- २०२७ से २०३० तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने की उम्मीद
- 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्यशक्ति बन जाने के आसार
- २०४७ तक विकसित भारत बनाने का विजन
ये वो मुकाम हैं जिन्हें हासिल करने के लिए भारत लगातार प्रयत्न कर रहा है। इसी कड़ी में भारत की एक और सफलता एशियन पॉवर रैंकिंग में उसकी ताजातरीन स्थिति को लेकर सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट के एशिया पावर इंडेक्स २०२४ में भारत अब रूस और जापान को पीछे छोड़ते हुए एशिया में तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। केवल अमेरिका और चीन का स्थान इस रैंकिंग में भारत से ऊपर है। पिछले साल इस रैंकिंग में भारत को चौथे नंबर पर रखा गया था। इसका मतलब यह है कि भारत ने उन सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है जिनके आधार पर सबसे ताकतवर देशों की रैंकिंग निर्धारित की जाती है। इस इंडेक्स में भारत ने पहली बार तीसरा स्थान हासिल किया है। यह इंडेक्स इस बात के आकलन पर आधारित है कि कोई देश किसी तरह के खतरे से निपटने में कितना सक्षम है। इसमें किसी भी देश की शक्ति को आंकने का पैमाना उसकी आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, भविष्य के संसाधन, आर्थिक साझेदारी, रक्षा नेटवर्क, कूटनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव पर आधारित है। इन बिन्दुओं पर विचार के बाद ३९.१ अंक पाकर मामूली बढ़त के साथ भारत, जापान से आगे निकल गया।
लेकिन, इस इंडेक्स के आधार पर गौर करें तो भारत अभी महाशक्ति का तमगा हासिल करने से काफी दूर है क्योंकि भारत से ऊपर दूसरे नंबर पर चीन की रैंकिंग है जिसे ७२.७ अंक मिले और पहले नंबर पर अमेरिका है जिसे ८१.१ अंक मिले। वहीं भारत और जापान के बीच भी केवल ०.२ अंकों का फासला है।
तो स्पष्ट है कि भारत हर क्षेत्र में प्रगति करके अपनी ताकत बढ़ाने का निरंतर प्रयास तो कर रहा है, परन्तु विश्व गुरु से विश्व महाशक्ति बनने के लिए अभी काफी कुछ करना होगा! © कुमार कौस्तुभ
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