(चित्र साभार गूगल)
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान में बमुश्किल ४० दिन बचे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और वर्तमान उप राष्ट्रपति कमला हैरिस - दोनों ही नेता जोरशोर से चुनाव प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। खासतौर से ट्रंप इस बार के चुनाव में किसी भी तरह से जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। लेकिन चुनाव के नतीजों की भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती। तो कहीं न कहीं ट्रंप को यह डर भी सता रहा है कि उनको हार का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि हाल के दिनों में कमला हैरिस के प्रति समर्थन के रुझानों में इजाफा दिख रहा है। हालांकि शुरुआत में बेहद आक्रामक तेवर दिखाते हुए ट्रंप ने कमला हैरिस को कमजोर और खराब उम्मीदवार करार दिया था। लेकिन कौन उम्मीदवार मजबूत है और बेहतर है यह निर्णय तो अमेरिका के मतदाताओं को करना है। यही वजह है कि अब शायद ट्रंप को अपना दांव उलटा पड़ता दिख रहा है तो उन्होंने समर्थकों और मतदाताओं को संदेश दिया है कि वे यदि इस बार हार जाते हैं तो २०२८ का अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। संभव है इसके जरिए ट्रंप समर्थकों और मतदाताओं को इमोशनल ब्लैकमेल करना चाहते हों!
राष्ट्रपति चुनाव में विजय के लिए ट्रंप अपने बयानों से लगातार पैंतरेबाजी करते आ रहे हैं। छात्रों को लुभाने के लिए वे उन्हें स्वतः ग्रीन कार्ड की व्यवस्था देने का वादा कर चुके हैं, तो गर्भपात कानून पर भी उनकी राय महिलाओं को रिझाने वाली रही है। भारतवंशियों का समर्थन हासिल करने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विलक्षण व्यक्ति बता कर उनकी तारीफ कर चुके हैं तो यह जाहिर करने के लिए कि अमेरिका फर्स्ट की नीति पर बने रहेंगे, व्यापारिक मामलों में भारत पर नियमों के दुरुपयोग का भी आरोप लगा चुके हैं। ट्रंप ने मिशिगन में मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए वहां के मेयर से एंडोर्समेंट लिया तो दूसरी तरफ यह भी एलान कर चुके हैं कि अगर वे हारे तो इसके लिए यहूदी जिम्मेदार होंगे और इज़राइल का नामोनिशान मिट जाएगा और वे जीते तो इज़राइल सुरक्षित रहेगा। बाकी टैक्स व्यवस्था, प्रवासी मामलों और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर तो ट्रंप का रुख जगजाहिर है ही!
कुल मिलाकर अब समय कम बचा है तो ट्रंप येन केन प्रकारेण अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। इतना ही नहीं अमेरिका के अरबपति कारोबारी रहे ट्रंप ने चुनावी माहौल में १०० डॉलर कीमत का अपना सिक्का भी जारी कर दिया ताकि मतदाताओं पर उनका सिक्का चले न चले, इस बहाने कुछ कमाई तो हो ही जाए!© कुमार कौस्तुभ
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