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस के रूप में मनाने की पुष्टि के। तब से लेकर हर साल 11 जनवरी को ये दिवस मनाया जाता है। मानव तस्करी एक ऐसा गंभीर अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति को जबरन बलात्कार, वेश्यावृत्ति, या अन्य प्रकार के शोषण के लिए मजबूर किया जाता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति से देह व्यापार, गुलामी इत्यादि उनके इच्छा के विरुद्ध कराये जाते हैं। यह आधुनिक प्रकार का अपराध दुनियाभर में बहुत तेजी से अपने पंख फैला रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 2,25,000 लोग मानव तस्करी का शिकार होते हैं।

अंतरराष्ट्रीय धन्यवाद दिवस 
International Thank You Day 
अंतर्राष्ट्रीय धन्यवाद दिवस हर साल 11 जनवरी को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जो हमें याद दिलाता है कि हमें उन लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने किसी तरह से हमारे जीवन को बेहतर बनाया है। साल की शुरुआत से बेहतर इस पर विचार करने का महीना और क्या हो सकता है? हम अक्सर "धन्यवाद" कहना भूल जाते हैं, क्योंकि हम इसे हल्के में लेते हैं या हम मान लेते हैं कि दूसरे जानते हैं कि हम कैसा महसूस करते हैं। इस दिन की शुरूआत हमेशा धन्यवाद कहने के महत्व को पहचानने के लिए की गई थी।माना जाता है कि 'धन्यवाद' शब्द की उत्पत्ति लगभग 450 और लगभग 1100 के बीच हुई थी। पुरानी अंग्रेज़ी संज्ञा का अर्थ था "विचार।" इसके अर्थ की प्रगति को "ऑक्सफ़ोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी" द्वारा प्रलेखित किया गया था, और यह "अनुकूल विचार या भावना, सद्भावना" बन गया। यह आगे चलकर मध्य युग में "किसी के प्रति उपकार या सेवाओं के लिए दयालु विचार या भावना" में विकसित हुआ। धन्यवाद कहने की आदत 16वीं और 17वीं शताब्दी की वाणिज्यिक क्रांति के दौरान शुरू हुई। यह मध्यम वर्ग के बीच लोकप्रिय था जो इसे अक्सर इस्तेमाल करते थे क्योंकि यह एक ऐसी भाषा थी जिसे कार्यालयों और दुकानों में सुना और इस्तेमाल किया जाता था। पिछले 500 वर्षों से इसका उपयोग दुनिया भर में फैल गया है। (विविध स्रोत)

Thursday, January 9, 2025

10 जनवरी

10 जनवरी 
विश्व हिन्दी दिवस 
दुनिया भर में हिन्दी भाषा प्रेमी, 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर, हिन्दी की मधुरता का जश्न मनाते हैं. अंग्रेज़ी और चीनी भाषा के बाद, हिन्दी विश्व स्तर पर तीसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाला भाषा है. अनुमानों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 60 करोड़ लोग हिन्दी भाषी हैं. संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक व सांस्कृतिक संगठन - UNESCO ने 1948 में हिन्दी को अपनी आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल किया था. तभी से भारत व पड़ोसी देशों में यूनेस्को का बहुत सारा काम हिन्दी में किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में, पहली बार 1949 में हिन्दी भाषा का प्रयोग हुआ था. भारत में 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी। तभी से यह दिवस विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. दरअसल विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित- प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाने का एक खास मकसद दुनियाभर में हिंदी भाषा बोलने वालों को एक सूत्र में पिरोना है। भारत के अलावा, फ़िज़ी, सूरीनाम, त्रिनिदाद, केनया, यूगाण्डा, तंज़ानिया, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशों में भी हिन्दी काफ़ी व्यापक दायरे में बोली और समझी जाती है, और हिन्दी विश्व में चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है. यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधिमण्डल के आँकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में हिन्दी बोलने और समझने वाले लगभग 10 लाख लोग रहते हैं. ब्रिटेन (UK) में लगभग 50 हज़ार हिन्दी भाषी बसते हैं, जबकि जर्मनी में भी लगभग 20 हज़ार हिन्दी भाषी व प्रेमी रहते हैं. न्यूज़ीलैण्ड और सिंगापुर में भी बड़ी संख्या में हिन्दी भाषी लोग हैं.विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीशस में स्थित है और अनेक देशों में हिन्दी को सरकारी संरक्षण हासिल है. (विविध स्रोत)

Wednesday, January 8, 2025

9 जनवरी

9 जनवरी 
प्रवासी भारतीय दिवस 
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के हर योगदान के लिए 9 जनवरी को मनाया जाता है। 9 जनवरी के दिन इस अवसर का जश्न मनाने के बाद 1915 में इस दिन पर महात्मा गांधी, सबसे बड़े प्रवासी, दक्षिण अफ्रीका से भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया गया और हमेशा के लिए भारतीयों के जीवन को बदल दिया गया। के रूप में चुना गया था. 2003 के बाद से हर साल आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलनों में प्रवासी भारतीय समुदाय एक मंच के रूप में सरकार और शैक्षिक रूप से अपने देश की भूमि के लोगों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। इन सम्मेलनों में प्रवासी भारतीय समुदाय दुनिया के विभिन्न संस्कृतियों में रहने वाले के बीच नेटवर्किंग में भी बहुत उपयोगी होते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपने समुदायों को साझा करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना है।प्रवासी भारतीय दिवस हर दो साल में एक बार मनाया जाता है, ताकि भारत सरकार के साथ प्रवासी भारतीय समुदाय के जुड़ाव को मजबूत किया जा सके और उन्हें उनकी सांस्कृतिक जड़ों से फिर से जोड़ा जा सके।  2015 से, इसके प्रारूप को संशोधित किया गया है, ताकि हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा सके और इस बीच की अवधि में प्रवासी विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और हितधारकों की भागीदारी के साथ थीम आधारित प्रवासी भारतीय सम्मेलन आयोजित किए जा सकें। ये सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदाय को पारस्परिक रूप से लाभकारी गतिविधियों के लिए अपने पूर्वजों की भूमि की सरकार और लोगों के साथ जुड़ने का एक मंच प्रदान करते हैं। ये सम्मेलन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच नेटवर्किंग में भी बहुत उपयोगी हैं और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करने में सक्षम बनाते हैं।

Tuesday, January 7, 2025

8 जनवरी

8 जनवरी 
पृथ्वी घूर्णन दिवस
अर्थ रोटेशन डे 
हर साल 8 जनवरी को अर्थ रोटेशन डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लियोन फौकॉल्ट के उस प्रदर्शन को याद करना, जो उन्होंने साल 1851 में दिखाया था। आपको बता दें कि 1851 में लियोन फौकॉल्ट ने अपने एक मॉडल से साबित किया कि धरती अपनी धुरी पर घूमती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है धरती की घूर्णन गति के बारे में जागरूकता बढ़ाना। 8 जनवरी 1851 के दिन फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लियोन फौकाल्ट ने पृथ्वी के घूमने के तरीके को जनता के सामने प्रदर्शित किया था। आपको बता दें कि लियोन फौकॉल्ट के मॉडल में एक लंबी पेंडुलम थी। जिसे उन्होंने एक अंधेरे कमरे में लटका दिया। ऐसे में देखा गया कि पेंडुलम के दोलन की दिशा समय के साथ बदल रहा था। यही परिवर्तन धरती की घूर्णन गति के कारण होता है। धरती अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। धरती अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर धरती की घूर्णन गति सबसे कम होती है। समय के साथ धरती की घूर्णन गति बदलती रहती है और इसी के कारण दिन और रात होते हैं। पृथ्वी जिस अक्ष पर घूमती है, वह एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी के बीच से सीधी खींची गई है। यह अक्ष उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से जोड़ता है। पृथ्वी इस लगभग ऊर्ध्वाधर अक्ष पर हर 24 घंटे में घूमती है। इस कारण से, एक दिन में 24 घंटे होते हैं। इसके अतिरिक्त, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में इसे 365 दिन से थोड़ा अधिक समय लगता है। इस कारण, 365 दिन एक वर्ष के बराबर होते हैं। पृथ्वी का घूमना सिर्फ़ यह तय नहीं करता कि हमारा दिन या साल कितना लंबा होगा। पृथ्वी का घूमना मौसमों को भी निर्धारित करता है। जैसे-जैसे पृथ्वी घूमती है, सूर्य विभिन्न कोणों पर तीव्र होता जाता है। पूरे वर्ष अंतरिक्ष में पृथ्वी की विभिन्न स्थितियाँ हमें अलग-अलग नक्षत्रों को देखने की भी अनुमति देती हैं।(विविध स्रोत)

Monday, January 6, 2025

7 जनवरी

7 जनवरी 
ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस डे 
कई रूढ़िवादी ईसाई हर साल 7 जनवरी या उसके आस-पास क्रिसमस दिवस मनाते हैं, ताकि ईसाई बाइबिल में वर्णित ईसा मसीह के जन्म को याद किया जा सके। यह तिथि जूलियन कैलेंडर के अनुसार काम करती है जो ग्रेगोरियन कैलेंडर से पहले की है।कुछ पूर्वी रूढ़िवादी चर्च, जिनमें रूसी और अन्य परंपराएँ शामिल हैं, प्राचीन जूलियन कैलेंडर का पालन करते हैं, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर से 13 दिन बाद चलता है, जिसका इस्तेमाल कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट चर्चों के साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष दुनिया के अधिकांश लोग रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए करते हैं। अन्य रूढ़िवादी, जिनमें ग्रीक परंपरा वाले और अब, कुछ यूक्रेनी चर्च शामिल हैं, पश्चिमी चर्चों के समान ही क्रिसमस मनाते हैं।

Sunday, January 5, 2025

6 जनवरी

6 जनवरी 
विश्व युद्ध अनाथ दिवस 
World War Orphan Day 
हर साल 6 जनवरी को विश्व युद्ध अनाथ दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य युद्ध के परिणामस्वरूप अनाथ हुए बच्चों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन का लक्ष्य युद्ध में अनाथ हुए बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बच्चों के बड़े होने पर उनके सामने आने वाली मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और शारीरिक बाधाओं पर ज़ोर देना है। किसी युद्ध या संघर्ष के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व युद्ध अनाथ दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत फ्रांसीसी संगठन एसओएस एनफैंट्स एन डिट्रेस (SOS Enfants en Detresses) ने की गई थी, जिसका उद्देश्य अनाथ बच्चों की मदद करना था।एसओएस एनफैंट्स एन डेट्रेस, एक फ्रांसीसी संगठन ने विश्व युद्ध अनाथ दिवस की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार, लगभग 9,00,000 बच्चे पूर्वोत्तर में रहते हैं, उन सभी पर युद्ध का बहुत बुरा असर पड़ा है, चाहे शिक्षा, भोजन, आवास या शारीरिक क्षति की कमी के कारण। आईडीपी (अंतर्राष्ट्रीय विस्थापित व्यक्ति) वे लोग हैं जिन्हें अपने घर, रोजगार के स्थान और संपत्ति सहित सब कुछ छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। यह महत्वपूर्ण है कि वे भूखे न रहें या बीमारी का शिकार न हों।(विविध स्रोत)

Saturday, January 4, 2025

5 जनवरी

5 जनवरी 
राष्ट्रीय पक्षी दिवस (अमेरिका)
हर साल 5 जनवरी को अमेरिका में राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य पक्षियों और उनके आवासों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह दिन पक्षियों के परिस्थितिकी महत्व और उनके संरक्षण के दिशा में बेहतर बनाने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय पक्षी दिवस, मनाने की शुरूआत 2002 में अमेरिका में हुई। यह विशेष दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 5 जनवरी वार्षिक "क्रिसमस बर्ड काउंट" का दिन भी है। यह वार्षिक राष्ट्रीय अवकाश अमेरिका में काफी समय से मनाया जाता रहा है। इसके जरिए संयुक्त राज्य अमेरिका में पक्षियों की संख्या और स्थिति दोनों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। क्रिसमस बर्ड काउंट मनाया जाता है, जो दुनिया की सबसे बड़ी नागरिक विज्ञान परियोजना है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में जंगली पक्षियों की गणना करती है। यह काम तीन सप्ताह तक चलता है।यह दिन पक्षी प्रेमियों के लिए एक खास दिन है। बता दें कि बॉर्न फ्री यूएसए और एवियन वेलफेयर गठबंधन ने वर्ष 2002 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। वहीं भारत में यह दिन 12 नवंबर को मनाया जाता है।Born Free USA के अनुसार, दुनिया की लगभग 10,000 पक्षी प्रजातियों में से 12 फीसदी विलुप्त होने की कगार पर हैं. राष्ट्रीय पक्षी दिवस समारोह इन पारिस्थितिक समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में पक्षियों की रक्षा और संरक्षण के लिए लोगों को शिक्षित करने के लिए एक मंच और अवसर प्रदान करता है.इस दिवस की सहायता से अब पूरी दुनिया ये समझने लगी है कि किस तरह से पक्षी हमारे जीवन के लिए उपयोगी हैं.राष्ट्रीय पक्षी दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए लोग बर्ड वाचिंग के अलावा पक्षियों से संबंधित कई तरह के गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं. पक्षियों के बारे में अध्ययन करते हैं और दूसरों को शिक्षित करते हैं. लोग अक्सर पक्षियों को एडॉप्ट करके अपना समर्थन देते हैं. कई लोग पक्षियों की प्रजातियों के बारे में जानने के लिए पुस्तकों की मदद लेते हैं. अनुमान है कि इस सदी के अंत तक लगभग 1200 पक्षी प्रजातियां विलुप्त होकर हमेशा के लिए नष्ट हो जाएंगी. (विविध स्रोत)

4 जनवरी

4 जनवरी 
विश्व ब्रेल दिवस
World Braille Day
 2019 से प्रति वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन अंधे और आंशिक रूप से दृष्टिहीन लोगों के मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।  6 नवंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें हर साल 4 जनवरी को ‘विश्व ब्रेल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। 4 जनवरी ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्मदिन है, जिनका जन्म फ्रांस में 1809 में हुआ था। लुई ब्रेल की याद में और शिक्षा, संचार और सामाजिक समावेशन में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।ब्रेल लिपि एक प्रकार की लिपि है जिसका प्रयोग दृश्य-बाधितों के लिए लिखने और पढ़ने के लिए किया जाता है। इस लिपि में नेत्रहीन लोग कागज पर उभरे हुए बिंदुओं के स्पर्श के जरिए पढ़ते-लिखते हैं। बता दें कि इस लिपि के जरिए बुक भी लिखा जा सकता है।ब्रेल कोई भाषा नहीं है बल्कि यह एक कोड है जिसका उपयोग किसी भी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। ब्रेल कई भाषाओं में उपलब्ध है जैसे संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू, स्पेनिश व अन्य भाषाएं। ब्रेल वर्णमाला और संख्यात्मक प्रतीकों का एक स्पर्शनीय प्रतिनिधित्व है जिसमें प्रत्येक अक्षर और संख्या को दर्शाने के लिए छह बिंदुओं का उपयोग किया जाता है, और यहां तक कि संगीत, गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीकों का भी। ब्रेल (19वीं शताब्दी के फ्रांस में इसके आविष्कारक लुई ब्रेल के नाम पर) का उपयोग अंधे और आंशिक रूप से दृष्टिहीन लोग उन्हीं पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए करते हैं जो दृश्य फ़ॉन्ट में छपी होती हैं। (विविध स्रोत)

Thursday, January 2, 2025

3 जनवरी

3 जनवरी 
सावित्रीबाई फुले जयंती 
प्रतिवर्ष 3 जनवरी के दिन सावित्रीबाई फुले जयंती  मनायी जाती है। सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। इनको सजाज सेविका कवयित्री दार्शनिक आदि के रूप में पहचाना जाता है। सावित्रीबाई फुले को देश की पहली शिक्षिका माना जाता है। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर देश का पहला महिला स्कूल खोला था।सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव में हुआ था। उन्हीं को सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष यह दिन मनाया जाता है। सावित्रीबाई फुले को समाज सेविका, नारी मुक्ति आंदोलन में हिस्सा लेने वाली और देश की पहली अध्यापिका के रूप में जाना जाता है। सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं के लिए भी लम्बी लड़ाई लड़ी और उनकी स्थिति में सुधार के लिए बहुत योगदान दिया।


अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस
International Mind-Body Wellness Day
3 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस मनाया जाता है, यह इस बात का जश्न मनाने का अवसर है कि कैसे एक स्वस्थ मन और स्वस्थ भावनाओं का मतलब एक स्वस्थ शरीर होता है! मन, शरीर और आत्मा का संबंध हमारे समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। हमारी भावनाएँ, उद्देश्य, आध्यात्मिकता, अनुभव, लक्ष्य, विश्वास, आदतें और कार्य सभी का मन-शरीर के सामंजस्य और समग्र स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि हम प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय मन-शरीर कल्याण दिवस मनाते हैं, क्योंकि आपके लिए सर्वश्रेष्ठ संभव बनाने से ज़्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है, और एक नए आप के लिए नए साल से बेहतर समय और क्या हो सकता है?

Wednesday, January 1, 2025

2 जनवरी

2 जनवरी 
राष्ट्रीय विज्ञान कथा दिवस
National Science Fiction Day 
राष्ट्रीय विज्ञान कथा दिवस विज्ञान कथा को एक विधा, इसके रचनाकारों, इतिहास और विभिन्न मीडिया के रूप में मनाने को बढ़ावा देता है। हर साल 2 जनवरी को, संयुक्त राज्य अमेरिका में लाखों विज्ञान कथा प्रशंसक अपने पसंदीदा विज्ञान कथाएँ पढ़ते और देखते हैं। यह दिन प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक आइज़ैक असिमोव के जन्म की याद में मनाया जाता है। अमेरिकी लेखक और बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव रसायन विज्ञान के प्रोफेसर, आइज़ैक असिमोव का जन्म 2 जनवरी, 1920 को इसाक युदोविच ओज़िमोव के रूप में हुआ था। वे अपने विज्ञान कथा लेखन और अपनी लोकप्रिय विज्ञान पुस्तकों के लिए सबसे ज़्यादा जाने जाते हैं। आइज़ैक असिमोव का निधन 6 अप्रैल, 1992 को हुआ था।हार्ड साइंस फिक्शन के मास्टर माने जाने वाले असिमोव को रॉबर्ट ए. हेनलेन और आर्थर सी. क्लार्क के साथ अपने जीवनकाल में “बिग थ्री” साइंस-फिक्शन लेखकों में से एक माना जाता था। कई लोग फाउंडेशन सीरीज़ को असिमोव की सबसे बेहतरीन कृति मानते हैं। उनकी अन्य प्रमुख सीरीज़ गैलेक्टिक एम्पायर सीरीज़ और रोबोट सीरीज़ हैं ।

विश्व अंतर्मुखी दिवस
World Introvert Day
हर साल 2 जनवरी को विश्व अंतर्मुखी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है दुनिया भर में अंतर्मुखी लोगों को बेहतर ढंग से समझना और पहचानना एवं आवश्यक समय और स्थान देकर उनका सम्मान करना।जो व्यक्ति शांत और कम उत्तेजना वाले वातावरण में रहना पसंद करते हैं वह अंतर्मुखी यानी कि इंट्रोवर्ट होते हैं। अक्सर अंतर्मुखी लोगों को अकेले रहना पसंद होता है। उन्हें अकेले समय की आवश्यकता होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि अंतर्मुखी लोग अपने अलग सपनों की दुनिया में व्यस्त रहते हैं, इसलिए उन्हें अन्य लोगों की गतिविधियों में भाग लेने में कोई दिलचस्पी नहीं होती।विश्व अंतर्मुखी दिवस अंतर्मुखी लोगों के लिए दुनिया भर में जागरूकता लाने के बारे में बताता है जिससे पता चलता है कि उनके कार्य और आदतें सामान्य से कम नहीं हैं। कई खोजों से पता चला है कि अंतर्मुखी, बहिर्मुखी दुनिया को चालू रखने के लिए लोग अंतरिक्ष के पीछे काम करते हैं।
अधिकांश सिद्धांतवादी, वैज्ञानिक, वैज्ञानिक अंतर्मुखी ही होते हैं। अन्तर्मुखी वे व्यक्ति होते हैं जो शांत वातावरण पसंद करते हैं। वे सोशल मेलजोल नहीं रखना चाहते हैं।
यहां तक कि सामाजिक समारोहों में भाग लेने के बाद भी थकान महसूस होती है। प्रथम विश्व अन्तर्मुखी दिवस वर्ष 2011 में मनाया गया। 

भारत रत्न दिवस
भारत में 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत रत्न पुरस्कार देने की शुरुआत की थी। कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण तथा उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया जाता है।शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक वर्ष बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया। इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया।
(विविध स्रोत)