Monday, June 16, 2014

पर्यावरण पर दो कविताएं

1
हरियाली को बचाओ!!

--------
मई महीना लाया गर्मी
जला रहा है जून
बिजली की भी दिक्कत होती
बिन पानी सब सून

बिगड़ गया बारिश का खेल
सूखी नदियां, प्यासे झील
और पहाड़ों पर तो देखो
उड़ रहे कौवे और चील


मॉनसून में होती जाती
 हर साल है देर
पर्यावरण पर आया संकट
 चारों ओर अंधेर

काट रहे हम पेड़
बनाते हैं घर और दुकान
हरियाली पर आया संकट
सबका है नुकसान

रोज बढ़ रहा तापमान
तो जीना होगा मुश्किल
हरियाली को बचाओगे
तभी सभी सुख पाओगे

2
कैसे बचेगा पर्यावरण?
---------
बढ़ रहा है तापमान
पिघल रहा हिमालय
सड़कों पर है हवा ज़हरीली
कैसे जिए इंसान?

खत्म हो रहे खेत सुहाने
नहीं रहे बागीचे उपवन
सिर पर चढ़ता सूरज कहता
कैसे बचाओगे जनजीवन?

चारों ओर लग रहे कारखाने
वायु प्रदूषण का विस्तार
बदल रही जलवायु भी है
कैसे बचेगा पर्यावरण?