Thursday, October 23, 2025

24 अक्टूबर


24 अक्टूबर 

संयुक्त राष्ट्र दिवस 

संयुक्त राष्ट्र दिवस, 24 अक्टूबर, 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लागू होने की वर्षगांठ का प्रतीक है। सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों सहित, इस संस्थापक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकांश देशों द्वारा इसके अनुसमर्थन के साथ, संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया। 1945 में, सैन फ्रांसिस्को में आयोजित संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन सम्मेलन में 50 देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर तैयार करने के लिए बैठक की। संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक तौर पर 24 अक्टूबर 1945 को अस्तित्व में आया, जब अधिकांश हस्ताक्षरकर्ताओं ने चार्टर को अनुमोदित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र जैसी वैधता, समन्वय शक्ति और नियामक प्रभाव वाला कोई अन्य वैश्विक संगठन नहीं है। कोई अन्य वैश्विक संगठन इतने सारे लोगों को एक बेहतर दुनिया की आशा नहीं देता और वह भविष्य प्रदान नहीं कर सकता जो हम चाहते हैं। आज, सभी देशों के एक साथ आने और राष्ट्रों के एकजुट होने के वादे को पूरा करने की जितनी ज़रूरत है, उतनी पहले कभी नहीं रही। प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला संयुक्त राष्ट्र दिवस, हमारे साझा एजेंडे को बढ़ाने तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों की पुनः पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है, जो पिछले 80 वर्षों से हमारा मार्गदर्शन करते रहे हैं।

विश्व विकास सूचना दिवस

इस दिन का उद्देश्य सूचना के प्रसार में सुधार करना और विशेष रूप से युवा लोगों के बीच जनमत जुटाना है। आपको पता होना चाहिए कि इसी दिन संयुक्त राष्ट्र दिवस भी मनाया जाता है। इसी दिन संयुक्त राष्ट्र 24 अक्टूबर 1945 को पहली बार अस्तित्व में आया था। विश्व विकास सूचना दिवस की शुरुआत 1972 में हुआ था। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विकास समस्याओं के प्रति दुनिया का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत समझी। जिसके बाद इसकी शुरुआत हुई। स्थापना के समय, संयुक्त राष्ट्र में 51 सदस्य थे, जो अब 193 हो गए हैं। इस प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में इससे सम्बंधित प्रस्ताव पारित किया गया और इसे विकास समस्याओं के प्रति दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने के लिए “विश्व विकास सूचना दिवस” नाम दिया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तय किया कि विश्व विकास सूचना दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो संयुक्त राष्ट्र दिवस के साथ-साथ द्वितीय संयुक्त राष्ट्र विकास दशक की अंतर्राष्ट्रीय विकास रणनीति को अपनाने की तारीख भी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने द्वारा विश्व विकास सूचना दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद 24 अक्टूबर 1973 को पहली बार यह दिवस मनाया गया था। आपको बता दें, 24 अक्टूबर को इस दिन को मनाने का फैसला किया गया था, क्योंकि इसी तारीख को 1970 में द्वितीय राष्ट्र विकास दशक के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास रणनीति को अपनाया गया था। आज भी यह दिवस प्रतिवर्ष विकास की समस्याओं को हल करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने और विश्व जनमत का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिवस का लक्ष्य आम जनता को यह समझाना है कि इन समस्याओं को हल करने के तरीके खोजने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना क्यों आवश्यक है। 

विश्व पोलियो दिवस

 हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। पोलियो बीमारी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन को चुना गया है। भारत के संदर्भ में बात की जाए तो साल 2014 से भारत में अभी तक एक भी पोलियो का केस सामने नहीं आया है। साल 2014 में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था और तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को बधाई दी थी। वहीं दूसरी ओर अब देश में कोरोना महामारी के खिलाफ भी केंद्र सरकार की मुहिम रंग लाती दिख रही है। रोटरी इंटरनेशनल ने विश्व पोलियो दिवस मनाना शुरू किया था, जब रोटरी इंटरनेशनल ने पहली पोलियो वैक्सीन की खोज करने वाली टीम के सदस्य जोनास साल्क के जन्मदिन पर विश्व पोलियो दिवस की स्थापना की। जोनास साल्क का जन्म अक्टूबर के महीने में हुआ था। इसके लिए अक्टूबर माह में विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1985 में की गई थी। यह दिन रोटरी इंटरनेशनल द्वारा बनाई पहली पोलियो वैक्सीन की टीम के प्रमुख चिकित्सा शोधकर्ता जोनास साल्क के प्रयासों के सम्मान में मनाया जाता है। तब से लेकर आज तक हर साल 24 अक्टूबर को यह दिन मनाया जाता है। पहला पोलियो टीका 1955 में खोजा गया था। पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। जोनास सॉक ने पोलियो के खिलाफ़ वैक्सीन का विकास किया था। यह दिवस उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 1995 में पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरूआत की। 27 मार्च, 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया। जोनास सॉक वर्ष 1955 में पहली पोलियो वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम के प्रमुख थे। पोलियो रोधक दवा की कुछ बूंदे बच्चों को पिलाई जाती हैं। कई देशों में पोलियो से निजात दिलाने के लिए यह वैक्सीन बहुत महत्त्वपूर्ण साबित हुई है।

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