Tuesday, April 8, 2025

8 अप्रैल


8 अप्रैल 
मंगल पांडे का बलिदान दिवस
मंगल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में 29 मार्च 1857 को अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया था अत: उन्हें आजादी की लड़ाई का अगदूत भी कहा जाता है। भारतीय इतिहास में इस घटना को ‘1857 का गदर’ नाम दिया गया। इसके घटना के बाद मंगल पांडे को अंग्रेज सिपाहियों ने गिरफ्तार किया गया तथा उन पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाया और फांसी की सजा सुना दी गई। कोर्ट के फैसले के अनुसार उन्हें 18 अप्रैल 1857 को फांसी दी जानी थी, लेकिन अंग्रेजों द्वारा 10 दिन पूर्व ही यानी 8 अप्रैल सन् 1857 को ही मंगल पांडे को फांसी दे दी गई।

अंतर्राष्ट्रीय रोमा दिवस
यह दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय रोमानी दिवस के रूप में भी जाना जाता है, 1990 में पहली बार घोषित होने के बाद हर साल 8 अप्रैल को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय रोमा दिवस वैश्विक स्तर पर रोमा समुदायों के प्रति भेदभाव की ओर ध्यान आकर्षित करता है और सभी के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनका पालन करने का आह्वान करता है। यूरोप के रोमा और सिंती लोगों (जिन्हें अक्सर ऐतिहासिक रूप से 'जिप्सी' कहा जाता है) को नाज़ियों ने पूरी तरह से नष्ट करने के लिए निशाना बनाया था। पोराजमोस, या पोराजमोस, जिसका अनुवाद 'भक्षण' होता है, यूरोप की रोमा और सिंती आबादी के नाजी नरसंहार को वर्णित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। नाजी शासन के तहत यूरोपीय रोमा और सिंती को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य बनाया गया था। इतिहासकारों का अनुमान है कि 200,000 से 500,000 रोमा और सिंती लोगों की हत्या कर दी गई या वे भूख या बीमारी के कारण मर गए, और कई लोगों को कैद कर लिया गया और नसबंदी और जबरन श्रम के लिए मजबूर किया गया। नाजियों के अधीन इस अवधि में जीवित बचे अनेक लोग द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी उत्पीड़न के शिकार रहे, क्योंकि रोमा समुदाय को यूरोप भर में विभिन्न रूपों में भेदभाव और पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ा।

No comments: