Wednesday, November 20, 2024

२१ नवम्बर

२१ नवम्बर 
#DayToBeRemembered
विश्व टेलीविजन दिवस 
#WorldTelevisionDay
प्रतिवर्ष 21 नवम्बर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है। 1966 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र ने पहला वर्ल्ड टेलीविज़न फ़ोरम आयोजित किया था  जहाँ प्रमुख मीडिया हस्तियाँ संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आज की बदलती दुनिया में टेलीविजन के बढ़ते महत्व पर चर्चा करने और इस बात पर विचार करने के लिए एकत्र हुईं कि वे अपने आपसी सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं। इसीलिए महासभा ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में घोषित करने का फैसला किया। 17 दिसंबर, 1996 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में घोषित किया, यह उस दिन की याद में मनाया जाता है जिस दिन पहला विश्व टेलीविजन फोरम आयोजित किया गया था। इस प्रकार टेलीविजन को जनमत को सूचित करने, उसे दिशा देने और प्रभावित करने के एक प्रमुख साधन के रूप में स्वीकार किया गया। विश्व राजनीति पर इसके प्रभाव और उपस्थिति तथा इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। संयुक्त राष्ट्र ने सभी सदस्य देशों को शांति, सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक विकास तथा सांस्कृतिक परिवर्तन संवर्द्धन जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए टेलीविजन कार्यक्रमों के वैश्विक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करके इस दिन को मनाने के लिए आमंत्रित किया। इसका उद्देश्य संघर्षों के दौर में शांति और सुरक्षा से जुड़े खतरों की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करके निर्णय लेने में टेलीविजन के बढ़ते प्रभाव को मान्यता दी जा सके। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, टेलीविज़न का इस्तेमाल दुनिया के जरूरी मुद्दों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए किया जा सकता है। चुंकि संचार और सूचना प्रसार के लिए टेलीविज़न मीडिया के सबसे प्रभावशाली रूपों में से एक है। इसलिए इसका इस्तेमाल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रसारित करने और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि लोगों को प्रभावित करने वाले वैश्विक मुद्दों को प्रस्तुत करने में टेलीविज़न की प्रमुख भूमिका है और इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

विश्व हैलो दिवस 
#WorldHelloDay
इसकी शुरुआत 1973 में मिस्र और इज़राइल के बीच संघर्ष के जवाब में की गई थी। तब से, विश्व हैलो दिवस 180 देशों में मनाया जाता है। दुनिया भर के लोग विश्व हैलो दिवस के अवसर का उपयोग विश्व शांति के लिए अपनी चिंता व्यक्त करने के अवसर के रूप में करते हैं। विश्व हैलो दिवस पर एक साधारण अभिवादन के साथ शुरू होने वाली उनकी गतिविधियाँ विश्व के तमाम नेताओं को एक संदेश भेजती हैं, जो उन्हें संघर्षों को सुलझाने के लिए बल के बजाय संचार का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वैश्विक आयोजन के रूप में विश्व हैलो दिवस, शांति की वैश्विक अभिव्यक्ति में स्थानीय भागीदारी को जोड़ता है। नोबेल शांति पुरस्कार के 31 विजेता उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने शांति को बनाए रखने के साधन के रूप में विश्व हैलो दिवस के महत्व को समझा है तथा एक ऐसे अवसर के रूप में मान्यता दी है, जो विश्व में किसी के लिए भी शांति कायम करने की प्रक्रिया में योगदान करना संभव बनाता है। (Various internet sources)





 

Tuesday, November 19, 2024

20 नवम्बर

२० नवम्बर #DayToBeRemembered
विश्व बाल दिवस 
#WorldChildren'sDay
प्रति वर्ष २० नवम्बर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1954 में सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में की गई थी । विश्व में बाल कल्याण और बाल अधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देने, विश्व भर में बच्चों के बीच जागरूकता लाने तथा बच्चों के कल्याण में सुधार लाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। 20 नवंबर 1959 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया था । इसी दिन 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को भी अपनाया था । इन घटनाओं की वर्षगांठ के रूप में 1990 से विश्व बाल दिवस मनाया जाता है।

विश्व सीओपीडी दिवस 
#WorldCOPDDay

2002 से हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को विश्व सीओपीडी दिवस मनाया जाता रहा है। इस साल (२०२४) में यह दिन २० नवम्बर को पड़ रहा है। यह दिवस दुनिया में लोगों के बीच क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है। 
इसका उद्देश्य फेफड़ों से संबंधित रोग के बारे में शिक्षा के महत्व को उजागर करना और रोग के वैश्विक प्रभाव को कम करने के लिए समाधान ढूंढना है। विश्व सीओपीडी दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (गोल्ड) की ओर से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों और दुनिया भर में सीओपीडी रोगी समूहों के सहयोग से किया जाता है। इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, ज्ञान साझा करना और दुनिया भर में सीओपीडी के बोझ को कम करने के तरीकों पर चर्चा करना है। पहली बार विश्व सीओपीडी दिवस 2002 में मनाया गया था। प्रत्येक वर्ष 50 से अधिक देशों में इससे जुड़ी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।
२०२४ में विश्व COPD दिवस का थीम है- "अपने फेफड़ों के कार्य को जानें"। वायु प्रदूषण और श्वसन संक्रमण फेफड़ों के विकास में बाधा डाल सकते हैं और जीवन में फेफड़ों की बीमारी विकसित होने का जोखिम बढ़ा सकते हैं।  

Monday, November 18, 2024

19 नवम्बर

१९ नवम्बर #DayToBeRemembered
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 
#InternationalMen'sDay
प्रति वर्ष 19 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पुरुषों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में 19 नवंबर को मनाया गया। जानकारी के मुताबिक 
 मिसौरी सेंटर फॉर मेन्स स्टडीज के निदेशक  थॉमस ओस्टर ने 1990 के दशक की शुरुआत में फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का आह्वान किया और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और माल्टा के संगठनों को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया। ओस्टर ने दो वर्षों तक इन कार्यक्रमों का नेतृत्व किया, 1995 में संगठनों की उदासीनता के कारण इस कार्यक्रम को बंद कर दिया गया। 1999 में फिर से पुरुष दिवस मनाने की पहल त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ जेरोम टीलकसिंह ने की ताकि सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल के महत्व को भी समझा जा सके।  यह दिन पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और मर्दानगी के सकारात्मक महत्व को भी उजागर करता है।भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत 2007 में हैदराबाद की लेखिका उमा चल्ला ने की थी।  यह दिवस पुरुषों के समाज में योगदान और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।पहली बार 1923 में पुरुष दिवस मनाने की मांग उठी थी।'अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस' हर साल इसलिए मनाया जाता है ताकि समाज में  पुरुषों की ताकत, दयालुता और उनके योगदान को खास सम्मान दिया जाए।

विश्व शौचालय दिवस 
#WorldToiletDay
प्रति वर्ष 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र से स्वीकृत कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक जागरूकता और कार्रवाई पर जोर देना है। इसका आयोजन 2013 से किया जा रहा है। यह दिवस 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता सुनिश्चित करने से जुड़े सतत विकास लक्ष्य के तहत सुरक्षित और सुलभ शौचालय सुविधाओं के महत्व पर जोर देने के लिए समर्पित है। विश्व शौचालय दिवस मनाने की शुरूआत अपर्याप्त स्वच्छता के कारण विश्व भर में अरबों लोगों के समक्ष बीमारियों और स्वस्थ जीवन से जुड़ी चुनौतियों की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए की गई थी ताकि  सार्वजनिक और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए सभी को उचित शौचालय सुविधाओं की अहम भूमिका दर्शायी जा सके। आंकड़ों के अनुसार 2023-24 तक 3.5 बिलियन लोगों के लिए अभी भी स्वच्छता की सुरक्षित व्यवस्था नहीं है और दुनिया भर में 419 मिलियन लोग खुले में शौच करते हैं। इसलिए विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य बेहतर स्वच्छता व्यवस्था के लिए आह्वान करना है।इस अभियान का मकसद यह संदेश देना है कि सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वच्छता और जल सेवाएं मज़बूत, प्रभावी और सभी के लिए सुलभ हों, तथा संघर्ष और जलवायु-प्रेरित व्यवधानों से सुरक्षित हों।


राष्ट्रीय एकता दिवस 
#NationalIntegrationDay
19 नवंबर को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री और पहली महिला इंदिरा गांधी की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को आपस में एकता, शांति, प्रेम और भाईचारा बनाए रखने के लिए प्रेरित करना है। राष्ट्रीय एकता दिवस को “ कौमी एकता दिवस ” के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन पूरे भारत में सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
यह समाज के विभिन्न वर्गों, जातियों और धर्मों को मानने वाले लोगों के बीच बेहतर समझ विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है।


Sunday, November 17, 2024

18 नवम्बर

१८ नवम्बर #DayToBeRemembered
गुलाबी नगरी जयपुर का स्थापना दिवस 
#JaipurFoundationDay
प्रति वर्ष १८ नवम्बर को राजस्थान की राजधानी जयपुर का स्थापना दिवस मनाया जाता है। जयपुर की बसावट 18 नवंबर, 1927 को हुई थी। इस अवसर पर शहर के प्रमुख स्थानों पर दीपोत्सव और दीपदान की परंपरा है। ख़ासतौर से इस दिन संध्या काल में जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह द्वितीय के स्मारक स्टैच्यू सर्किल पर दीपदान किया जाता है। जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 18 नवंबर से 18 दिसंबर तक जयपुर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 
#NationalNatuopathyDay
भारत में प्रति वर्ष 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। इसी दिन महात्मा गांधी ने नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की आजीवन सदस्यता ली थी। वे अच्छी सेहत के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के उपयोग को बढ़ावा देना चाहते थे। आयुष मंत्रालय ने इस दिवस को मनाने की शुरुआत 2018 में की थी। इसका उद्देश्य आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के सिद्धांतों के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना, समाज में प्राकृतिक चिकित्सा की पद्धतियों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। यह दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हम अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान प्राकृतिक और सरल उपायों के माध्यम से कैसे कर सकते हैं। यह दिवस प्राकृतिक चिकित्सा के लाभों को समझने और  जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रेरित करता है।(Leverage Edu)

यूरोपियन एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे
#EAAD
प्रति वर्ष १८ नवम्बर को यूरोपीय एंटीबायोटिक जागरूकता दिवस (EAAD) भी मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एंटीबायोटिक के विवेकपूर्ण उपयोग के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का मुकाबला करना है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है जब बैक्टीरिया उन दवाओं के प्रभावों का प्रतिरोध करने के लिए विकसित होते हैं जो एक बार उनका प्रभावी ढंग से इलाज कर चुकी होती हैं। इसके कारण एंटीबायोटिक दवाओं का असर घट सकता है, लोग ज्यादा बीमार हो सकते हैं और उनके स्वास्थ्य को काफी नुक़सान हो सकता है। यूरोपियन एंटीबायोटिक अवेयरनेस डे मनाने की शुरूआत 2008 में यूरोपीय रोग निवारण और नियंत्रण केंद्र (ECDC) ने की थी। एंटीबायोटिक के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरूआत की गयी । इसका लक्ष्य एंटीबायोटिक के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जनता को वाकिफ और शिक्षित करना भी है। 
World Day for the Prevention of and Healing from Child Sexual Exploitation, Abuse and Violence #WDPAHCSEAV
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 नवम्बर 2022 को बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार को उजागर करने के मकसद से मनाने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अफ्रीकी देश सिएरा लियोन और नाइजीरिया ने इसका प्रस्ताव रखा था और 110 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया था।  सिएरा लियोन की प्रथम महिला, फातिमा माडा बायो ने बाल यौन शोषण को एक “जघन्य अपराध” करार दिया। प्रस्ताव के तहत, प्रतिवर्ष पूरे विश्व में 18 नवम्बर बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की रोकथाम और उपचार के दिवस के तौर पर मनाया जाएगा और इस सिलसिले में जागरूकता फैलाई जाएगी।

राष्ट्रीय राजकुमारी दिवस 
#NationalPrincessDay
अमेरिका में प्रति वर्ष 18 नवम्बर को राष्ट्रीय राजकुमारी दिवस मनाया जाता है। 1994 में एनिमेटेड फिल्म द स्वान प्रिंसेस के निर्माण के बाद इस दिवस को मनाने की शुरूआत हुई। इसका उद्देश्य राजकुमारियों की छवि से जुड़ी दयालुता और करुणा को अपनाने की भावना को बढ़ावा देना था। दुनिया में कई राजघरानों की राजकुमारियां समाजसेवा और लोगों की मदद के लिए चर्चित रही हैं। इस दिवस का उद्देश्य कहीं न कहीं लड़कियों और बालिकाओं में आत्मविश्वास, दया, करुणा और साहस की भावना को विकसित करने की प्रेरणा देना भी है ताकि वे महसूस कर सकें कि उनके अंदर भी एक राजकुमारी छिपी हुई है!

Saturday, November 16, 2024

१७ नवम्बर #DayToBeRemembered

१७ नवम्बर #DayToBeRemembered
अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस 
#InternationalStudents'Day
प्रति वर्ष 17 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस मनाया जाता है। १९३९ में तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया में हुए छात्रों के दमन की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है।  1939 में चेकोस्लोवाकिया के एक भाग पर नाजियों का कब्जा था। राजधानी प्राग में २८ अक्टूबर १९३९ को छात्रों और शिक्षकों ने एक प्रदर्शन किया जिस नाजियों ने गोलियां चला दीं। इस घटना में एक छात्र मारा गया। छात्र के अंतिम संस्कार के समय भी प्रदर्शन हुआ । 17 नवंबर, 1939 को नाजी सैनिक छात्रों के हॉस्टल में घुस गए। उन्होंने 1200 छात्रों को गिरफ्तार किया और उनमें से नौ को यातना शिविर में भेज दिया जिनको बाद में फांसी दे दी गई। इसके दो साल बाद 1941 में लंदन में फासीवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शहीद छात्रों की याद में हर साल 17 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस मनाने का फैसला किया गया।

#NationalDayOfEpilepsy #NationalEpilepsyDay
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 
प्रति वर्ष 17 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है।  इसका उद्देश्य मिर्गी की स्थिति और इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन, मिर्गी के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए कार्यक्रम, कार्यशालाएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित की जाती हैं। मिर्गी एक ऐसा रोग है जिसमें मस्तिष्क की अनियमित गतिविधि होती है। इसके परिणामस्वरूप दौरे पड़ते हैं या अजीब व्यवहार, संवेदनाएं और, दुर्लभ अवसरों पर, चेतना का नुकसान होता है। भारत में मिर्गी से पीड़ित लोगों की मदद, इससे बचाव, इसके उपचार और इसकी स्थिति को कम करने के लिए एपिलेप्सी फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय मिर्गी दिवस की शुरुआत की थी। एपिलेप्सी फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना 2009 में मुंबई में डॉ. निर्मल सूर्य ने की थी। अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस १० फरवरी को मनाया जाता है।

Friday, November 15, 2024

16 नवम्बर #DayToBeRemembered

१६ नवम्बर 
राष्ट्रीय प्रेस दिवस 
#NationalPressDay
प्रति वर्ष 16 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। १९६६ में स्थापना के बाद भारत के राष्ट्रीय प्रेस परिषद ने इसी दिन से काम करना शुरू किया था। चार जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रेस अपेक्षित उच्च मानकों को बनाए रखे और किसी भी बाहरी दबाव या अन्य कारकों के प्रभाव से मुक्त रह कर काम करे। भारतीय प्रेस परिषद का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना है। इसलिए 16 नवंबर यानी राष्ट्रीय प्रेस दिवस को देश में जिम्मेदार और स्वतंत्र प्रेस का प्रतीक माना जाता है। 1956 में पहले प्रेस आयोग ने प्रेस काउंसिल की स्थापना की सिफारिश की थी और कहा था कि पत्रकारिता में पेशेवर नैतिकता बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका वैधानिक अधिकार के साथ एक निकाय को अस्तित्व में लाना होगा, जिसमें मुख्य रूप से पत्रकारिता उद्योग से जुड़े लोग हों, जिनका कर्तव्य मध्यस्थता करना होगा। प्रेस परिषद की ओर से प्रिंट पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए जाते हैं। भारतीय संविधान में प्रेस या मीडिया की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत दिए गए वाक्-स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति-स्वातंत्र्य के अधिकार में निहित है। इससे 
स्वतंत्र पत्रकारिता को प्रोत्साहन मिलता है और लोगों को सरकार के कार्यों के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय देने का अवसर मिलता है जिससे लोकतंत्र मज़बूत होता है।
संविधान के  मूल अनुच्छेद 19 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है (विविध स्रोत)।

अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
#InternationalDayOfTolerance
१६ नवम्बर को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस भी मनाया जाता है। 1996 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (संकल्प 51/95 ) ने 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया। तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस संबंध में अपने संदेश में कहा था कि समाज पहले से कहीं ज़्यादा विविधतापूर्ण होते जा रहे हैं - लेकिन कई जगहों पर असहिष्णुता बढ़ रही है। हिंसक उग्रवाद, बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन और सांस्कृतिक सफ़ाई के बढ़ने के साथ सांप्रदायिक तनाव कई संघर्षों के केंद्र में पाए जा सकते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से जबरन विस्थापन के सबसे बड़े संकट ने शरणार्थियों और अन्य लोगों के खिलाफ़ नफ़रत और विदेशी लोगों के प्रति नफ़रत पैदा की है। लिहाजा सहिष्णुता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित समाजों का निर्माण हो, जहाँ भय, अविश्वास और हाशिए पर जाने की जगह बहुलवाद, भागीदारी और मतभेदों के प्रति सम्मान हो। अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर हम उन बढ़ते खतरे को पहचानें जो विभाजन का प्रयास करते हैं, और संवाद, सामाजिक सामंजस्य और आपसी समझ द्वारा परिभाषित मार्ग बनाने का संकल्प लें।(UNO)
इस दिवस को लेकर खास बात यह भी है कि, सहिष्णुता और अहिंसा के प्रचार के लिए हर साल यूनेस्को की ओर से १ लाख अमेरिकी डॉलर का मदन जीत सिंह पुरस्कार भी दिया जाता है। यह पुरस्कार विज्ञान, कला, संस्कृति अथवा संचार के क्षेत्र में सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए काम के लिए दिया जाता है। (नवभारत)





Thursday, November 14, 2024

15 नवम्बर

15 नवम्बर #DayToBeRemembered
जनजातीय गौरव दिवस
#Tribes #BirsaMunda #JanjatiyaGauravDiwas
15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' मनाया जाता है।यह दिन बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उनकी 150वीं जयंती इस वर्ष मनाई जा रही है।आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था। झारखंड, बिहार और ओडिशा समेत आदिवासी इलाकों में उन्हें बिरसा भगवान भी कहा जाता है। उनकी स्मृति में भारत सरकार ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को हर साल 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है।
विश्व दर्शन दिवस 
#WorldPhilosophyDay
इस वर्ष 15 नवम्बर को विश्व दर्शन दिवस (World Philosophy Day) भी मनाया जा रहा है। दरअसल हर वर्ष नवम्बर के तीसरे गुरुवार को विश्व में दार्शनिक चिंतन का सम्मान करने के लिए दर्शन दिवस मनाने की परंपरा है। यह संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की एक पहल है जो दुनिया के लोगों को समकालीन मुद्दों पर साझा चिंतन में शामिल होने के लिए आकर्षित करती है। यूनेस्को ने 2002 में विश्व दर्शन दिवस की शुरुआत की ताकि दुनिया भर में दार्शनिक चिंतन को सम्मानित किया जा सके और लोगों को अपनी दार्शनिक विरासत को साझा करने, नए विचारों पर मंथन और सामाजिक चुनौतियों पर सार्वजनिक बहस को प्रेरित करने के लिए जगह बनाई जा सके। २००४ में यूनेस्को के महानिदेशक कोइचिरो मत्सूरा ने इस पर संदेश में कहा था कि दर्शन ने लोकतंत्र, मानवाधिकार, न्याय और समानता के सिद्धांतों और मूल्यों को वैचारिक आधार दिया है, जिन्होंने विश्व शांति की संभावना को आकार दिया है। समाज की अनसुलझी समस्याओं और अनुत्तरित प्रश्नों पर चिंतन हमेशा दार्शनिक विश्लेषण और सोच के केंद्र में रहा है(टाइम एंड डेट डॉटकॉम)। यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले (२०२२) का संदेश है - बेहतर दुनिया बनाने के लिए, शांति के आदर्श की ओर बढ़ने के लिए, हम जानते हैं कि हमें एक दार्शनिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए - अर्थात, हमें संकटों के कोलाहल से परे, अपनी दुनिया की खामियों पर सवाल उठाना चाहिए। इसलिए जब नैतिक सिद्धांतों को परिभाषित करने की बात आती है, जो मानवता का मार्गदर्शन करना चाहिए, तो दर्शनशास्त्र आवश्यक है (यूनेस्को)।
राष्ट्रीय परोपकार दिवस
#NationalPhilanthropyDay
अमेरिका में हर साल १५ नवम्बर को राष्ट्रीय परोपकार दिवस मनाया जाता है। १९८० के दशक में डगलस फ्रीमैन ने इसकी अवधारणा पेश की और राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 15 नवंबर को राष्ट्रीय परोपकार दिवस घोषित किया। 1986 से हर साल अमेरिका में दुनिया भर के समुदाय दानदाताओं, स्वयंसेवकों, फाउंडेशनों, नेताओं, निगमों और परोपकार में लगे अन्य लोगों की गतिविधियों को मान्यता देने के लिए कार्यक्रम किये जाते हैं।