Tuesday, October 21, 2025

21 अक्टूबर


21 अक्टूबर 

पुलिस स्मृति दिवस

भारत हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाता है, जो 1959 में लद्दाख में चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के बलिदान को याद करता है। यह दिन उनकी बहादुरी का स्मरण कराता है। 21 अक्टूबर, 1959 को भारतीय पुलिसकर्मियों का एक दल अक्साई चिन के हॉट स्प्रिंग्स में एक टोही अभियान पर था। पुलिस दल पर चीनी सेना ने घात लगाकर हमला किया। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने बिना किसी चेतावनी के भारतीय पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए। उनके शव 23 दिन बाद 13 नवंबर, 1959 को वापस लाए गए। जनवरी 1960 में पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। देश में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस (National Police Commemoration Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पहली बार वर्ष 1960 में मनाये जाने का फैसला किया गया था जिसके बाद हर साल यह दिन मनाया जाता है और हमारे देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए पुलिस वालों की शहादत को याद किया जाता है और उन्हें मान सम्मान दिया जाता है। तिब्बत में चीन के साथ भारत की 2500 मील लंबी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की तीन बटालियन पर थी। पहले दो बटालियन अपनी गस्त पूरी करके वापस आ गए लेकिन तीसरी बटालियन गस्त से वापस नहीं लौटी। उत्तर-पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में तैनात इन पुलिस कर्मियों की टुकड़ी पर चीनी सेना ने घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें हमारे 10 जवान शहीद हो गए वहीं 7 जवान घायल हो गए। इस बटालियन का नेतृत्व डी एस पी श्री करम सिंह द्वारा किया जा रहा था। छिपने की जगह न होने की वजह से डी एस पी श्री करम सिंह सहित 10 जवान शहीद हो गए वहीं 7 जवानों को चीनी सेना ने बंधक बना लिया। 23 दिनों बाद 13 नवंबर 1959 को चीनी सेना ने उन जवानों के शव भारत को वापस किये। मरणोपरांत करम सिंह को वीरता के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। पुलिस कर्मियों के बलिदान और देश के लिए किये गए योगदान को देखते हुए जनवरी 1960 में पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में 21 अक्टूबर को हर साल पुलिस दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। इस दिन को पुलिस बल के साथ राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बल एवं अर्धसैनिक बल इस दिन को एक साथ मिलकर मनाते हैं।

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