Friday, October 25, 2024

भारत पर भरोसा जर्मनी का.. जुगलबंदी से दोनों का फायदा

#GermanyIndia #ModiScholz ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद जर्मनी के चांसलर की भारत यात्रा चीन को चिढ़ाने और चिंतित करने वाली है। सर्वविदित है कि कारोबार के क्षेत्र में जर्मनी अपने लिए चीन से हटकर भारत में जमीन तलाश रहा है ताकि चीन और पूर्वी एशियाई देशों पर उसकी निर्भरता खत्म नहीं तो कम जरूर हो सके। वहीं भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में कारोबार पर भी उसकी निगाहें हैं। 
भारत और जर्मनी की जुगलबंदी पिछले कई वर्षों से बढ़ रही है। एक तरफ जहां जर्मनी की कंपनियां भारत में निवेश के लिए उत्सुक हैं वहीं भारतीय मैनपावर की भी जर्मनी में अच्छी मांग है। भारत के लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है कि देश में जर्मनी से निवेश बढ़े, पैसा आए और भारतीय लोगों के लिए जर्मनी से भारत तक रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हों।
बदले में भारत जर्मनी को क्या दे सकता है? विश्लेषकों की मानें तो जर्मनी की निगाहें भारत के साथ पनडुब्बी सौदे पर हैं जिस पर भारत अपनी शर्तों के साथ आगे बढ़ सकता है। वहीं भारत के सहयोग से जर्मनी अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार की भी उम्मीद कर रहा है जिसके लिए यह सौदा लाभकारी हो सकता है।
बहरहाल, जर्मनी की गिनती दुनिया के ताकतवर देशों में होती है और यूरोप में जर्मनी का अपना खास स्थान तो है ही। अब जिस तरह से भारत ने रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के साथ कदम बढ़ाए हैं उस तरह प्रौद्योगिकी संबंधी दूसरे क्षेत्रों में अगर भारत को जर्मनी का साथ मिले तो यह अच्छी ही बात होगी। © कुमार कौस्तुभ 

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