4 अक्टूबर
विश्व पशु दिवस
विश्व पशु दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में पशुओं की स्थिति को बेहतर बनाना तथा उनके कल्याण मानकों में सुधार करना है। यह पशुओं के संरक्षक संत, सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी का पर्व दिवस है। विश्व पशु दिवस का विचार जर्मन पत्रिका "मेन्श अंड हंड" (आदमी और कुत्ता) के लेखक और प्रकाशक हेनरिक ज़िमरमैन का था। उन्होंने 24 मार्च 1925 को पहला विश्व पशु दिवस समारोह आयोजित किया था और इस कार्यक्रम में 5,000 से ज़्यादा लोग शामिल हुए थे! तब से, हज़ारों उत्साही पशु अधिवक्ता विश्व पशु दिवस समारोह में भाग ले चुके हैं। आज, 90 से ज़्यादा एम्बेसडर हैं जो दुनिया भर के 70 से ज़्यादा देशों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं। 2003 में, ब्रिटेन स्थित पशु कल्याण संस्था, नेचरवॉच फ़ाउंडेशन ने विश्व पशु दिवस की वेबसाइट शुरू की ताकि इस आयोजन को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाया जा सके। 2007 में, उन्होंने इस संदेश को दूर-दूर तक पहुँचाने के लिए एम्बेसडर प्रोग्राम शुरू किया।
हर साल विश्व पशु दिवस में भागीदारी बढ़ रही है, तथा विभिन्न देशों में विभिन्न प्रकार के प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विश्व पशु दिवस पशु कल्याण आंदोलन को एकजुट करता है और इसे एक वैश्विक शक्ति के रूप में संगठित करता है ताकि दुनिया को सभी जानवरों के लिए एक बेहतर जगह बनाया जा सके। हम में से हर कोई बदलाव ला सकता है । यह एक अन्तराष्ट्रीय दिवस है| यह दिन असीसी केसेंट फ्रांसिस का जन्मदिवस भी है जो कि जानवरों के महान संरक्षक थे| विश्व पशु कल्याण दिवस मनाने की शुरुआत 1931 ईस्वी में परिस्थिति विज्ञानशास्रीयों के सम्मलेन में इटली के शहर फ्लोरेंस में की गयी थी | यूनाइटेड नेशंस ने “पशु कल्याण पर एक सार्वभौम घोषणा” के नियम एवं निर्देशों के अधीन अनेक अभियानों की शुरुआत की| नैतिकता की दृष्टि से, संयुक्त राष्ट्र नें अपने सार्वभौम घोषणा में पशुओ के दर्द और पीड़ा के सन्दर्भ में उन्हें संवेदनशील प्राणी के रूप में पहचान देने की बात की कही । | इस दिवस का मूल उद्देश्य विलुप्त हुए प्राणियों की रक्षा करना और मानव से उनके संबंधो को मजबूत करना था. साथ ही पशुओ के कल्याण के सन्दर्भ विश्व पशु कल्याण दिवस का आयोजन करना था. हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक “गौमाता” की हत्या पर हो पूर्ण पाबन्दी हो. इसकी शुरुआत 1931 में इटली में हुई थी, जब विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने जानवरों के संरक्षण की दिशा में काम करने का संकल्प लिया, इस दिन विशेष कार्यक्रम, रैलियां और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं, वर्ल्ड एनिमल वेलफेयर डे हमें जानवरों के लिए दया और सहानुभूति से पेश आने का संदेश देता है।
राष्ट्रीय अखंडता दिवस
4 अक्टूबर राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय समाज में एकता और अखंडता के महत्व को रेखांकित करने और समाज के सभी वर्गों को एकजुट रखने के लिए प्रेरित करता है।राष्ट्रीय अखंडता दिवस की जड़ें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन महानायक नेताओं के विचारों से जुड़ी हैं, जिन्होंने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। विशेषकर सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान उल्लेखनीय है, जिन्होंने रियासतों को भारतीय गणराज्य में विलय कर एक अखंड राष्ट्र का निर्माण किया। राष्ट्रीय अखंडता का तात्पर्य केवल भौगोलिक सीमाओं की सुरक्षा से नहीं, बल्कि समाज के भीतर सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद एकता बनाए रखने से है। भारत जैसे विविधता से भरे देश में एकता को बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन जब हम इसे अपने दिल और विचारों में स्वीकार करते हैं, तो यह हमारे राष्ट्र की शक्ति बन जाता है।
लेसोथो स्वतंत्रता दिवस
4 अक्टूबर को लेसोथो (Lesotho) का स्वतंत्रता दिवस है. यह दिन 1966 में लेसोथो के ब्रिटिश शासन से एक संप्रभु राष्ट्र बनने की याद में मनाया जाता है, जिसे पहले बसुटोलैंड के नाम से जाना जाता था. 1966 में, लेसोथो (उस समय बसुटोलैंड) ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हुआ और उसका नाम बदलकर लेसोथो साम्राज्य कर दिया गया.
इस दिन को लेसोथो साम्राज्य के पहले प्रधानमंत्री चीफ लेबुआ जोनाथन ने देश को संबोधित किया था.
यह घटना तब हुई थी जब लेसोथो का गठन हो रहा था और यह अफ्रीका में राजनीतिक उथल-पुथल से प्रभावित नहीं हुआ था.
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