दिल्ली के झड़ौदा स्थित पंचशील आश्रम में भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने मोतिहारी के प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर को देश के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक पुरस्कार "डॉ. अम्बेदकर कला श्री नेशनल अवार्ड - २०१२ " से समानित किया । प्रसाद रत्नेश्वर को यह सम्मान थारू जनजाति को विश्व की एक नई सभ्यता के रूप में खोज कर चीन के विश्व मंच पर प्रस्तुत करने तथा विरासतों व धरोहरों को बचाने हेतु जनांदोलन खड़ा करने क लिए दिया गया। इस मौके पर बौद्ध धर्म गुरु १७वे करमपा त्रिनले थाये दोर्जे , पूर्व राज्यपाल आर. एस. गवई एवं डॉ. माता प्रसाद तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्य नारायण जटिया समेत अन्य विभूतियो को भी अलग अलग क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सोहनपाल सुमनाक्षर ने की ।
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