Friday, January 17, 2025

18 जनवरी

18 जनवरी 
विश्व शांति दिवस 
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 53 वीं पुण्यतिथि 18 जनवरी को संगठन की ओर से विश्व शान्ति दिवस मनाया जाता है। विश्व के 137 देशों में संगठन के 8500 से अधिक सेवा केन्द्रों में इसके 10 लाख सदस्य आज का सारा दिन आत्म चिन्तन में बिताते हैं और राजयोग के अभ्यास के द्वारा समग्र विश्व में शान्ति का संदेश देते हैं। 18 जनवरी 1969 को प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ब्रह्मलीन हुए थे। यह दिवस समग्र मानव जाति के लिए दिव्यता संपन्न जीवन बनाने का संदेश लेकर आता है। विश्व में शान्ति और सद्भावना के लिए कार्यरत ब्रह्माकुमारी संगठन ने दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में की जा रही उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए इसे यूनिसेफ तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में सलाहकार का दर्जा प्रदान किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1981 में विश्व शान्ति दूत पदक प्रदान कर भी सम्मानित किया है।

राष्ट्रीय थिसॉरस दिवस
National Thesaurus Day
राष्ट्रीय थिसॉरस दिवस हर साल 18 जनवरी को मनाया जाता है। यह पीटर मार्क रोगेट की जयंती का प्रतीक है। जो रोगेट के थिसॉरस के लेखक थे, जिनका जन्म 18 जनवरी, 1779 को हुआ था।यह हमें उस पुस्तक का सम्मान, प्रशंसा, सराहना, जश्न मनाने, प्रशंसा करने और सराहना करने का अवसर देता है जो हमें समानार्थक शब्द प्रदान करता है ताकि हम आज और हर रोज अपने लेखन को बढ़ा सकें।(विविध स्रोत)

Thursday, January 16, 2025

17 जनवरी

17 जनवरी 
ग्राहक सेवा दिवस 
Customer Service Day 
अमेरिका सहित कई देशों में हर साल 17 जनवरी को ग्राहक सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है ग्राहक सेवा के महत्व को बढ़ावा देना और ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनके काम के लिए धन्यवाद देना और सम्मानित करना। ग्राहकों के साथ सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है। 1983 में संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय ग्राहक सेवा दिवस संगठन (NCSDO) के संस्थापक, जेम्स एफ. राइट ने ग्राहक सेवा दिवस मनाने की शुरुआत की थी। राइट का मानना था कि ग्राहक सेवा एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है और ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए। 1983 में NCSDO ने पहली बार ग्राहक सेवा दिवस का आयोजन किया जिसमें कुल 19 राज्यों के ग्राहक सेवा प्रदाताओं ने भाग लिया था। तब से लेकर हर साल दुनिया भर में ग्राहक सेवा दिवस मनाया जाता है। ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए सम्मानित किया जाता है।(विविध स्रोत)

Wednesday, January 15, 2025

16 जनवरी

16 जनवरी 
राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस
National Start-up Day 
भारत में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को मनाया जाता है। देशभर में स्टार्टअप और विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों के योगदान को बढ़ावा देने के लिए 15 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की शुरुआत की थी और उसी समय से प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। स्टार्टअप आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को नई दिशा दिखाने और भारतीय स्टार्टअप कारोबारियों की उपलब्धियों को बढ़ावा देने का काम करता है। स्टार्टअप की भावना को प्रोत्साहित करने भारत सरकार द्वारा एक मंच बनाया गया जिसके माध्यम से 16 जनवरी 2022 से नेशनल स्टार्टअप डे मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है युवाओं में मन में स्टार्टअप के विचार लाना, मेक-इन-इंडिया जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना और इसी के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाना। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 10 से 16 जनवरी तक पूरे सप्ताह को राष्ट्रीय स्टार्टअप सप्ताह के रूप में चिह्नित किया है। भारत में स्टार्टअप समुदाय की सफलताओं का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है। यह दिवस स्टार्टअप व्यवसाय के मालिकों को भारत के युवाओं के लिए नवाचार और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के बारे में बात करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य स्टार्टअप पहलों के महत्व को उजागर करना और उन्हें बड़े पैमाने पर समाज के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत करना है। इस पहल का लक्ष्य युवाओं को उद्यमिता को अपने प्राथमिक करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।

राष्ट्रीय लोकपाल दिवस 
भारत के लोकपाल ने 14.03.2024 को आयोजित अपनी बैठक में राय व्यक्त की थी कि धारा 1(4) के अंतर्गत 16.01.2014 को जारी अधिसूचना द्वारा भारत के लोकपाल नामक निकाय की स्थापना के फलस्वरूप प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को 'लोकपाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। लोकपाल दिवस भारत के लोकपाल की स्थापना का प्रतीक है। इस दिवस का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में लोकपाल की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। लोकपाल एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था है जो भारत में सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार की जांच और समाधान करती है। यह भ्रष्टाचार और शिकायतों की शिकायतों को संभालने वाले एक “लोकपाल” निकाय के रूप में कार्य करता है। इस निकाय की स्थापना लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार से निपटना है। 1960 के दशक में प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) ने लोकपाल और लोकायुक्त के गठन की सिफारिश की थी।
भारत में लोकपाल की अवधारणा सबसे पहले अशोक कुमार सेन द्वारा प्रस्तावित की गई थी, और “लोकपाल” शब्द 1963 में डॉ. एलएम सिंघवी द्वारा गढ़ा गया था।लोकपाल विधेयक 1968 में पारित हुआ था, लेकिन यह निरस्त हो गया; इसे बार-बार पेश किया गया और अंततः अन्ना हजारे आंदोलन के बाद 2013 में यह कानून बन गया।लोकपाल का उद्देश्य भ्रष्टाचार से निपटने में अपनी भूमिका को मजबूत करना है। यह जन जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। भविष्य की पहलों में आउटरीच कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग शामिल हो सकते हैं। इसका लक्ष्य सार्वजनिक सेवा में जवाबदेही की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दिवस
National Religious Freedom Day 
अमेरिका में प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दिवस उस दिन की याद में मनाया जाता है, जिस दिन 16 जनवरी 1786 को धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वर्जीनिया क़ानून पर हस्ताक्षर किए गए थे। प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रपति की घोषणा द्वारा, 16 जनवरी को धार्मिक स्वतंत्रता दिवस घोषित किया जाता है। यह क़ानून किसी व्यक्ति को उत्पीड़न, जेल या हत्या के डर के बिना खुले तौर पर अपने धर्म का पालन करने की मौलिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इसके अतिरिक्त, क़ानून के तहत, प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी प्रतिशोध के अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से बदल सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, विभिन्न धर्मों के लोगों को अपने धर्म का पालन करने का समान अधिकार है। यह दिवस 1993 से मनाया जा रहा है।

राष्ट्रीय शून्य दिवस 
National Nothing Day 
प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को अमेरिका में लोग राष्ट्रीय शून्य दिवस मनाते हैं। इस दिवस की शुरुआत अमेरिकियों को एक राष्ट्रीय दिवस प्रदान करने के लिए की गई थी, जब वे बिना किसी उत्सव, उत्सव या सम्मान के बस बैठ सकते थे। 1972 में, स्तंभकार हेरोल्ड पुलमैन कॉफ़िन ने नेशनल नथिंग डे का प्रस्ताव रखा। 1973 से यह दिन पूरी तरह से मनाया जाता है। यह आयोजन कॉफ़िन के नेशनल नथिंग फ़ाउंडेशन द्वारा प्रायोजित है, जो कैपिटोला, कैलिफ़ोर्निया में पंजीकृत है। (विविध स्रोत)

Tuesday, January 14, 2025

15 जनवरी

15 जनवरी 
सेना दिवस 
भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। यह पहला मौका था कि भारतीय सेना की कमान भारतीय नेतृत्व के अधीन थी, और यह परिवर्तन अपने आप में भारत के सैन्य इतिहास के समय में एक मील का पत्थर साबित हुआ. तब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ़ के तौर पर पदभार ग्रहण किया था. फ्रांसिस बुचर भारतीय सेना में कमांडर-इन-चीफ़ का पद धारण करने वाले अंतिम ब्रिटिश व्यक्ति थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा उस समय लेफ्टिनेंट जनरल थे. उस समय करियप्पा की उम्र थी 49 साल. केएम करियप्पा ने 'जय हिंद' का नारा अपनाया जिसका मतलब है 'भारत की जीत'.तब से 15 जनवरी से हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है.यह दिन राष्ट्रीय रक्षा, शांति स्थापना और एकता को बढ़ावा देने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इस दिन भारतीय सैनिकों की उपलब्धियों, देश सेवा, अप्रतिम योगदान और त्याग को सम्मानित किया जाता है. भारतीय सेना में इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट की तादाद कुल 27 है. इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट का इस्तेमाल पैदल युद्ध यानी जमीनी लड़ाई के लिए किया जाता है.भारतीय सेना को कुल 40 डिवीज़न और 14 कोर में बांटा गया है, जिसमें भारतीय सेना के कुल 14 लाख से ज़्यादा सक्रिय जवान हैं, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना भी है. भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 में हुई थी. भारतीय सेना ने अब तक चार जंग लड़ी हैं, जिनमें साल 1948, 1965, 1971, और करगिल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ और 1962 में चीन के ख़िलाफ़ लड़ाई शामिल हैं. (विविध स्रोत)

14 जनवरी

14 जनवरी 

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस
Armed Forces Veterans Day 
भारतीय सशस्त्र बलों के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फिल्ड मार्शल के۔ एम۔ करियप्पा की सेवाओं की मान्यता और सम्मान में 14 जनवरी को वर्ष 2017 से हर साल सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। श्री करियप्पा 14 जनवरी, 1953 को सेवानिवृत्त हुए थे। सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर स्मरणोत्सव में राष्ट्र की सेवा में दिग्गज सैनिकों की निस्वार्थ भक्ति और बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। 14 जनवरी का यह दिन हमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी और उनके योगदान  की महत्ता भी याद दिलाता है। 2016 में भारतीय सरकार ने आधिकारिक रूप से 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की निस्वार्थ भक्ति, बलिदान और सेवा को याद करना और उनका सम्मान करना है। यह दिन हमारे पूर्व सैनिकों की वीरता, संघर्ष, और समाज के प्रति उनकी समर्पण भावना को मान्यता देने का अवसर है।

मकर संक्रांति 
प्रति वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है. पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है. मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है. इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है.मकर संक्रांति को उत्तरायण, खिचड़ी, पोंगल और बिहू के नाम से भी जाना जाता है। पूरे देश में यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति को खिचड़ी नाम से जाना जाता है और इस दिन घर-घर में खिचड़ी बनाई जाती है। वहीं बिहार में मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा खाने की परंपरा है। 
(विविध स्रोत)

Monday, January 13, 2025

13 जनवरी

13 जनवरी 
सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस
प्रतिवर्ष 13 जनवरी को सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों के कार्यों के सम्मान के लिए मनाया जाता है जिन्होंने रेडियो का आविष्कार कर पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया। यह दिन हमें रेडियो का महत्व याद दिलाता है। सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य रेडियो के महत्व को समझाना और उसके योगदान को मान्यता देना है। रेडियो, जो कभी एक सूचना और शिक्षा का प्रमुख साधन था, आज भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह दिन रेडियो प्रसारण की शुरुआत के ऐतिहासिक क्षण को याद करने का अवसर है। भारत में सार्वजनिक रेडियो प्रसारण की शुरुआत के बाद रेडियो ने न केवल लोगों तक जानकारी पहुंचाने का काम किया, बल्कि यह समाज की शिक्षा और जागरूकता का महत्वपूर्ण माध्यम भी बना। सार्वजनिक रेडियो प्रसारण दिवस रेडियो के इस योगदान को स्वीकार करने और इसकी भूमिका को समाज में महत्व देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन यह भी याद दिलाता है कि कैसे रेडियो ने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में लोगों को जोड़ने और उन्हें समाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाओं से अवगत करने का काम किया है।  न्यूयॉर्क में 13 जनवरी 1910 को दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण किया गया था। भारत में रेडियो इसके सत्रह बरस बाद आया। 23 जुलाई 1927 को मुंबई रेडियो-स्टेशन का उद्‌घाटन हुआ था। इसलिए 23 जुलाई को भारत में ‘राष्ट्रीय प्रसारण दिवस’ मनाया जाता है। 

लोड़ही 
लोहड़ी का त्योहार आमतौर पर 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सर्दी के मौसम और कृषि के महत्व से जुड़ा हुआ है। इसे मकर संक्रांति के साथ मनाया जाता है, जो नए कृषि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई के समय मनाया जाता है। इस दिन लोग अलाव जलाते हैं, नाचते गाते हैं, और एक-दूसरे से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। यह त्योहार कृषि समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फसल की समृद्धि और कृषि जीवन के संघर्षों से उबरने की खुशी का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार कृषि परंपराओं को सम्मानित करने, समुदाय को एकजुट करने और समृद्धि की कामना करने का एक अवसर है। इसके अलावा, यह दिन विशेष रूप से किसानों और खेतिहर मजदूरों के संघर्ष और मेहनत को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है। लोहड़ी के दौरान परिवार, दोस्त और पड़ोसी एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं, जो सामूहिकता और भाईचारे का प्रतीक है। (विविध स्रोत)

Saturday, January 11, 2025

12 जनवरी

12 जनवरी 
राष्ट्रीय युवा दिवस 
National Youth Day 
स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार ने साल 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था। स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और मानवता के प्रतीक थे। उनका जीवन और उनके विचार पूरी दुनिया में प्रेरणा का स्रोत बन गए। उन्होंने भारतीय दर्शन, वेदांत और योग को पश्चिमी देशों में प्रस्तुत किया और भारत को विश्व पटल पर गौरवान्वित किया। विवेकानंद जी ने अमेरिका के शिकागो शहर में हुई विश्व धर्म सभा को संबोधित किया और अपने ओजस्वी भाषण से हर किसी को प्रभावित किया। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और अपने भीतर विश्वास रखने की प्रेरणा दी। उनके विचार युवाओं को कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं। स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। इसीलिए स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है । स्वामी विवेकानंद' का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व स्वामी विवेकानन्द जी के विचार और कार्यों को को युवाओं के बीच पहुंचाना है ताकि देश के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों में युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। (विविध स्रोत)