Thursday, February 20, 2025

21 फरवरी

21 फरवरी 
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 
विश्वभर में हर साल 21 फरवरी का दिन अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भाषा की विविधता को बनाए रखने के साथ सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हुए भाषा के संरक्षण के लिए जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा नवंबर 1999 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्को ) के महाधिवेशन द्वारा की गई थी। जब यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने 1952 के बंगाली भाषा आंदोलन की याद में 1999 में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अवकाश के रूप में नामित किया, तो लोगों ने इसे मनाना शुरू कर दिया। इस आंदोलन के दौरान बांग्लादेश के छात्रों ने उर्दू को एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाने के पाकिस्तानी सरकार के फैसले का विरोध किया। इस तरह अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार बांग्लादेश की पहल थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने  2002 के अपने प्रस्ताव में इस दिवस की घोषणा का स्वागत किया । 16 मई 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने संकल्प  A/RES/61/266 में  सदस्य देशों से "दुनिया के लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सभी भाषाओं के संरक्षण और सुरक्षा को बढ़ावा देने" का आह्वान किया। इसी संकल्प के तहत, महासभा ने बहुभाषावाद और बहुसंस्कृतिवाद के माध्यम से विविधता में एकता और अंतर्राष्ट्रीय समझ को बढ़ावा देने के लिए 2008 को  अंतर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष के रूप में घोषित किया और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन को इस वर्ष के लिए प्रमुख एजेंसी के रूप में काम करने के लिए नामित किया। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार  बांग्लादेश की पहल थी । इसे  1999 के यूनेस्को महासम्मेलन में अनुमोदित किया गया था  और 2000 से इसे पूरे विश्व में मनाया जाता है। यूनेस्को का मानना है कि स्थायी समाज के लिए सांस्कृतिक और भाषाई विविधता बहुत ज़रूरी है। शांति के लिए अपने जनादेश के तहत यह संस्कृतियों और भाषाओं में अंतर को बनाए रखने के लिए काम करता है जो दूसरों के लिए सहिष्णुता और सम्मान को बढ़ावा देते हैं।  बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक समाज अपनी भाषाओं के माध्यम से अस्तित्व में रहते हैं जो पारंपरिक ज्ञान और संस्कृतियों को स्थायी तरीके से प्रसारित और संरक्षित करते हैं। भाषाई विविधता लगातार खतरे में पड़ती जा रही है क्योंकि अधिकाधिक भाषाएं लुप्त होती जा रही हैं। वैश्विक स्तर पर 40 प्रतिशत आबादी को उस भाषा में शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा नहीं है जिसे वे बोलते या समझते हैं। फिर भी, बहुभाषी शिक्षा में प्रगति हो रही है, इसके महत्व की समझ बढ़ रही है, खासकर प्रारंभिक स्कूली शिक्षा में, और सार्वजनिक जीवन में इसके विकास के लिए अधिक प्रतिबद्धता है।आज दुनिया में लगभग 8,324 भाषाएँ हैं, जिनमें से कई वैश्वीकरण और सामाजिक परिवर्तनों के कारण लुप्त होने के जोखिम में हैं। यह सुनिश्चित करना कि शिक्षा प्रणाली किसी की मातृभाषा में सीखने के अधिकार का समर्थन करती है, सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिन छात्रों को ऐसी भाषा में पढ़ाया जाता है जिसे वे पूरी तरह समझते हैं, वे बेहतर समझ, जुड़ाव और आलोचनात्मक सोच कौशल दिखाते हैं। बहुभाषी शिक्षा, विशेष रूप से अल्पसंख्यक और स्वदेशी भाषाओं के लिए, न केवल शिक्षार्थियों की मदद करती है बल्कि शिक्षा और संस्कृति के बीच एक गहरा संबंध भी बनाती है, जो अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाजों में योगदान देती है। भाषा दिवस सभी भाषाओं की सुरक्षा और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है, खासकर उन भाषाओं को जो विलुप्त होने के खतरे में हैं। यह अवकाश भाषाई विविधता के मूल्य पर जोर देता है और लोगों से नियमित रूप से अपनी मूल भाषाओं का सम्मान करने और बोलने का आह्वान करता है। (विविध स्रोत)

Wednesday, February 19, 2025

20 फरवरी

20 फरवरी 
विश्व सामाजिक न्याय दिवस 
World Day of Social Justice 
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और गरीबी, लैंगिक असमानता, बेरोजगारी और भेदभाव जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए हर साल 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। यह दिन सभी व्यक्तियों के लिए निष्पक्षता, समानता और मानवाधिकारों को बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता का वैश्विक अनुस्मारक है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
नवंबर 2007 में अपने बासठवें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। यह दिन पहली बार 2009 में मनाया गया। सदस्य देशों को इस विशेष दिन को सामाजिक विकास के लिए विश्व शिखर सम्मेलन और महासभा के चौबीसवें सत्र के उद्देश्यों और लक्ष्यों के अनुरूप ठोस राष्ट्रीय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित करने के लिए आमंत्रित किया गया, जिसका शीर्षक था "सामाजिक विकास के लिए विश्व शिखर सम्मेलन और उससे आगे: वैश्वीकृत दुनिया में सभी के लिए सामाजिक विकास प्राप्त करना"। जैसा कि विश्व शिखर सम्मेलन द्वारा मान्यता प्राप्त है, सामाजिक विकास का उद्देश्य देशों के भीतर और उनके बीच सामाजिक न्याय, एकजुटता, सद्भाव और समानता है और सामाजिक न्याय, समानता और समता सभी समाजों के मूलभूत मूल्य हैं। "सभी के लिए एक समाज" प्राप्त करने के लिए सरकारों ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई के लिए एक रूपरेखा बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने सभी के लिए समानता और अवसर के माध्यम से आय के समान वितरण और संसाधनों तक अधिक पहुँच को बढ़ावा देने का भी संकल्प लिया। सरकारों ने यह भी माना कि आर्थिक विकास को समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना चाहिए और "सभी के लिए एक समाज" सामाजिक न्याय और सभी मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के सम्मान पर आधारित होना चाहिए।इस दिवस के आयोजन से गरीबी उन्मूलन, पूर्ण रोजगार और सभ्य कार्य को बढ़ावा देने, लैंगिक समानता और सभी के लिए सामाजिक कल्याण और न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों को और मजबूत करने में योगदान मिलेगा।विश्व सामाजिक न्याय दिवस का विचार 1995 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में आयोजित सामाजिक विकास के लिए विश्व शिखर सम्मेलन से उभरा। इस शिखर सम्मेलन के दौरान, 100 से अधिक विश्व नेताओं ने गरीबी, बेरोजगारी और सामाजिक बहिष्कार से लड़ने का संकल्प लिया। 2005 में, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा ने शिखर सम्मेलन के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा की और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। 26 नवंबर 2007 को, संयुक्त राष्ट्र ने 20 फरवरी को वार्षिक विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में घोषित किया, जिसका पहला आयोजन 2009 में हुआ था।(विविध स्रोत)

Tuesday, February 18, 2025

19 फरवरी

19 फरवरी 
शिवाजी जयंती 
महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को वर्तमान महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले के शिवनेरी किले में हुआ था।कुछ अभिलेखों में छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म तिथि 6 अप्रैल 1627 बताई गई है, लेकिन आधिकारिक संस्करण 19 फरवरी 1630 है। इस दिन शिवाजी जयंती मनाई जाती है।
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म शाहजी भोंसले के घर हुआ था, जो एक मराठा सेनापति थे और बीजापुर सल्तनत के तहत पुणे और सुपे की जागीरें संभालते थे। छत्रपति शिवाजी महाराज की माँ जीजाबाई थीं, जो एक धर्मपरायण महिला थीं, जिनके धार्मिक गुणों का उन पर गहरा प्रभाव था। शाहजी ने अहमदनगर और दक्कन सल्तनत की भी सेवा की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज को सैन्य युद्ध और प्रशासन का उत्कृष्ट प्रशिक्षण दिया गया था।छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित मराठा साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप का लगभग 4.1% था, लेकिन समय के साथ यह बड़ा होता गया और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में प्रमुख भारतीय शक्ति बन गया।
छत्रपति शिवाजी महाराज बीमार पड़ गए और 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ में उनकी मृत्यु हो गई। छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक महान साम्राज्य की नींव रखी जिसने आधुनिक भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कोंकण तट पर एक मजबूत सेना और नौसेना की स्थापना की। छत्रपति शिवाजी महाराज को गुरिल्ला युद्ध का भी महारथी माना जाता था।

भरतपुर स्थापना दिवस 
19 फरवरी 1737 को भरतपुर स्थापना दिवस मनाया जाता है। भरतपुर स्थापना दिवस हर साल 13 फरवरी महाराजा सूरजमल जयंती से 19 फरवरी से भरतपुर स्थापना दिवस तक मनाया जाता है। 13 फरवरी को महाराजा सूरजमल जयंती दिवस है और 19 फरवरी को भरतपुर स्थापना दिवस है।भरतपुर की स्थापना महाराजा सूरजमल ने 1733 में की थी। भरतपुर साम्राज्य की सीमाएं उस समय दिल्ली, आगरा, धौलपुर, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, इटावा, मेरठ, रोहतक, मेवात, रेवाड़ी, गुरुग्राम, मथुरा, झज्झर, फिरोजाबाद, एटा, अलवर और बुलंदशहर तक फैली हुई थी। भरतपुर में जाट राजाओं का शासन था। जिसमें प्रमुख राजा बदन सिंह और महाराजा सूरजमल थे।(विविध स्रोत)

Monday, February 17, 2025

18 फरवरी

18 फरवरी 
स्वामी रामकृष्ण परमहंस जयंती
स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म तारीख के अनुसार 18 फरवरी 1836 को बंगाल के एक प्रांत कामारपुकुर गांव में हुआ था और तिथि के अनुसार फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को हुआ था। उनका बचपन का नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था। पिता का नाम खुदीराम तथा माता का  नाम चंद्रमणि देवी था। वे भारत के एक महान संत और विचारक थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। वे मानवता के पुजारी थे। हिन्दू, इस्लाम और ईसाई आदि सभी धर्मों पर उसकी श्रद्धा एक समान थी, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने बारी-बारी सबकी साधना करके एक ही परम-सत्य का साक्षात्कार किया था।भगवान प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति की तथा सादगीपूर्ण जीवन बिताया। अपने जीवन में उन्होंने स्कूल के कभी दर्शन नहीं किए थे। उन्हें न तो अंग्रेजी आती थी, न वे संस्कृत के जानकार थे। वे तो सिर्फ मां काली के भक्त थे।

प्लूटो दिवस 
1930 में प्लूटो की खोज की वर्षगांठ मनाने के लिए हर साल 18 फरवरी को प्लूटो दिवस मनाया जाता है। अपने विशिष्ट बर्फीले पहाड़ों और छोटे आकार के लिए मशहूर इस ग्रह की खोज अमेरिकी खगोलशास्त्री क्लाइड टॉमबॉ ने की थी और 2006 तक इसे बुध, शुक्र, हमारे वर्तमान ग्रह पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून के साथ सौर मंडल के नौ ग्रहों में से एक माना जाता था। क्लाइड ने नेपच्यून की खोज के ठीक 84 साल बाद एरिज़ोना के फ्लैगस्टाफ में लोवेल वेधशाला में प्लूटो की खोज की थी।प्लूटो की खोज 1930 में हुई थी, लेकिन इसकी खोज की कहानी 1840 में शुरू हुई जब फ्रांसीसी खगोलशास्त्री अर्बेन ले वेरियर ने महसूस किया कि यूरेनस की कक्षा में अनियमितताओं के कारण उसके बाहर एक ग्रह है। उनके अंतर्ज्ञान ने उन्हें ग्रहों की गति और गुरुत्वाकर्षण के नियमों के संबंध में यूरेनस की कक्षा की विसंगतियों को समझाने के लिए गणितीय गणनाएँ विकसित करने के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप नेपच्यून की अंततः खोज हुई।पहले इसे ग्रह मान लिया गया था, लेकिन बाद में इसे ग्रहों के परिवार से बाहर कर दिया गया। इस ग्रह का नाम रखने के लिए सुझाव मांगे गए तो 11वीं में पढ़ने वाली एक लड़की ने इसे प्लूटो नाम दिया। उसका कहना था कि रोम में अँधेरे के देवता को प्लूटो कहते हैं और इस ग्रह पर भी हमेशा अँधेरा रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा जाए। प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 248 साल लग जाते हैं।

विश्व व्हेल दिवस 
हर साल दुनिया भर में 18 फरवरी को 'विश्व व्हेल दिवस' (विश्व व्हेल दिवस) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को विभिन्न प्रकार के गुब्बारे, उनके महत्व और उनके आगमन वाले नारे के बारे में बताना है। इसके साथ ही यह दिन लोगों को दीवार के संरक्षण के लिए प्रेरित करता है और दीवार के लिए कृतज्ञता व्यक्तिकरण का अवसर प्रदान करता है।विश्व व्हेल दिवस, की शुरुआत 1980 में माउई, हवाई में हंपबैक व्हेल के सम्मान में की गई थी, जो इस उष्णकटिबंधीय द्वीप के तट पर तैरती हैं। इस दिन की शुरुआत पैसिफिक व्हेल फाउंडेशन के संस्थापक ग्रेग कॉफ़मैन के विचार के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य हंपबैक व्हेल के विलुप्त होने के खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। (विविध स्रोत)

Sunday, February 16, 2025

17 फरवरी

17 फरवरी 
वैश्विक पर्यटन लचीलापन दिवस 
Global Tourism Resilience Day 
वैश्विक पर्यटन लचीलापन दिवस (17 फरवरी) संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संकल्प A/RES/77/269 में घोषित किया गया। इसका उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र की आपात स्थितियों के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, झटकों से निपटने के लिए लचीले पर्यटन विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देना है। यह सदस्य देशों के लिए निजी-सार्वजनिक सहयोग और गतिविधियों और उत्पादों के विविधीकरण सहित व्यवधानों के बाद पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय रणनीति विकसित करने के लिए कार्रवाई का आह्वान भी है। कई विकासशील देशों के लिए, जिनमें सबसे कम विकसित देश, छोटे द्वीपीय विकासशील राज्य, अफ्रीका के देश और मध्यम आय वाले देश शामिल हैं, पर्यटन आय, विदेशी मुद्रा आय, कर राजस्व और रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है। चूँकि पर्यटन लोगों को प्रकृति से जोड़ता है, इसलिए टिकाऊ पर्यटन में पर्यावरणीय जिम्मेदारी और संरक्षण को बढ़ावा देने की अनूठी क्षमता है। पारिस्थितिकी पर्यटन सहित सतत पर्यटन एक बहुआयामी गतिविधि है जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर, गरीबी को कम करके, पूर्ण और उत्पादक रोजगार का सृजन करके तथा सभी के लिए सभ्य कार्य उपलब्ध कराकर सतत विकास के तीन आयामों और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान दे सकती है। यह अधिक टिकाऊ उपभोग और उत्पादन पैटर्न में परिवर्तन को गति देने, महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के टिकाऊ उपयोग को बढ़ावा देने, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने, महिलाओं और युवाओं, स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों के जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक सशक्तिकरण में सुधार लाने तथा ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और छोटे किसानों और पारिवारिक किसानों सहित ग्रामीण आबादी के लिए बेहतर जीवन स्थितियों को बढ़ावा देने में भी भूमिका निभा सकता है। सतत एवं समावेशी आर्थिक वृद्धि, सामाजिक विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में टिकाऊ एवं लचीले पर्यटन का उपयोग, अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक बनाने, घरेलू संसाधन जुटाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने तथा जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं सतत उपयोग तथा टिकाऊ पर्यटन में निवेश और उद्यमिता को बढ़ावा देने सहित गरीबी एवं भुखमरी के उन्मूलन को सक्षम बनाता है।

विश्व मानवीय भावना दिवस 
World Human Spirit Day 
17 फरवरी को वर्ल्ड ह्यूमन स्पिरिट डे मनाया जाता है। इसे हिंदी में विश्व मानवीय भावना दिवस कहा जाता है। यह दिन मानव के जीवन में सकारात्मकता की क्षमता का अभिनंदन का अवसर प्रदान करता है। इस दिन का उद्देश्य आध्यात्मिक मुक्ति को बढ़ावा देना, मानवता और प्रेम की भावना को जागृत करना और सकारात्मकता और आशावाद को बढ़ावा देना है।  इस दिन की शुरुआत 2003 में माइकल लेवी द्वारा की गई थी। माइकल लेवी एक लेखक, शिक्षक के साथ-साथ एक आध्यात्मिक गुरु भी थे। उनका मानना था कि आत्मा ही मनुष्य के जीवन में सच्चा सुख और अर्थ का स्रोत है। तब से लेकर हर साल अमेरिका में यह दिवस मनाया जा रहा है। (विविध स्रोत)

Saturday, February 15, 2025

16 फरवरी

16 फरवरी 
दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस 
दिल्ली पुलिस की स्थापना साल 1948 में पंजाब पुलिस से अलग होने के बाद 16 फरवरी को हुई थी. इस दिन दिल्ली पुलिस के मुखिया का कार्यभार डब्लू डी मेहरा ने संभाला था और वह दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर थे. उसके बाद से लगातार हर साल 16 फरवरी का दिन दिल्ली पुलिस के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. जानकारी के अनुसार बीते 75 सालों में दिल्ली पुलिस के कई प्रारूप बदले हैं. दिल्ली में पुलिस के इतिहास की बात करें तो दिल्ली में पुलिस की व्यवस्था की शुरुआत करीब 800 साल पुरानी मानी जाती है, तब दिल्ली की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी शहर के कोतवाल करते थे. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के दादा पंडित गंगाधर नेहरू दिल्ली के आखरी कोतवाल थे. उस समय शहर के कोतवाल से आधुनिक दौर में दिल्ली पुलिस ने लंबी दूरी तय की है.
दिल्ली का पहला कोतवाल सन 1237 में मलिक उल उमरा फखरुद्दीन थे, 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और दिल्ली में कोतवाल की व्यवस्था भी खत्म कर दी. उस समय पंडित मोतीलाल के पिता पंडित गंगाधर नेहरू दिल्ली के आखिरी कोतवाल थे. अंग्रेजों ने मुगल काल के बाद पुलिस को एक बार फिर संगठित किया, उस समय दिल्ली पंजाब का हिस्सा हुआ करती थी. 1912 में दिल्ली को भारत की राजधानी बनने के बाद तक भी दिल्ली में पंजाब पुलिस की देखरेख होती थी. उस दौरान दिल्ली का पहला मुख्य आयुक्त नियुक्त किया गया था, जिसे पुलिस महानिरीक्षक या आईजी के अधिकार दिए गए थे और पुलिस का मुख्यालय अंबाला में हुआ करता था. आजादी से पहले दिल्ली शहर की सुरक्षा के लिए दो इंस्पेक्टर, 27 सब इंस्पेक्टर, 110 हवलदार, 950 सिपाही और 28 घुड़सवार थे. वहीं देहात के इलाकों की सुरक्षा के लिए 2 इंस्पेक्टर काम करते थे और उनका मुख्यालय सोनीपत और बल्लभगढ़ में था.उस समय तीन तहसील सोनीपत, दिल्ली और बल्लभगढ़ के अंतर्गत आती थी, बात करें तो दिल्ली शहर में सिर्फ तीन पुलिस थाने कोतवाली, सब्जी मंडी और पहाड़गंज थे, जिनकी बैरक सिविल लाइंस में होती थी. 1946 में दिल्ली पुलिस का पुनर्गठन हुआ और पुलिस वालों की संख्या दोगुनी कर दी गई. इसके बाद 1948 में दिल्ली का पहला पुलिस महा निरीक्षक डब्ल्यू डी मेहरा को नियुक्त किया गया और उनकी नियुक्ति 16 फरवरी को हुई थी, इसलिए 16 फरवरी को हर साल दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस मनाया जाता है. 1 जुलाई 1978 को दिल्ली में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई, मौजूदा समय दिल्ली पुलिस की संख्या लगभग एक लाख और थानों की संख्या करीब 200 है.

बादाम दिवस 
हर साल 16 फरवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय बादाम दिवस मनाया जाता है। यह दिन बादाम के के बारे में जानकारी और शिक्षा प्रदान करने और इसके महत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसके अलावा यह दिन बादाम उत्पादकों और किसानों के समर्थन करने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है। आपको बता दें कि बादाम में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पायी जाती होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। राष्ट्रीय बादाम दिवस की शुरुआत 1994 में अमेरिकन एल्मंड बोर्ड (Almond Board of California) द्वारा की गयी थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य था बादाम के महत्व और इसके अनेक स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देना। इसके बाद से यह दिवस दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया और हर साल मनाया जाने लगा। बता दें कि इस दिन अमेरिकन एल्मंड बोर्ड द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बादाम के महत्व के बारे में जान सके।बादाम के उत्पादन में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे आगे है। अकेले कैलिफ़ोर्निया संयुक्त राज्य अमेरिका में 100% बादाम पैदा करता है।(विविध स्रोत)

Friday, February 14, 2025

15 फरवरी

15 फरवरी 
एंटी-वैलेंटाइन वीक
वैलेंटाइन वीक के बाद 15 फरवरी से 21 फरवरी तक एंटी-वैलेंटाइन वीक मनाया जाता है. इसमें स्लैप डे, किक डे, परफ्यूम डे, फ्लर्ट डे, कन्फेशन डे, मिसिंग डे और ब्रेकअप डे शामिल हैं. यह सप्ताह खास उन लोगों के लिए है, जो प्यार में असफल रहे हैं और अपने दुख को दूर करना चाहते हैं.एंटी-वेलेंटाइन डे की शुरुआत 15 फरवरी, स्लैप डे से होती है। यह दिन उन लोगों के लिए है, जिनके साथ रिलेशनशिप में गलत बर्ताव किया गया है, जिन्हें धोखा दिया गया है, जिनके इमोशन्स के साथ खेला गया है और जिन्हें प्यार के काबिल नहीं बताया गया है। हालांकि, स्लैप डे अपने एक्स को थप्पड़ मारने का दिन नहीं है। इसके विपरीत, यह दिन पुराने रिश्ते से आजाद होने और अपने अंदर की निगेटिविटी को दूर करने का है।
एंटी-वेलेंटाइन डे का दूसरा दिन किक डे होता है, जिसे 16 फरवरी को सेलिब्रेट किया जाता है। स्लैप डे की तरह ही यह किसी को लात मारने के बारे में नहीं है, बल्कि मेंटली और इमोशनली तौर पर अपने एक्स की पुरानी यादों और निगेटिव बातों से बाहर आने का दिन है। किक डे, लोगों को अतीत की चोट को भूलने, टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर आने और एक नई पॉजिटिव शुरुआत को सेलिब्रेट करने का मौका देता है।
17 फरवरी को एंटी-वेलेंटाइन डे का तीसरा दिन परफ्यूम डे मनाया जाता है। यह दिन नकारात्मकता को दूर करने और सेल्फ-केयर, सेल्फ-लव पर केंद्रित है। यह खुद को ट्रीट देने और उन चीजों के साथ रहने, जो आपको अच्छा महसूस कराती है, के साथ सेलिब्रेट करने का दिन है। ऐसा करने से आपके अंदर कॉन्फिडेंस आता है, चाहे वह आपका फेवरेट परफ्यूम लगाना हो, खुद की केयर करना हो या पॉजिटिविटी के साथ जीवन की एक नई शुरुआत करना हो।
एंटी-वेलेंटाइन डे का चौथा दिन फ्लर्ट डे होता है, जिसे 18 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन मौज-मस्ती करने, अपना कॉन्फिडेंस वापस लाने और प्यार की एक नई शुरुआत करने के बारे में है। फ्लर्ट डे, सिंगल लोगों को अपनी झिझक को दूर करने और अपनी भावनाओं को दिखाने का सही मौका है।
हर साल 19 फरवरी को कन्फेशन डे मनाया जाता है, जो एंटी-वेलेंटाइन वीक का पांचवां दिन है। इस दिन आप अपने इमोशन्स को किसी के सामने व्यक्त कर सकते हैं। आप इस दिन अपने दिल की बात कह सकते हैं, अपनी गलतियों को स्वीकार कर सकते हैं या किसी का दिल दुखाया है, तो उससे माफी भी मांग सकते हैं।
एंटी वेलेंटाइन वीक का छठा दिन मिसिंग डे होता है, जिसे 20 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन आप अपने पुराने दोस्त, पुराने प्यार या किसी पुराने रिश्तेदार से मिल सकते हैं या कॉन्टैक्ट सकते हैं। यह दिन आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और दुबारा से जुड़ने का मौका देता है।
एंटी वेलेंटाइन वीक का आखिरी दिन ब्रेकअप डे होता है, जिसे हर साल 21 फरवरी को मनाया जाता है। अगर आप किसी रिश्ते में खुश नहीं हैं, तो आप इस दिन उस रिश्ते से मुक्ति पा सकते हैं।

सिंगल्स अवेयरनेस डे
Single Awareness Day
वैलेंटाइन डे के ठीक अगले दिन सिंगल्स अवेयरनेस डे मनाया जाता है. इस दिन को सभी सिंगल्स मिलकर सेलिब्रेट करते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, एक उम्र के बाद जब लड़कों की शादी नहीं होती तो वह काफी ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं जिससे डिप्रेशन, सुसाइड जैसी घटनाएं सामने आने का खतरा बढ़ जाता है. सिंगल्स अवेयरनेस डे पर हमें सभी को ऐसा ना सोचने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि खुदसे प्यार करना बेहद जरूरी है. सिंगल्स अवेयरनेस डे हर साल 15 फरवरी को मनाया जाता है. कहें तो ये उन लोगों का वैलेंटाइन है, जिनके पास कोई पार्टनर नहीं है. यह दिन इसीलिए मनाया जाता है ताकि सिंगल लोगों को लाइफ में बिल्कुल भी अकेला महसूस न हो. यह दिन हमें बताता है कि प्यार के लिए हमेशा किसी पार्टनर की जरूरत नहीं होती. इस दिन लोग फैमिली, दोस्तों के साथ अपने रिश्ते अपने प्यार को सेलिब्रेट करते हैं. जानकारी के अनुसार, साल 2001 में डस्टिन बॉर्नस हाई स्कूल के एक छात्र थे, उस दौरान वह सिंगल थे उनका कोई पार्टनर नहीं था. वे अपने दोस्तों के साथ सिंगल डे मनाना चाहते थे जो कि उन्होंने किया भी. डस्टिन से अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर सिंगल लाइफ को सेलिब्रेट किया. इसके लिए उन्होंनें वैलेंटाइन डे का ठीक अगला दिन चुना. स्कूल से निकलकर जब वह मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी पहुंचे तो वहां भी उन्होंने हर साल 15 फरवरी को सिंगल लाइफ सेलिब्रेट करते हुए यह दिन मनाया.यह इतना प्रचलित हुआ कि 15 फरवरी को सिंगल्स अवेयरनेस डे सेलिब्रेट करने के लिए उनके कॉलेज में छुट्टी भी दी जाने लगी. यह भी माना जाता है कि सिंगल डे पार्टी में ही डस्टिन को अपनी गर्लफ्रेंड भी मिली थी, बाद में दोनों ने शादी भी की. 

अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस 
हर साल 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस (अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस) मनाया जाता है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित लोगों को जागरूक करने और इस बीमारी से पीड़ित बच्चों और व्यापारियों, लोगों और उनके रिश्तेदारों के समर्थन में बातचीत करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है।पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस, 2002 में चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल द्वारा बनाया गया था। चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई), 170 से अधिक सदस्य, कैंसर आउटरीच कार्यक्रम और बाल चिकित्सा कैंसर समाज का एक वैश्विक नेटवर्क है। यह दिन बाल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और बीमारी के प्रभावों का सामना करने वाले सभी बच्चों और परिवारों का सम्मान करता है। यह उनके दर्द और कठिनाइयों को स्वीकार करता है, उन्हें प्रक्रिया और शोक करने के लिए जगह देता है। चिकित्सा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, कैंसर बचपन के बाद बच्चों में बीमारी से होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है। न केवल बाल कैंसर दर्दनाक है, बल्कि इसके लिए विशेष उपचार और देखभाल की भी आवश्यकता होती है। बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो बच्चों में कैंसर के साथ काम करता है और उपचार, दर्द प्रबंधन और घरेलू देखभाल के लिए रणनीति तैयार करता है।अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस की स्थापना उपचार दरों में सुधार करने और दुनिया भर के बच्चों में कैंसर के कारण होने वाले दर्द और पीड़ा को कम करने के लिए भी की गई थी। जबकि उच्च जीडीपी वाले देशों में कैंसर से पीड़ित बच्चों के पूरी तरह ठीक होने की संभावना 80% तक पहुँच सकती है, मध्यम और निम्न आय वाले देशों में, संभावना 20% तक गिर सकती है।

विश्व मानव विज्ञान दिवस
हर साल फरवरी के तीसरे गुरुवार को विश्व मानव विज्ञान दिवस मानवविज्ञानियों को अपने विषय का जश्न मनाने और इसे दुनिया के साथ साझा करने का अवसर देता है।मानव विज्ञान अतीत और वर्तमान में मनुष्यों, मानव व्यवहार और समाजों का अध्ययन है। मानव अनुभव के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए मानवविज्ञानी एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हैं। उनका लक्ष्य हमारी मानवीय उत्पत्ति, एक प्रजाति के रूप में हमारी विशिष्टता और हमारी महान विविधता को समझना है। मानव विज्ञान के अध्ययन के कई कारण हैं। मनुष्यों, समाजों और उनके व्यवहारों का अध्ययन करने से हमारी दुनिया की बेहतर समझ मिलती है। वर्तमान की व्याख्या करने में मदद के लिए अतीत का अध्ययन किया जाता है।अमेरिकन एंथ्रोपोलॉजिकल एसोसिएशन (AAA) ने 2015 में राष्ट्रीय मानव विज्ञान दिवस की शुरुआत की। अगले वर्ष, उन्होंने इसे विश्व मानव विज्ञान दिवस में बदल दिया। AAA को लगा कि यह बेहतर है क्योंकि मानव विज्ञान पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है, न कि केवल एक देश के लिए। यह दिन हमेशा फरवरी के तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब कक्षाएं चलती हैं, ताकि स्कूल और विश्वविद्यालय भाग ले सकें। इसका लक्ष्य धर्म और राष्ट्रीय छुट्टियों के साथ-साथ अन्य प्रतिस्पर्धी दिनों से बचना भी था।

विश्व हिप्पो दिवस 
भारत सहित पूरी दुनिया में हिप्पोपोटामस/हिप्पो की आबादी को संरक्षित करने के लिए हर साल 15 फरवरी को विश्व हिप्पो दिवस मनाया जाता है. हिप्पो या दरियाई घोड़ा सब-सहारा अफ्रीका में पाए जाने वाले बड़े स्तनधारी हैं. यह नाम ग्रीक शब्द 'रिवर हॉर्स' से आया है क्योंकि वे अक्सर पानी में पाए जाते हैं, जो उन्हें गर्म, उष्णकटिबंधीय जलवायु में ठंडा रहने में मदद करता है जहां वे रहते हैं. दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्तनपायी के सम्मान में हर साल 15 फरवरी को विश्व हिप्पो दिवस के रूप में मनाया जाता है.माना जाता है कि दरियाई घोड़े की उत्पत्ति व्हिप्पोमोर्फा नामक अर्धजलीय जानवरों के समूह से हुई है. यह समूह बाद में लगभग 540 लाख साल पहले दो शाखाओं में विभाजित हो गया. पहली शाखा, जिसमें व्हेल और डॉल्फिन शामिल हैं, विकसित होकर पूर्ण जलीय सीतासियन बन गईं. दूसरी शाखा एन्थ्राकोथेरेस बन गई, जो आम हिप्पो की करीबी पूर्वज थी.
(विविध स्रोत)

Thursday, February 13, 2025

14 फरवरी

14 फरवरी 
वैलेंटाइन डे 
14 फरवरी एक ऐसा दिन जब प्रेमी जोड़े एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार का इजहार करते हैं। वैलेंटाइन डे केवल एक प्रेम दिवस नहीं है, बल्कि यह सच्चे प्यार, वफादारी और त्याग का प्रतीक है। आज के दौर में, वैलेंटाइन डे केवल प्रेमी जोड़ों तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा अवसर बन चुका है जिसमें दोस्त, परिवार और यहां तक कि खुद से प्यार जताने का मौका भी मिलता है। वैलेंटाइन डे का इतिहास तीसरी सदी के रोम से जुड़ा हुआ है, जहां प्रेम और रिश्तों को लेकर समाज की सोच आज से बहुत अलग थी। उस समय रोम पर क्लॉडियस द्वितीय (Claudius II) नामक एक शक्तिशाली राजा का शासन था। राजा का मानना था कि शादी करने से पुरुषों की ताकत और युद्ध के प्रति उनका समर्पण कम हो जाता है, इसलिए उसने सैनिकों की शादी पर सख्त रोक लगा दी।एक साहसी ईसाई पादरी, संत वैलेंटाइन (Saint Valentine), ने इस अन्यायपूर्ण आदेश का विरोध किया और छुप-छुप कर प्रेमी जोड़ों की शादी करवाने लगे। जब यह बात राजा को पता चली, तो उसने संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी 269 ई.पू. को मौत की सजा दे दी। कहा जाता है कि फांसी से पहले, संत वैलेंटाइन ने जेलर की बेटी को एक पत्र लिखा था, जिसके अंत में उन्होंने "From Your Valentine" लिखा।  कहा जाता है कि संत वेलेंटाइन ने अपनी मौत के दौरान अपनी आंखों को जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को अपनी आंखों को दान कर दीं और उन्होंने एक पत्र में लिखा 'तुम्हारा वेलेंटाइन'।यही शब्द समय के साथ प्रेम का पर्याय बन गया और हर साल इस दिन को उनकी याद में वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाने लगा।
14 फरवरी को ही गोल्ड हार्ट जे, इंटरनेशनल बुक गिविंग डे और लाइब्रेरी लवर्स डे के रुप में सेलिब्रेट किया जाता है. इसी तरह कई और डे भी हैं, जो इस दिन सेलिब्रेट किए जाते हैं।

राष्ट्रीय पुस्तकालय प्रेमी दिवस 
हर साल 14 फरवरी को राष्ट्रीय पुस्तकालय प्रेमी दिवस (राष्ट्रीय पुस्तकालय प्रेमी दिवस) मनाया जाता है। इस दिन को प्रमाणित करने का उद्देश्य पुस्तकालयों के महत्व के बारे में जागरूकता और लोगों को पुस्तकालयों का उपयोग करना है। इस दिन लोगों को पुस्तकालयों में मौजूद ज्ञान के भंडार का जश्न मनाने का अवसर प्रदान किया जाता है।नेशनल लाइब्रेरी लवर्स डे की शुरुआत 2006 में ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स की स्टेट लाइब्रेरी के लोगों द्वारा की गई थी। उसके बाद से, हर साल यह दिन केवल ऑस्ट्रेलिया में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। इस दिन लोग अपने स्थानीय पुस्तकालयों के दौरे पर जाते हैं, नए अवशेषों को खोजते हैं, वहीं प्रसिद्ध लेखक पुस्तकालयों में आते हैं और अपने पुस्तकालयों से मिलते हैं। साथ ही कई पुस्तकालय विविध कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं जिनमें कहानी का अवलोकन, लेखन आदि शामिल है।


पूर्णिया स्थापना दिवस 
14 फरवरी को हर साल पूर्णिया जिले का स्थापना दिवस मनाया जाता है. इस तिथि को तय करने के पीछे लंबी बहस और शोध किया गया था. पूर्णिया जिला का इतिहास काफी पुराना है. करीब 255 साल पहले से जिले का अस्तित्व है.14 फरवरी 1770 को पूर्णिया जिला आस्तित्व में आया था। यहां के पहले रेवेन्यू कलेक्टर डूकारेल थे. पूर्णिया की चर्चा आईने अकबरी में भी है. डुकारेल ने यहां की कमान संभालते ही सुधार के कई कार्य किए. मनमाने दंड को समाप्त किया और किसानों को परती जमीन जोतने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने न्याय, राजस्व व प्रशासनिक कई सुधार किए. पूर्णिया के इस इतिहास की अगर जानकारी मिलती है तो इसका श्रेय डुकारेल को भी जाता है। (विविध स्रोत)

Wednesday, February 12, 2025

13 फरवरी

13 फरवरी 
किस डे 
13 फरवरी यानि वेलेंटाइन सप्ताह का सातवां दिन, किस डे। प्यार की अभिव्यक्ति का वह तरीका जो साथी के अंतर्मन को करीब से छूता है, और पहला चुंबन हो तो यह हमेशा के लिए यादगार हो जाता है। किस डे वेलेंटाइन वीक (Valentine Week) के सबसे रोमांटिक दिनों में से एक माना जाता है और इस दिन प्यार प्रेमी और प्रेमिका के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. चुंबन दिवस या किस डे आमतौर पर युवा और लव बर्ड्स द्वारा मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन पर किस भी प्यार की गहराई को बनाता है. इस कारण से, कपल्स अपने प्यार को जताने के लिए इस दिन पर एक दूसरे को किस करते हैं. किसिंग दूसरों के लिए हमारे स्नेह व्यक्त करने का सबसे मौलिक तरीकों में से एक है.कहा जाता है कि एक चुंबन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. इस बीच केवल 10 सेकंड में, 80 मिलियन बैक्टीरिया स्थानांतरित हो जाते हैं और ये बैक्टीरिया आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, जो न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं, बल्कि शरीर को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत को भी बनाते हैं.किसिंग सबसे अच्छा स्ट्रेस बस्टर मानी जाती है. यह समस्याओं और तनाव उत्प्रेरण समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है. किसिंग से जैसे ही ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ता है, आप शांत और अधिक आराम महसूस करते हैं. 2013 के एक अध्ययन के अनुसार, ऑक्सीटोसिन विशेष रूप से पुरुषों को एक साथी के साथ बंधन और एकरस रहने में मदद करने में महत्वपूर्ण है.

गैलेन्टाइन दिवस
13 फरवरी को गैलेन्टाइन डे मनाया जाता है, जो हर साल वेलेंटाइन डे से एक दिन पहले महिलाओं को एक-दूसरे के लिए जश्न मनाने के लिए एक साथ लाता है।सभी महिलाओं के पास एक ऐसा दोस्त होता है जो अपनी महिला साथियों का उत्साहवर्धन करता है। वह उनकी सबसे अच्छी समर्थक, श्रोता और साथी होती है। चाहे कुछ भी हो, वह आपका साथ देती है। वह ऐसी महिला है जो महिलाओं का सम्मान करती है। यह दिन ऐसा दिन है जिस दिन ऐसी महिलाएँ पार्टी करेंगी, और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए।2010 में, कॉमेडी पार्क्स एंड रिक्रिएशन के छठे सीज़न (2010) के दौरान , पात्र लेस्ली (एमी पोहलर) अपनी गर्लफ्रेंड के लिए एक वार्षिक गैलेंटाइन डे पार्टी आयोजित करती है (एपिसोड 107 "गैलेंटाइन डे")। धीरे-धीरे, गैलेंटाइन डे पार्टियों का विचार लोकप्रिय हो गया। 2017 तक, कई राष्ट्रीय व्यवसायों ने इस उत्सव को बढ़ावा देना शुरू कर दिया, और यह चलन में आ गया।

राष्ट्रीय महिला दिवस 
भारत में महिलाओं की सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. 13 फरवरी 1879 को सरोजिनी नायडू के जन्मदिवस को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाते हैं. उनके जन्मदिन को भारतीय महिलाओं और जीवन के सभी क्षेत्रों में देश के लिए उनके अमूल्य योगदान का सम्मान करने के लिए चुना गया था.  13 फरवरी 1879 को सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था. महिलाओं की मुक्ति, स्वतंत्रता संग्राम और अन्य अधिकारों की लड़ाई में सरोजिनी नायडू का काफी महत्वपूर्ण योगदान था. देश की असंख्य महिलाओं के विकास में उनके योगदान को सम्मान करने के लिए भारत सरकार ने 13 फरवरी (जन्मदिवस) को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. भारत कोकिला के रूप में जानी जाने वाली सरोजिनी नायडू के सम्मान में भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है.वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं, जिन्होंने 1925 में यह पद संभाला था.सरोजिनी नायडू को दुनिया भर के लोग भारतीय साहित्यिक इतिहास की महान कवयित्रियों में से एक मानते हैं. उनकी कविता में रोमांस, त्रासदी और देशभक्ति जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है. 

विश्व रेडियो दिवस 
दुनियाभर में हर साल 13 फरवरी को विश्‍व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्‍ड रेडियो डे को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच रेडियो के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। आज भले ही लोग पल-पल की खबरों की जानकारी अपने स्‍मार्ट फोन के जरिए ले लेते हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब देश दुनिया से जुड़ी तमाम जानकारियों को हासिल करने के लिए रेडियो एक बड़ा साधन माना जाता था।   देश-दुनिया में रेडियो के सदियों से चले आ रहे योगदान को देखते हुए साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने पहली बार 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करके आधिकारिक रूप से पहली बार 13 फरवरी 2012 को रेडियो दिवस के रूप में मनाया। बता दें, 13 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ भी है। इसी दिन वर्ष 1946 में इसकी शुरुआत हुई थी।रेडियो ने दुनिया भर में सूचना के आदान-प्रदान और लोगों को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई है। इसका इस्तेमाल युवाओं को उन विषयों की चर्चा में शामिल करने के लिए किया गया जो उनको प्रभावित करते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,सार्वजनिक बहस और शिक्षा के प्रसार में रेडियो के महत्व को समझाने के उद्देश्य से वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है। (विविध स्रोत)

Tuesday, February 11, 2025

12 फरवरी

12 फरवरी 
हग डे 
वैलेंटाइन वीक का छठा दिन। 12 फरवरी को हग डे मनाया जाता है। ये दिन प्रेम, स्नेह और आत्मीयता को दर्शाने का एक सुंदर तरीका है, जिसमें लोग अपने पार्टनर को गले लगाकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। हालांकि, हग डे केवल प्रेमी-प्रेमिकाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोस्ती, परिवार और करीबी रिश्तों में भी भावनाओं को मजबूती देने का जरिया बनता है।
हग डे सिर्फ रोमांटिक रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। हग करना यानी गले लगना किसी को ये जताने का सबसे आसान तरीका है कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं और उनकी कितनी परवाह करते हैं। प्यार जताने का ये तरीका हर बार ही आपको एक अलग सुकून और राहत दे जाता है।गले लगने से रिश्ते में विश्वास और निकटता बढ़ाती है। ये तरीका बताता है कि आप एक-दूसरे के साथ सहज हैं और भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। जब हम किसी को गले लगाते हैं या कोई हमें गले लगाता है, तो हमें अपनापन महसूस होता है। अध्ययनों से पता चला है कि गले लगाने से शरीर में ऑक्सिटोसिन (Oxytocin) नामक हार्मोन रिलीज होता है, जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहा जाता है। ये तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है और हमें अधिक खुश और शांत महसूस कराता है।हग डे मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई, इस बता का कोई सटीक ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है लेकिन यह वैलेंटाइन वीक के अन्य दिनों की तरह पश्चिमी देशों से प्रेरित माना जाता है। वहीं, इस खास दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को ये याद दिलाना है कि प्यार और अपनापन दिखाने के लिए छोटे-छोटे इशारों की कितनी अहमियत होती है।

अंतरराष्ट्रीय डार्विन दिवस 
12 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय डार्विन दिवस मनाया जाता है। यह दिन चार्ल्स डार्विन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि चार्ल्स डार्विन एक ब्रिटिश प्रकृतिवादी थे जिनका जन्म 12 फरवरी 1809 को श्रॉपशायर, इंग्लैंड में हुआ था। चार्ल्स डार्विन दिवस को समर्पित करने का उद्देश्य चार्ल्स डार्विन के वैज्ञानिक योगदान को प्रतिष्ठित करना, विज्ञान को बढ़ावा देना और दुनिया भर के लोगों को चार्ल्स डार्विन की वैज्ञानिक सोच, कार्य, नई नैतिकता को पुनर्जीवित करने की जिज्ञासा आदि के बारे में बताना है।यह दिन दुनिया भर में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन लोग प्राकृतिक संग्रहालय का दौरा करते हैं, प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं, सोशल मीडिया पर चार्ल्स डार्विन को सम्मान देने के लिए कई पोस्ट शेयर करते हैं आदि। यह दिन विज्ञान और जैव विविधता को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 
भारत में 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस (National Productivity Day) मनाया जाता है जो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नियोजन समय, कौशल, ऊर्जा, बुद्धिमत्ता, संसाधन और अवसर प्रदान करता है।हर साल 12 फरवरी को भारत की उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का आयोजन राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council – NPC) द्वारा किया जाता है, जिसका उद्देश्य भारत के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता जागरूकता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद 12 से 18 फरवरी, 2022 तक “राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह” मनाता है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का उद्देश्य उत्पादकता, नवाचार और दक्षता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उत्पादन को अधिकतम करने के साथ-साथ संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने के लिए उत्पादकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस और राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता, दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है ताकि भारत वैश्विक नेता बन सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्पादकता को केवल उत्पादन बढ़ाने से परे एक "विकासशील धारणा" के रूप में बढ़ावा देना भी है। एनपीसी उत्पादकता को एक समग्र अवधारणा के रूप में महत्व देना चाहता है जो पर्यावरण, गुणवत्ता और मानव संसाधन विकास जैसे मुद्दों पर विचार करती है।राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC), जिसे भारत सरकार द्वारा 1958 में एक स्वायत्त संगठन के रूप में स्थापित किया गया था, अब वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के DPIIT के अधीन है, भारत में उत्पादकता आंदोलन में सबसे आगे रही है। एमएसएमई क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए इसका हालिया योगदान जबरदस्त रहा है। उत्पादकता के क्षेत्र में अनुसंधान करने के अलावा, NPC सरकार और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के संगठनों को औद्योगिक इंजीनियरिंग, कृषि-व्यवसाय, आर्थिक सेवाओं, गुणवत्ता प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रौद्योगिकी प्रबंधन, ऊर्जा प्रबंधन, पर्यावरण प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में परामर्श और प्रशिक्षण सेवाएँ प्रदान कर रही है। NPC टोक्यो स्थित एशियाई उत्पादकता संगठन (APO) का एक घटक है, जो एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसका भारत सरकार एक संस्थापक सदस्य है। (विविध स्रोत)

Monday, February 10, 2025

11 फरवरी

11 फरवरी 
प्रॉमिस डे
वेलेंटाइन वीक में पांचवा दिन है प्यार के वादे के नाम यानी कि प्रॉमिस डे। इस दिन प्यार करने वाले एक-दूसरे से प्यार निभाने, अपनी गलत आदतों को छोड़ने या प्यार के लिए कुछ खास करने के वादे करते हैं ताकि ‍वक्त गुजरने के साथ-साथ उनका प्यार गहराता चला जाए और उनका रिश्ता एक अटूट रिश्ते में बदल जाए।कसमें और वादे तो प्यार के रिश्ते की पुरानी पहचान रहे हैं, इनके बगैर प्रेम का यह सप्ताह कैसे पूरा हो सकता है। इसलिए प्यार का पांचवे दिन यानि 11 फरवरी को हर साल प्रॉमिस डे भी मना लिया जाता है, ताकि प्रेम को प्रदर्श‍ित करता वेलेंटाइन सप्ताह अधूरा न रह जाए।

विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 
International Day of Women and Girls in Science (IDWGS)
वर्ष 2025 में विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय दिवस (आईडीडब्ल्यूजीएस) की 10वीं वर्षगांठ और बीजिंग घोषणा और कार्रवाई मंच की 30वीं वर्षगांठ होगी, जो लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयास में दो महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं। विज्ञान में लैंगिक समानता सभी के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, फिर भी महिलाओं और लड़कियों को वैज्ञानिक करियर बनाने में प्रणालीगत बाधाओं और पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ रहा है। विज्ञान में लैंगिक अंतर को पाटने के लिए रूढ़िवादिता को तोड़ना, लड़कियों को प्रेरित करने के लिए रोल मॉडल को बढ़ावा देना, लक्षित कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं की उन्नति का समर्थन करना, तथा समावेशिता, विविधता और समानता को बढ़ावा देने वाली नीतियों और कार्यों के माध्यम से समावेशी वातावरण को बढ़ावा देना आवश्यक है।दुनिया भर में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) विषयों के सभी स्तरों पर पिछले कई सालों से लिंग के आधार पर काफ़ी अंतर बना हुआ है। हालाँकि महिलाओं ने उच्च शिक्षा में अपनी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काफ़ी प्रगति की है, लेकिन इन क्षेत्रों में उनका प्रतिनिधित्व अभी भी कम है। लैंगिक समानता हमेशा से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक मुख्य मुद्दा रहा है। लैंगिक समानता और महिलाओं और लड़कियों का सशक्तिकरण न केवल दुनिया के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा, बल्कि सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के सभी लक्ष्यों और लक्ष्यों की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। 14 मार्च 2011 को, महिलाओं की स्थिति पर आयोग ने अपने पचासवें सत्र में एक रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें शिक्षा, प्रशिक्षण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में महिलाओं और लड़कियों की पहुँच और भागीदारी तथा पूर्ण रोजगार और सभ्य कार्य तक महिलाओं की समान पहुँच को बढ़ावा देने के लिए सहमत निष्कर्ष शामिल थे। 20 दिसंबर 2013 को, महासभा ने विकास के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर एक प्रस्ताव अपनाया, जिसमें यह माना गया कि सभी उम्र की महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में पूर्ण और समान पहुँच और भागीदारी लैंगिक समानता और महिलाओं और लड़कियों के सशक्तीकरण को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है।

विश्व बीमार दिवस
World Day of Sick 
हर साल 11 फरवरी को विश्व बीमार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो कैथोलिक चर्च को एक साथ आने और बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना करने का एक तरीका प्रदान करता है। यह उन देखभाल करने वालों और अस्पताल के पादरी को याद करने का भी दिन है जो बीमार लोगों की देखभाल करते हैं। दुनिया में कोई भी व्यक्ति बीमारी से सुरक्षित नहीं है। कुछ लोग जन्मजात दोष के साथ पैदा होते हैं जो उनके पूरे जीवनकाल में बीमारियाँ पैदा करता है। दूसरों को बुरी खबर मिलती है कि उन्हें कोई पुरानी बीमारी है। कभी-कभी यह पता चल जाता है कि कुछ बीमारियों का कारण क्या है, और कभी-कभी इसका कारण कभी पता नहीं चल पाता।पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 1992 में विश्व बीमार दिवस की शुरुआत की थी। 11 फरवरी की तारीख लूर्डेस की हमारी महिला के पर्व के साथ मेल खाती है। यह उपाधि धन्य माता को 1858 में सेंट बर्नडेट सोबिरस के सामने प्रकट होने के बाद दी गई थी। उस समय से, दुनिया भर से कई लोग उपचार की तलाश में लूर्डेस, फ्रांस की यात्रा करते हैं। हर साल एक अलग थीम चुनी जाती है, जो आम तौर पर यीशु द्वारा बोले गए शास्त्र के एक अंश के इर्द-गिर्द घूमती है।

विश्व यूनानी दिवस 
विश्व यूनानी दिवस हर साल 11 फरवरी को समाज सुधारक और प्रसिद्ध यूनानी विद्वान हाकिम अजमल खान की जयंती मनाने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें व्यापक रूप से भारत में यूनानी चिकित्सा के अग्रणी के रूप में माना जाता है। हकीम अजमल खान, जिनका जन्म 11 फरवरी, 1868 को हुआ था, एक शिक्षक, यूनानी चिकित्सक और यूनानी चिकित्सा पद्धति में वैज्ञानिक अध्ययन के संस्थापक थे। यह दिन भारत और दुनिया भर में यूनानी चिकित्सा के विकास में हकीम अजमल खान के योगदान को याद करता है। 2017 में, हैदराबाद के केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने पहला विश्व यूनानी दिवस (CRIUM) मनाया था।

समर्पण दिवस
समर्पण दिवस हर साल 11 फरवरी को दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है। दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय राष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी। दीनदयाल उपाध्याय एक  भारतीय राजनीतिज्ञ और विचारक थे, जो आरएसएस या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा समर्थित हिंदुत्व विचारधारा के समर्थक थे। वे भारतीय जनसंघ पार्टी के नेता थे।
दीनदयाल उपाध्याय का दृष्टिकोण भारत को न केवल कृषि क्षेत्र में बल्कि रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भी एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में देखना था।
उनका जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा के पवित्र बृज क्षेत्र में हुआ था। उनके दादा एक ज्योतिषी थे जिन्होंने भविष्यवाणी की थी कि वे एक विचारक, विद्वान और महान राजनीतिज्ञ बनेंगे, हालांकि वे विवाह नहीं करेंगे।वे 1937 में आरएसएस में शामिल हुए और उसी साल उन्होंने बीए की पढ़ाई पूरी की। 1951 में उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर भारतीय जनसंघ की स्थापना की। उनमें संगठन के प्रति उत्कृष्ट कौशल था और वे पार्टी के अध्यक्ष पद तक पहुंचे। हालांकि, 1968 में मुगल सराय रेलवे स्टेशन पर रहस्यमय तरीके से उनकी मौत हो गई। दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद के एक प्रतिष्ठित प्रतीक थे। वे शासन और राजनीति के वैकल्पिक मार्ग में भी विश्वास करते थे। (विविध स्रोत)

Sunday, February 9, 2025

10 फरवरी

10 फरवरी 
टेडीबियर डे 
वेलेंटाइन वीक का चौथा दिन है 'टेडी डे'। टेडी बियर सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि प्यार करने वाले जोड़ों को भी खूब पसंद आते है। आपने अक्सर प्रमी-प्रेमिकाओं को एक-दूसरे को टेडी बियर तोहफे में देते देखा ही होगा। ये खिलौना या सजावट का सामान इतना खास हो गया की प्यार की निशानियों के तौर पर दिया जाने लगा। टेडीबियर और प्यार के बीच एक और भी रिश्ता है, वो है कोमलता का। यकीनन आप भी अपने साथी के प्रति प्यार की कोमल भावनाओं को अभि‍व्यक्त करने के लिए टेडीबियर से कोमल उदाहरण नहीं दे पाएंगे। हुआ न यह रिश्ता बेहद गहरा और कोमल ! बस इसलिए ही टेडीबियर, प्यार और वेलेंटाइन वीक का अहम हिस्सा है।टेडी बियर सबसे प्यारे उपहारों में से एक है. इस दिन कपल्स एक-दूसरे के लिए आपे प्रेम का इजाहार टेडी देकर करते हैं. ऐसा माना जाता है कि टेडी नाम के पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति थियोडोर ‘टेडी’ रूजवेल्ट का हाथ है. रूजवेल्ट ने एक बार भालू को गोली मारने से इनकार किया था जिसे उनके सहायकों ने फंसाया था. न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक कैंडी स्टोर के मालिक मॉरिस मिचटॉम इससे प्रेरित हुए, और उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति को एक भरवां खिलौना भालू गिफ्ट किया और इसे टेडी बियर नाम दिया.

विश्व दलहन दिवस 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने छोले, सूखी फलियाँ और मसूर जैसी दलहनी फसलों के वैश्विक भोजन के रूप में महत्व को पहचानने के लिए 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में नामित किया है । दालें फलीदार पौधों के खाद्य बीज हैं जिन्हें भोजन और चारे दोनों के लिए उगाया जाता है। बीन्स , छोले और मटर दालों के सबसे प्रसिद्ध और आम तौर पर खाए जाने वाले प्रकार हैं , लेकिन दुनिया भर में दालों के कई और प्रकार हैं, जिनमें से सभी खाद्य सुरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के लिए बहुत लाभकारी हैं। यह दिवस खाद्य सुरक्षा और पोषण को बढ़ाने के उद्देश्य से स्थायी खाद्य उत्पादन के हिस्से के रूप में दालों के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है । दालें  हमारे कृषि खाद्य प्रणालियों में कई तरीकों से विविधता लाती हैं: खेत पर, हमारे आहार में और मूल्यवर्धित उत्पादों के माध्यम से। वे अधिक प्रजातियों के साथ फसल प्रणालियों को समृद्ध करके खेतों पर जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं । वे एक किफायती, प्रोटीन युक्त खाद्य स्रोत (19-25 प्रतिशत प्रोटीन) हैं, जो आवश्यक खनिजों से भरपूर हैं, फाइबर में उच्च हैं, और वसा में कम हैं। ये खाद्य बीज अत्यधिक बहुमुखी हैं और इन्हें विभिन्न उत्पादों में संसाधित किया जा सकता है, जैसे कि ब्रेड और पास्ता बनाने के लिए आटा, या यहां तक कि प्रोटीन पेय भी। इसका मतलब है कि वे आय के कई अवसर प्रदान करते हैं।संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 20 दिसंबर 2013 को प्रस्ताव में अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस पर निर्णय लिया गया। 'अंतरराष्ट्रीय दलहन दिवस' पहली बार वर्ष 2016 में मनाया गया था। बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी 2019 को विश्व दल दिवस के रूप में प्रस्ताव पारित किया था। जिसके बाद 10 फरवरी को दाल दिवस मनाया जाता है।प्रोटीन को शरीर के लिए बेहद जरूरी माना गया है और दालों को प्रोटीन का भंडार माना जाता है. दालों को जिस अनाज से तैयार किया जाता है, उस अनाज को दलहन कहा जाता है. दालों में मौजूद पोषण और इसके फायदों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 10 फरवरी को अंतराष्‍ट्रीय दलहन दिवस (World Pulses Day) के तौर पर मनाया जाता है.


अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस
इस साल यह दिवस 10 फरवरीको मनाया जाएगा। यह दिन मिर्गी (Epilepsy) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे पीड़ित लोगों को समर्थन देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।मिर्गी एक ऐसे बीमारी है जो समय से ख़राब होती चली जाती है। मिर्गी के लक्षण का इलाज अगर सही तरीके से न किया जाए तो ये मरीज के लिए परेशानी का  सबब बन सकती है। मिर्गी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस (International Epilepsy Day) फरवरी के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस की शुरुआत इंटरनेशनल ब्यूरो फॉर एपिलेप्सी (IBE) और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी (ILAE) द्वारा की गई थी। इसे पहली बार 2015 में मनाया गया था और तब से यह हर साल विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और लोगों को इसके सही इलाज और देखभाल के बारे में शिक्षित करना है।मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका तंत्र से जुड़ी) बीमारी है, जिसमें बार-बार दौरे (Seizures) पड़ते हैं। यह मस्तिष्क की असामान्य गतिविधि के कारण होता है और इसके कई कारण हो सकते हैं।सही जानकारी और उपचार से मिर्गी रोगियों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
प्रतिवर्ष 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य आंतों के कीड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बच्चों में मृदा-संचारित कृमि का पूर्ण उन्मूलन प्राप्त करना है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी। ये एक ऐसा दिवस है जिसे एक दिन में लागू किया गया सार्वजनिक कार्यक्रम था। राष्ट्रीय कृमि दिवस के माध्यम से 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों में हो रही मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स जैसा बिमारी की रोकथाम के लिए और उसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई पहल है। इसके माध्यम से करोड़ो लोगो में हो रही मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स नामक परेशानी से बचाव करना है।विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार दुनिया भर लगभग 24 प्रतिशत आबादी मृदा संचारित हेल्मिंथ कीडे़ से संक्रमित है। यदि भारत की बात करें तो यहां लगभग 241 मिलियन बच्चों की आंतों में परजीवी कीडे़ होने का खतरा रहता है। अत्यधिक ये 1 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों में देखी जाने वाली परेशानियों में से एक है। इस दिवस की शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 में की गई थी। जिसमें 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को कृमिनाशक दवा प्रदान कर देश को कृमि मुक्त बनना था। बच्चों की आंतों में परजीवी होने के कारण वह उनके खराब शारीरिक और मानसिक विकास, एनीमिया और कुपोषण की स्थिति को पैदा करते हैं जो उन्हें लंबे समय की परेशानियों से ग्रसित कर सकता है। जिसकी रोकथाम और निपटान को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को मनाये जाने का फैसला लिया गया। 2015 से इस दिवस को हर साल 10 फरवरी के दिन मनाया जाता है। इस दिवस पर आंगनवाड़ी और स्कूलों में छात्रों को दवा दी जाती है। भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस दिवस को मनाया जाता है और इसका मॉप-अप 15 फरवरी को किया जाता है।(विविध स्रोत)






Saturday, February 8, 2025

9 फरवरी

9 फरवरी 
चॉकलेट डे 
वैलेंटाइन वीक की शुरुआत हो चुकी है और रोज डे, प्रपोज डे के बाद अब चॉकलेट डे का नंबर है। चॉकलेट डे हर साल 9 फरवरी के दिन मनाया जाता है।चॉकलेट को अक्सर स्नेह व्यक्त करने के लिए प्रेम भाषा के रूप में उपयोग किया जाता है क्योंकि यह मिठास और प्यार का प्रतीक है। 1840 से, जब वैलेंटाइन डे ने लोकप्रियता हासिल करना शुरू किया और प्यार से भरे इस सप्ताह का हिस्सा बन गया, तब से लोग चॉकलेट डे मना रहे हैं। तब से ये दिन वैलेंटाइन वीक में शामिल किया गया है।चॉकलेट रिश्ते में मिठास घोलने और आपके वेलेंटाइन के लिए कभी न खत्म होने वाले प्यार का प्रतीक है और लवबर्ड्स चॉकलेट उपहार में देते हैं और अपने प्यार को व्यक्त करते हैं. विक्टोरियन काल से, चॉकलेट उन उपहारों का बहुत बड़ा हिस्सा था जो पुरुषों और महिलाओं ने प्यार में एक दूसरे को दिया था. वाशिंगटन डीसी में स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 19 वीं शताब्दी में एक ब्रिटिश परिवार अपने कोकोआ मक्खन का उपयोग करने का एक तरीका ढूंढ रहा था, जिसे रिचर्ड कैडबरी ने अधिक स्वादिष्ट पेय चॉकलेट बनाने के लिए आविष्कार किया था. इस पर उनका जवाब था “चॉकलेट खाना”, जिसे उन्होंने एक सुंदर स्व-डिज़ाइन किए गए बॉक्स में पैक किया.विश्व के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह से चॉकलेट डे मनाया जाता है। वैलेंटाइन सप्ताह के अलावा हर साल 7 जुलाई को विश्व चॉकलेट दिवस भी मनाते हैं। इस तरह कई देशों में दो दिन चॉकलेट को समर्पित होते हैं। हालांकि एक देश ऐसा भी है जो एक या दो नहीं साल भर में कई बार चॉकलेट डे मनाया जाता है। इस देश के लोगों के बीच चॉकलेट डे एक महत्वपूर्ण दिन होता है। जापान में चॉकलेट डे एक बार नहीं, बल्कि साल में 10 बार मनाया जाता है और हर अवसर पर इसका अलग-अलग महत्व होता है। मुख्य रूप से तीन अवसर अधिक प्रचलित हैं, जहां चॉकलेट डे मनाने का उत्साह भी अधिक होता है और ये अलग-अलग वर्ग के लोगों के लिए होता है। पहला, 9 फरवरी, दूसरा 14 मार्च और तीसरा 14 अप्रैल।साल के दूसरे चॉकलेट डे को व्हाइट डे भी कहते हैं। वैलेंटाइन डे के ठीक एक महीने बाद, पुरुष उन महिलाओं को उपहार देते हैं जिन्होंने उन्हें चॉकलेट दी थी। इस दिन पुरुष आमतौर पर सफेद रंग की चॉकलेट, मिठाई, या गहने जैसे खास उपहार वापस देते हैं।14 अप्रैल वाला चाॅकलेट डे मुख्य रूप से कोरिया में प्रचलित है लेकिन जापान में भी कुछ लोग इसे मनाते हैं। यह उन लोगों के लिए है जिन्हें वैलेंटाइन डे या व्हाइट डे पर कोई चॉकलेट नहीं मिली। इस दिन, सिंगल लोग आमतौर पर ब्लैक कलर की डेज़र्ट या नूडल्स खाते हैं, जैसे "ब्लैक बीन नूडल्स"।(विविध स्रोत)

Friday, February 7, 2025

8 फरवरी

8 फरवरी 
प्रपोज डे 
वैलेंटाइन वीक का दूसरा दिन। इस वीक का दूसरा दिन है प्रपोज डे। अगर आप किसी से अपने दिल की बात कहना चाहते हैं या फिर रोज डे पर किसी कारणवश आप उनसे अपनी बात नहीं कह पाए हैं तब यह खास दिन सिर्फ आपके लिए है। इस दिन कुछ अलग अंदाज में आप अपने दिल की बात अपने प्रिय तक पहुंचा सकते हैं।यह दिन उन प्रेमियों के लिए है जो अपने दिल की बात अपने साथी से कहना चाहते हैं. अगर आपने अभी तक अपने दिल की फीलिंग्स को व्यक्त नहीं किया है, तो प्रपोज डे एक आदर्श दिन है, जब आप अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं और अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरो सकते हैं.

राष्ट्रीय पतंगबाजी दिवस 
हर साल 8 फरवरी को अमेरिका में राष्ट्रीय पतंगबाजी दिवस (NATIONAL KITE FLYING DAY) मनाया जाता है। वहीं भारत में राष्ट्रीय पतंगबाजी दिवस हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन लोगों को पतंग उड़ाने और पतंग उड़ाने से होने वाले शारीरिक व्यायाम को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। पतंगबाजी एक मजेदार और सक्रिय गतिविधि है जिसका आनंद सभी उम्र के लोग उठा सकते हैं। प्रतिवर्ष 8 फरवरी को देशभर में उत्साही लोग अपनी पतंगें उड़ाकर इस दिन को मनाते हैं।यह त्योहार खुशी, उल्लास और नई शुरुआत का प्रतीक है, जो सभी उम्र के लोगों को एक साथ लाता है। इस समय लोग विभिन्न प्रकार की पतंगें बनाते हैं, जो उनकी रचनात्मकता को दर्शाती है। यह प्रकृति का आनंद लेने का एक बेहतरीन तरीका है। भारत में मकर संक्रान्ति के अवसर पर पतंगबाजी की परंपरा है। (विविध स्रोत)

Thursday, February 6, 2025

7 फरवरी

7 फरवरी 
वैलेंटाइन वीक की शुरूआत 
7 फरवरी से वैलेंटाइन वीक शुरू होता है जो प्रेम करने वालों के लिए बेहद खास होता है।  इस पूरे हफ्ते ऐसा लगता है जैसे आबोहवा ही बदल गई है.7 फरवरी से 14 फरवरी के बीच का समय कुछ अलग ही होता है. वैलेंटाइंस डे आने से पहले के ये 7 दिन बेहद खास होते हैं.  इसके पहले दिन यानी 7 फरवरी को रोज़ डे मनाया जाता है। यह दिन प्यार के इकरार की शुरुआत के रूप में देखा जाता है. इस दिन अपने पार्टनर को या आप जिसे अपना वैंलेंटाइन बनाना चाहते हैं उसे गुलाब दिया जाता है. प्रेमी तो अपनी प्रेमिकाओं के ऑफिस तक में इस दिन गुलाब भेज दिया करते हैं. रोज डे हर साल 7 फरवरी को मनाया जाता है। यह वैलेंटाइन सप्ताह (Valentine Week) की शुरुआत का पहला दिन होता है। इस दिन प्रेमी जोड़े, दोस्त और रिश्तेदार अपने स्नेह को व्यक्त करने के लिए गुलाब का फूल देते हैं और अपने भावनाओं का इजहार करते हैं। रोज डे सिर्फ प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि दोस्ती, सौहार्द और शांति का भी प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि छोटे-छोटे इशारों से हम अपने रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं।रोज डे की उत्पत्ति की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन इसे यूरोप में मध्यकालीन प्रेम परंपराओं से जोड़ा जाता है। उस समय प्रेमी अपने प्रिय को फूलों और प्रेम पत्रों के जरिए प्यार का इजहार करते थे। धीरे-धीरे यह परंपरा पश्चिमी देशों में वैलेंटाइन वीक के रूप में विकसित हुई।गुलाब को प्यार, दोस्ती और भावनाओं के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। अलग-अलग रंगों के गुलाब अलग-अलग भावनाओं को दर्शाते हैं। 
आवर्त सारणी दिवस
Periodic Table Day 
7 फरवरी को आवर्त सारणी दिवस मनाया जाता है, जो तत्वों की पहली सारणी के प्रकाशन का प्रतीक है। हम यह भी देखेंगे कि समय के साथ आवर्त सारणी में किस तरह से बदलाव आया है। आवर्त सारणी का इतिहास बहुत पुराना है। इसने और तत्वों की खोज ने विज्ञान को कई तरह से प्रभावित किया। प्राचीन मनुष्य को केवल कुछ तत्वों के बारे में ही पता था। हालाँकि, पहली शताब्दी ई. तक, मानव जाति को सोना, चाँदी, तांबा, लोहा, सीसा, टिन, पारा, सल्फर और कार्बन के तत्वों के बारे में पता था। समय के साथ, हमने अपनी खोजों में आर्सेनिक, एंटीमनी, फॉस्फोरस और जिंक को भी शामिल कर लिया। 1809 तक, 47 तत्वों की खोज हो चुकी थी। इसे व्यवस्थित करने का समय आ गया था, और जोहान डोबेरिनर ने ऐसा करने का सबसे पहला प्रयास किया। उन्होंने 1817 में तत्वों को समान गुणों के आधार पर तीन या त्रिक के समूहों में व्यवस्थित किया।7 फरवरी, 1863 को अंग्रेज़ रसायनज्ञ जॉन न्यूलैंड्स ने तत्वों की पहली तालिका प्रकाशित की। न्यूलैंड्स ने "अष्टक के नियम" के आधार पर ज्ञात 56 तत्वों को 11 समूहों में विभाजित किया। उनकी तालिका ने सुझाव दिया कि किसी भी तत्व के गुण तालिका में उससे आठ स्थान पहले और पीछे के तत्वों के समान होंगे।न्यूलैंड्स उन पहले वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्होंने तत्वों के गुणों में एक पैटर्न का पता लगाया। (विविध स्रोत)

Wednesday, February 5, 2025

6 फरवरी

6 फरवरी 
महिला जननांग विकृति के लिए शून्य सहिष्णुता का वैश्विक दिवस 
International Day of Zero Tolerance for Female Genital Mutilation – FGM
यह 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस प्रथा के उन्मूलन पर प्रयासों को बढ़ाने और निर्देशित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। विश्व स्तर पर हर साल 6 फरवरी को महिला के लिए शून्य सहिष्णुता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Zero Tolerance for Female) मनाया जाता है। यह दिवस को मनाने का उद्देश्य है महिला जननांग विकृति (Female Genital Mutilation – FGM) प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करना, FGM के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना, FGM को रोकने के लिए और इससे पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को सहायता प्रदान करना आदि। बता दें कि FGM एक ऐसी प्रथा है जिसमें लड़कियों और महिलाओं के जेनिटल को आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है। यह प्रथा अक्सर धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक दबाव के कारण की जाती है। महिला जननांग विकृति (एफजीएम) में वे सभी प्रक्रियाएं शामिल हैं जिनमें गैर-चिकित्सीय कारणों से महिला जननांग को बदलना या चोट पहुंचाना शामिल है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों , स्वास्थ्य और अखंडता का उल्लंघन माना जाता है। जिन लड़कियों का महिला जननांग विच्छेदन किया जाता है, उन्हें अल्पकालिक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, जैसे गंभीर दर्द, सदमा, अत्यधिक रक्तस्राव, संक्रमण और पेशाब करने में कठिनाई, साथ ही उनके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक परिणाम भी होते हैं। हालाँकि मुख्य रूप से अफ्रीका और मध्य पूर्व के 30 देशों में महिला जननांग विकृति एक सार्वभौमिक मुद्दा है और एशिया और लैटिन अमेरिका के कुछ देशों में भी इसका प्रचलन है। पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में रहने वाली अप्रवासी आबादी के बीच महिला जननांग विकृति अभी भी जारी है। पिछले तीन दशकों में, विश्व स्तर पर FGM का प्रचलन कम हुआ है। आज, 30 साल पहले की तुलना में एक लड़की के FGM से गुजरने की संभावना एक तिहाई कम है। हालाँकि, बीमारी के प्रकोप, जलवायु परिवर्तन, सशस्त्र संघर्ष और अन्य मानवीय संकटों के सामने इन उपलब्धियों को बनाए रखना लैंगिक समानता प्राप्त करने और 2030 तक FGM को खत्म करने की दिशा में प्रगति को पीछे धकेल सकता है।


सुरक्षित इंटरनेट दिवस 
सुरक्षित इंटरनेट दिवस हर साल फरवरी के दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन मनाया जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय इवेंट है जिसका उद्देश्य है दुनियाभर के बच्चों और जवानों के टेक्नोलॉजी और मोबाइल फोन के सुरक्षित और जिम्मेदार इस्तेमाल पर ज़ोर देना। सुरक्षित इंटरनेट दिवस (Safer Internet Day) पहली बार 2004 में मनाया गया था। 2009 के पहले तक यह दिवस यूरोप के देशों में ही मनाया जाता था, लेकिन इसके बाद इसे दुनिया भर के वैश्विक स्तर 200 देशों द्वारा सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सुरक्षित इंटरनेट सेंटर नेटवर्क द्वारा की गई थी जो इंटरनेट सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने वाले संगठनों का एक संघ है। यह दिन दुनिया में ऑनलाइन सुरक्षा के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

Tuesday, February 4, 2025

5 फरवरी

5 फरवरी 

आध्यात्मिक गुरु महर्षि महेश योगी का निर्वाण दिवस

योग और ध्यान के आध्यात्मिक गुरु महर्षि महेश योगी का नीदरलैंड्स स्थित अपने घर में 5 फरवरी 2008 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। इस महापुरुष का व्यक्तित्व अजर-अमर है। महेश प्रसाद ने महर्षि महेश योगी बनकर संपूर्ण दुनिया को शांति और सदाचार की शिक्षा दी और विश्व भर में भारत का नाम रोशन किया।
महर्षि योगी ने वैदिक ज्ञान से संपूर्ण विश्व को आलौकित किया और उनके हृदयग्राही सरस प्रवचनों ने हिन्दुस्तान के जबलपुर से लेकर हॉलैंड तक कई शहरों के श्रोताओं को सम्मोहित किेया।महर्षि योगी ने भावातीत ध्यान के माध्यम से पूरी दुनिया को वैदिक वांग्मय की संपन्नता की सहज अनुभूति कराई। नालंदा व तक्षशिला के अकादमिक वैभव को साकार करते हुए विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय की सुपरंपरा को गति दी। महर्षि द्वारा प्रणीत भावातीत ध्यान एक विशिष्ठ व अनोखी शैली है, जो चेतना के निरंतर विकास को प्राप्त करने का मार्ग दिखाती है।  प्रत्येक वर्ष जनवरी माह की 12 तारीख को महर्षि योगी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महर्षि महेश योगी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास ही स्थित पांडुका गांव में हुआ।5 फरवरी 2008 को महाशून्य में निलय हुए महर्षि महेश योगी ने कहा - 'मेरे न होने से कुछ नुकसान नहीं होगा। मैं नहीं होकर और भी ज्यादा प्रगाढ़ हो जाऊंगा...' 

हिंदू कोड बिल दिवस
डॉ. आंबेडकर ने हिंदू कोड़ बिल (5 फरवरी 1951) के माध्यम से महिलाओं की मुक्ति और समानता का रास्ता खोलने की कोशिश की थी। उन्होंने ब्राह्मणवादी विवाह पद्धति को पूरी तरह से तोड़ देने का कानूनी प्रावधान प्रस्तुत किया। इसके तहत उन्होंने यह प्रस्ताव किया था कि कोई भी बालिग लड़का-लड़की बिना अभिवावकों की अनुमति के आपसी सहमति से विवाह कर सकता है। इस बिल में लड़का-लड़की दोनों को समान माना गया था।
इस बिल में कहां गया था कि विवाह कोई जन्म भर का बंधन नहीं है, तलाक लेकर पति-पत्नी एक दूसरे से अलग हो सकते हैं। विवाह में जाति की कोई भूमिका नहीं होगी। कोई किसी भी जाति के लड़के या लड़की से शादी कर सकता है। शादी में जाति या अभिवावकों की अनुमति की कोई भूमिका नहीं होगी। शादी पूरी तरह से दो लोगों के बीच का निजी मामला है। इस बिल में डॉ. आंबेडकर ने लड़कियों को सम्पत्ति में भी अधिकार दिया था।(विविध स्रोत)

4 फरवरी

4 फरवरी 
विश्व कैंसर दिवस 
World Cancer Day 
विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य है दुनिया भर में कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना लोगों को शिक्षित करना और इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना। यह दिन कैंसर से प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के लिए समर्थन और एकजुटता का प्रतीक है। विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत 4 फरवरी 2000 को हुई थी। इसकी स्थापना यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) ने की थी, जो कैंसर के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संगठन है। UICC ने इस दिवस को मनाने का फैसला इसलिए किया ताकि दुनिया भर में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और इस बीमारी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुटता दिखाई जा सके। 4 फरवरी 2000 को पेरिस में 'वर्ल्ड समिट अगेंस्ट कैंसर' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन को करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (UICC) का कहना था कि साल में एक दिन ऐसा होना चाहिए, जब दुनिया के हर कोने में कैंसर की रोकथाम, कैंसर के लक्षणों की पहचान और इलाज के प्रति जागरूकता लाने एक दिन होना चाहिए। UICC की शुरुआत के बाद हर साल 4 फरवरी वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, गैर सरकारी संगठन, अस्पतालों में कैंप लगाए जाते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किया जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस
अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस 4 फरवरी को विश्व स्तर पर मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस का उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों, या मान्यताओं और सहिष्णुता को बढ़ावा देने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व को रेखांकित करना है. इसका उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना भी है कि सहिष्णुता, बहुलवादी परंपरा, आपसी सम्मान तथा धर्मों और विश्वासों की विविधता मानव बंधुत्व को बढ़ावा देती है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह दिवस पहली बार 2021 में मनाया गया था।यह दिवस विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच संवाद के साथ-साथ सभी मनुष्यों द्वारा साझा किए गए सामान्य मूल्यों की बढ़ती समझ को बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच सहिष्णुता और सम्मान शांति, स्थिरता और समझ का वातावरण बनाने में मदद कर सकता है।(विविध स्रोत)

Sunday, February 2, 2025

3 फरवरी

3 फरवरी 
राष्ट्रीय महिला चिकित्सक दिवस
National Women Physicians Day
अमेरिका में राष्ट्रीय महिला चिकित्सक दिवस हर साल 3 फरवरी को मनाया जाता है। राष्ट्रीय महिला चिकित्सक दिवस चिकित्सा और समाज में महिला डॉक्टरों के योगदान का सम्मान और सराहना करने का दिन है। यह 3 फरवरी को एलिजाबेथ ब्लैकवेल के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जो 1849 में संयुक्त राज्य अमेरिका में मेडिकल डिग्री प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं। डॉ. ब्लैकवेल ने उस आंदोलन की शुरुआत की जिसने महिलाओं को चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश और समानता हासिल करने में मदद की।

राष्ट्रीय गुमशुदा व्यक्ति दिवस 
National Missing Persons Day 
राष्ट्रीय गुमशुदा व्यक्ति दिवस अमेरिका में हर साल 3 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरे देश में हज़ारों गुमशुदा लोगों की ओर ध्यान आकर्षित करता है । यह दिन आम जनता को गुमशुदा लोगों के बारे में जागरूक करने और उनके मिलने की संभावना बढ़ाने का एक मूल्यवान अवसर भी है। राष्ट्रीय गुमशुदा व्यक्ति दिवस न केवल गुमशुदा लोगों के लिए मनाया जाता है, बल्कि उनके परिवारों और दोस्तों के लिए भी मनाया जाता है, जिन्हें अपने प्रियजन के बिना किसी सुराग के लापता होने के आघात से जूझना पड़ता है। यह दिन उनके दुख का सम्मान और सम्मान करता है। इसकी शुरूआत 25 मई, 1983 को गुमशुदा व्यक्तियों के सभी मामलों को सम्मान देने और उनकी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए की गई थी। हर साल हज़ारों लोग बिना किसी सुराग के लापता हो जाते हैं। ये लोग वयस्क या बच्चे हो सकते हैं, और जबकि इनमें से कई लोग बाद में दिखाई दे सकते हैं, फिर भी कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें फिर कभी नहीं देखा जाता है। (विविध स्रोत)

Saturday, February 1, 2025

2 फरवरी

2 फरवरी 
विश्व आर्द्र भूमि दिवस
World Wetlands Day 
विश्व आर्द्र भूमि दिवस हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में नामित किया है। यह दिन 2 फरवरी 1971 को कैस्पियन सागर के तट पर ईरानी शहर रामसर में आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को दर्शाता है। वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन की स्थायी समिति ने 2018 में विश्व वेटलैंड्स दिवस के लिए थीम के रूप में "एक सतत शहरी भविष्य के लिए वेटलैंड्स" को मंजूरी दी। वेटलैंड्स, हाइड्रोलॉजिकल चक्र के महत्वपूर्ण हिस्से, अत्यधिक उत्पादक पारिस्थितिकी तंत्र हैं जो समृद्ध जैव विविधता का समर्थन करते हैं और जल भंडारण, जल शोधन, बाढ़ शमन, कटाव नियंत्रण, जलभृत पुनर्भरण, सूक्ष्म जलवायु विनियमन, परिदृश्यों के सौंदर्य संवर्धन जैसी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं, साथ ही साथ कई महत्वपूर्ण मनोरंजक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का समर्थन करते हैं, जो हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।वेटलैंड्स महत्वपूर्ण मीठे पानी की पेशकश करते हैं, जिसमें 100,000 से अधिक प्रजातियां हैं। वे मानवता को बनाए रखते हैं, जिसका उदाहरण वेटलैंड के खेतों में उगाए जाने वाले चावल हैं, जो तीन अरब लोगों के लिए मुख्य भोजन है, जो वैश्विक भोजन का 20% योगदान देता है। इसके अतिरिक्त, वेटलैंड्स प्राकृतिक शॉक एब्जॉर्बर के रूप में कार्य करते हैं, वर्षा के प्रभावों को कम करते हैं और बाढ़ और तूफान के जोखिम को कम करते हैं। उनके महत्व को पहचानते हुए, FAO खाद्य सुरक्षा और कृषि के दृष्टिकोण से वेटलैंड्स के संरक्षण, बहाली और टिकाऊ प्रबंधन का समर्थन करने में सक्रिय रूप से शामिल है, जिसमें फसल और पशुधन उत्पादन, वानिकी, मत्स्य पालन और जलीय कृषि शामिल है, जबकि एकीकृत भूमि और जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा दे रहा है और जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धी मांगों से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान कर रहा है। विश्व आर्द्रभूमि दिवस , जिसे हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है, का उद्देश्य लोगों और ग्रह के लिए आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।1700 के दशक से दुनिया की लगभग 90% आर्द्रभूमियाँ नष्ट हो चुकी हैं, और हम वनों की तुलना में तीन गुना तेज़ी से आर्द्रभूमि खो रहे हैं। फिर भी, आर्द्रभूमियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र हैं जो जैव विविधता, जलवायु शमन और अनुकूलन, मीठे पानी की उपलब्धता, विश्व अर्थव्यवस्थाओं और बहुत कुछ में योगदान देती हैं।
यह अत्यावश्यक है कि हम आर्द्रभूमियों के बारे में राष्ट्रीय और वैश्विक जागरूकता बढ़ाएं ताकि उनकी तीव्र क्षति को रोका जा सके तथा उनके संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित किया जा सके।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस इन अत्यंत महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी प्रणालियों के बारे में लोगों की समझ बढ़ाने के लिए आदर्श समय है। (विविध स्रोत)

Friday, January 31, 2025

1 फरवरी

1 फरवरी 
भारत का आम बजट 
हर वर्ष 1 फरवरी को भारत सरकार संसद में आम बजट पेश करती है। यूनियन बजट इससे पहले फरवरी की आखिरी तारीख को संसद में पेश किया जाता था. हालांकि साल 2017 में इस चलन को बदल दिया गया जब तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की कि केंद्रीय बजट हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. तब से यह प्रथा जारी है और बजट 1 फरवरी को पेश किया जाता है. महामारी के दौरान भी बजट 1 फरवरी को ही पेश किया गया. आजादी के बाद 28 फरवरी 1948 को देश का पहला वार्षिक बजट पेश किया गया था। यह तत्कालीन वित्त मंत्री आर के Shanmukham चेट्टी ने प्रस्तुत किया था। साल 1999 तक, भारत का बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5 बजे घोषित किया जाता था। हालांकि, उस समय अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसका समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था।सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड डॉ. मनमोहन सिंह के नाम दर्ज है। डॉ. सिंह ने साल 1991 में 18,604 शब्दों वाला लंबा बजट पेश किया था। साल 2018 में, पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का भाषण भी काफी लंबा रहा था। उन्होंने उस वक्त करीब 18,604 शब्दों वाला स्पीच पेश किया था।आमतौर पर देश में वित्तमंत्री की ओर से केंद्रीय बजट पेश करने की परंपरा है, लेकिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में आज तक दो वित्त मंत्री एचएन Bahguna और केसी Neogy ऐसे रहें हैं, जिन्होंने बजट भाषण नहीं दिया था। उन्हें यह मौका नहीं मिल पाया था। ऐसा बताया जाता है कि, वे बहुत कम समय के लिए अपने कार्यालय में रहे हैं। एचएन ने साल 1979-80 में केवल साढ़े पांच महीने के लिए कार्यालय संभाला, जबकि केसी, जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे, उन्होंने महज 35 दिनों के लिए इस पद को संभाला था और इस वजह से भी उन्हें यह अवसर नहीं मिल पाया था।

भारतीय तटरक्षक स्थापना दिवस 
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) 1 फरवरी, 2024 को अपना स्थापना दिवस मनाता है। यह कार्यक्रम इसके 1977 में एक मामूली शुरुआत से लेकर समुद्री सुरक्षा में एक जबरदस्त फोर्स बनने तक की उल्लेखनीय यात्रा के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। अपने शस्त्रागार में 152 जहाजों और 78 विमानों के साथ, आईसीजी 2030 तक 200 सतह प्लेटफार्मों और 100 विमानों के अपने लक्षित फोर्स लेवल तक पहुंचने की राह पर है।
अपने आदर्श वाक्य "वयं रक्षामः" (हम रक्षा करते हैं) के तहत, आईसीजी ने अपनी स्थापना के बाद से 11,554 से अधिक लोगों की जान बचाई है, जिसमें वर्ष 2023 में 200 लोगों की जान की रक्षा भी शामिल है। सुरक्षा के प्रति इस प्रतिबद्धता ने आईसीजी को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध कोस्ट गार्ड्स में से एक के रूप में स्थापित किया है।
भारत के समुद्री क्षेत्रों में 24x7 निगरानी बनाए रखते हुए, आईसीजी प्रतिदिन 50 से 60 जहाजों और 10 से 12 विमानों को तैनात करता है, जो ब्लू इकोनॉमी और सुरक्षित समुद्री परिवहन में सतत प्रगति के लिए मुक्त और सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करने के देश के लक्ष्य में योगदान देता है। समुद्री सुरक्षा में उभरती चुनौतियों के जवाब में, आईसीजी ने समुद्री कानून प्रवर्तन को काफी मजबूत किया है, जिसके परिणामस्वरूप इसकी स्थापना के बाद से 15,343 करोड़ रुपये के हथियार, प्रतिबंधित पदार्थ और नशीले पदार्थों की जब्ती हुई है, जिसमें अकेले 2023 में 478 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। सहयोगात्मक कार्रवाइयों ने तस्करों के खिलाफ प्रभावी प्रतिरोध पैदा किया है, जिससे प्रवेश लगभग असंभव हो गया है।(विविध स्रोत)

31 जनवरी


31  जनवरी 
 
राष्ट्रीय महिला आयोग स्थापना दिवस 
राष्‍टीय महिला आयोग की सांविधिक निकाय के रूप में स्‍थापना महिलाओं के लिए संवैधानिक और विधायी सुरक्षापायों की समीक्षा करने; उपचारी विधायी उपायों की सिफारिश करने; शिकायतों के निवारण को सुकर बनाने; और महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए राष्‍ट्रीय महिला आयोग अधिनियम,1990 (भारत सरकार का 1990 का अधिनियम संख्‍या 20) के तहत जनवरी, 1992 में की गई। पहला आयोग 31 जनवरी 1992 को गठित किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री जयंती पटनायक थीं। दूसरे आयोग का गठन जुलाई 1995 में किया गया, जिसकी अध्यक्ष डॉ. मोहिनी गिरी थीं। तीसरे आयोग का गठन जनवरी 1999 में किया गया, जिसकी अध्यक्ष सुश्री विभा पार्थसारथी थीं। चौथे आयोग का गठन जनवरी 2002 में किया गया, जिसकी अध्यक्ष डॉ. पूर्णिमा आडवाणी थीं। पांचवें आयोग का गठन फरवरी 2005 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास थीं। छठे आयोग का गठन अगस्त 2011 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री ममता शर्मा थीं। सातवें आयोग का गठन 2014 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री ललिता कुमारमंगलम थीं। इसके बाद आयोग का गठन अगस्त 2018 में किया गया था, जिसकी अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा बनायी गईं। भारत सरकार ने 19 अक्टूबर 2024 को श्रीमती विजया राहतकर को राष्ट्रीय महिला आयोग की 9वीं अध्यक्ष नियुक्त किया है। 6 अगस्त 2024 को रेखा शर्मा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष का पद खाली था। 

इंटरनेशनल जेब्रा डे

हर साल 31 जनवरी को दुनिया भर के लोग इंटरनेशनल ज़ेबरा डे मनाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य ज़ेबरा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए समर्थन जुटाना है। यह दिन जंगल में ज़ेबरा के सामने आने वाले खतरों को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन हम को ज़ेबरा के खतरे के बारे में जानकारी फैलाकर, एक दूसरों को शिक्षित कर सकते हैं। 
2012 में स्मिथसोनियन नेशनल ज़ू और कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट द्वारा इंटरनेशनल ज़ेबरा डे की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य था ज़ेबरा के बारे में जागरूकता बढ़ाना। आपको बता दें कि वर्तमान में, ज़ेबरा की तीन प्रजातियाँ हैं – ग्रेवी का ज़ेबरा , मैदानी ज़ेबरा और पहाड़ी ज़ेबरा। इनमें से सबसे आम प्रकार है, मैदानी ज़ेबरा, जो अक्सर दक्षिणी इथियोपिया, पूर्वी अफ़्रीका और दक्षिणी अफ़्रीका में पाए जाते हैं। (विविध स्रोत)क महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन हम को ज़ेबरा के खतरे के बारे में जानकारी फैलाकर, एक दूसरों को शिक्षित कर सकते हैं। 2012 में स्मिथसोनियन नेशनल ज़ू और कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट द्वारा इंटरनेशनल ज़ेबरा डे की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य था ज़ेबरा के बारे में जागरूकता बढ़ाना। आपको बता दें कि वर्तमान में, ज़ेबरा की तीन प्रजातियाँ हैं – ग्रेवी का ज़ेबरा , मैदानी ज़ेबरा और पहाड़ी ज़ेबरा। इनमें से सबसे आम प्रकार है, मैदानी ज़ेबरा, जो अक्सर दक्षिणी इथियोपिया, पूर्वी अफ़्रीका और दक्षिणी अफ़्रीका में पाए जाते हैं। (विविध स्रोत)

Thursday, January 30, 2025

30 जनवरी

30 जनवरी 
शहीद दिवस 
30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है। 30 जनवरी का शहीद दिवस महात्मा गांधी को समर्पित है। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि है। 1948 में इसी दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। देश को आजादी दिलाने के लिए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले गांधी जी के निधन के बाद उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।शहीद दिवस के दिन भारत के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर सपूतों को याद किया जाता है। शहीद दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं अन्य उच्च अधिकारी/ नेता राजघाट पर जाकर गांधी जी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करके उनको याद करते हैं। इसके बाद पूरे देश में सुबह 11 बजे 2 मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी सहित अन्य वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। (विविध स्रोत)

Tuesday, January 28, 2025

29 जनवरी

29 जनवरी 
ब‍ीटिंग रिट्रीट समारोह
विजय चौक पर हर वर्ष 29 जनवरी को चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के तौर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसे बीटिंग द रिट्रीट कहते हैं। इस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि भारत के राष्‍ट्रपति होते हैं जो अंग रक्षकों के साथ एक बग्‍घी में समारोह स्‍थल पर पहुंचते हैं। जब राष्‍ट्रपति का आगमन होता है तो उनके अंग रक्षक राष्‍ट्रीय सलामी देने के लिए एकत्र होते हैं, जिसके बाद भारतीय राष्‍ट्रगान, जन गण मन बजाया जाता है और इसके बाद सामूहिक बैंड वादन सहित भारत का राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराया जाता है। समारोह के दौरान सेना का बैंड, पाइप और ड्रम बैंड, बिगुलवादक और बांसुरीवादक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और विभिन्‍न धुनें बजाते हैं। इसके अलावा नौ सेना और वायु सेना के बैंड भी कार्यक्रम में हिस्‍सा लेते हैं। भारतीय धुनों पर आधारित सेना के सैन्‍य बैंड द्वारा अनेक धुनें बजाई जाती हैं। 'बीटिंग द रिट्रीट' एक ऐसे राष्‍ट्रीय गर्व की घटना के रूप में आयोजित की जाती है जब रंगों और वर्णों की परेड की जाती है। यह समारोह 1950 की शुरूआत में आरंभ किया गया था जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने सामूहिक बैंड के प्रदर्शन का एक अनोखा समारोह स्‍वदेशी रूप से आरंभ किया। 'बीटिंग द रिट्रीट' शताब्दियों पुरानी सैन्‍य परम्‍परा का प्रतीक है जब सेनाएं युद्ध समाप्‍त करके लौटती थी और युद्ध के मैदान से वापस आने के बाद अपने अस्‍त्र शस्‍त्र उतार कर रखती थीं और सूर्यास्‍त के समय अपने शिविर में लौट आती थीं। इस समय झण्‍डे नीचे उतार दिए जाते थे। यह समारोह उस बीते समय की याद दिलाता है। सबसे बड़ा समारोह नई दिल्‍ली में विजय चौक पर आयोजित किया जाता है जहां ध्‍वजारोहण के बाद परेड की जाती है और जिसमें भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत और सैन्‍य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है।

28 जनवरी

28 जनवरी 
डाटा संरक्षण दिवस 
Data Protection Day 
डेटा संरक्षण दिवस हर साल 28 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और गोपनीयता व डेटा सुरक्षा सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना है। वर्तमान में डेटा संरक्षण दिवस संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, नाइजीरिया, इज़राइल सहित 47 यूरोपीय देशों में मनाया जाता है। 2006 में, यूरोप की परिषद के मंत्रियों की समिति ने 28 जनवरी को डेटा संरक्षण दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया। यह दिन अब दुनिया भर में "अंतर्राष्ट्रीय डेटा संरक्षण दिवस" या "गोपनीयता दिवस" के नाम से मनाया जाता है। यह व्यक्तिगत डेटा के स्वचालित प्रसंस्करण (ETS नंबर 108) के संबंध में व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन के हस्ताक्षर की वर्षगांठ का प्रतीक है, इस प्रकार व्यक्ति की गोपनीयता का सम्मान करने और उसकी रक्षा करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और दुनिया में सीमा पार डेटा प्रवाह के लिए कन्वेंशन 108 की भूमिका को उजागर करता है।कन्वेंशन 108 ने न केवल यूरोप में बल्कि उससे भी कहीं आगे गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के विकास में योगदान दिया है। इसका आधुनिक संस्करण (जिसे कन्वेंशन 108+ के रूप में जाना जाता है) मानव सम्मान को सुरक्षित रखते हुए डेटा के मुक्त हस्तांतरण के लिए जगह बनाने के लिए डिजिटल दुनिया की लगातार बढ़ती चुनौतियों का समाधान करता है । यह कन्वेंशन 108+ को कानूनी सामंजस्य और अभिसरण, सक्षम अधिकारियों के बीच बेहतर सहयोग और गोपनीयता और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक विश्वसनीय मंच के लिए एक अनूठा और सार्वभौमिक उपकरण बनाता है।(विविध स्रोत)

Monday, January 27, 2025

27 जनवरी

27 जनवरी 
नरसंहार स्मृति दिवस 
Holocaust Remembrance Day 
होलोकॉस्ट स्मृति दिवस' के लिए 27 जनवरी की तारीख चुने जाने का संदर्भ आउशवित्स यातना शिविर से जुड़ा है। 27 जनवरी 1945 को सोवियत संघ की सेना ने आउशवित्स को आजाद कराया था। साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र ने होलोकॉस्ट के शिकार हुए 60 लाख यहूदियों की याद और नाजियों द्वारा सताये गए अन्य पीड़ितों के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मृति दिवस के लिए 27 जनवरी की तारीख चुनी। द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान होलोकॉस्ट इतिहास का वो पन्ना है, जब लाखों यहूदियों का उनकी धार्मिक पहचान के कारण, क़त्ल कर दिया गया था और इन हत्याओं को ए़डोल्फ़ हिटलर की जर्मन नाज़ी पार्टी ने कराया। होलोकॉस्ट एक प्रक्रिया थी जो यहूदी लोगों से भेदभाव के साथ शुरू हुई और इसके परिणामस्वरूप दसियों लाख लोगों को उनकी पहचान के आधार पर मौत के घाट उतार दिया गया। स्मृति दिवस की शुरुआत साल 1996 में हुई, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रोमान हैरत्सोग ने 27 जनवरी को नाजी यातना के पीड़ितों की याद में समर्पित किया। 27 जनवरी 1945 की सुबह ऑशविट्ज़-बिरकेनौ शिविरों में अभी भी लगभग 7,000 कैदी थे। ऑशविट्ज़ में निर्वासित दस लाख से ज़्यादा लोग वहाँ मारे गए। अनुमान है कि मृत्यु शिविरों में छह मिलियन यहूदियों को मार दिया गया था। यूरोप की परिषद ने होलोकॉस्ट स्मरण दिवस और मानवता के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए एक दिवस की शुरुआत की थी। सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों ने अक्टूबर 2002 में यह निर्णय लिया था। जबकि जर्मनी और फ्रांस ने 27 जनवरी को चुना है, जिस दिन ऑशविट्ज़ को मुक्त किया गया था।

नेशनल ज्योग्राफिक दिवस
हर साल 27 जनवरी को नेशनल ज्योग्राफिक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की वर्षगांठ मनाने के लिए मनाया जाता है। आपको बता दें कि साल 1888 में, भौगोलिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की गई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है अधिक से अधिक लोगों को हमारे ग्रह के बारे में शिक्षित करना और उनका उत्साह बढ़ाना है। नेशनल ज्योग्राफिक दिवस का इतिहास साल 1888 से शुरू होता है। जब अमेरिकी राजनीतिज्ञ जॉर्ज एलिसन बार्कर ने नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना की थी। इस सोसाइटी उसी वर्ष अपना आधिकारिक मासिक प्रकाशन “नेशनल ज्योग्राफिक मैगज़ीन” लॉन्च किया। जिसका उद्देश्य था मानवविज्ञान, इतिहास और प्राकृतिक दुनिया सहित विभिन्न विषयों की लोकप्रियता पूरी दुनिया में फैलाना।(विविध स्रोत)

Sunday, January 26, 2025

26 जनवरी

26 जनवरी 
गणतंत्र दिवस 
हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।
26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है। संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराया था। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। इस दिन देश को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था। भारत की आजादी के उपरांत संविधान सभा ने देश के कॉन्स्टिट्यूशन तैयार करने का काम शुरू किया। संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था फिर इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को देश में लागू किया गया था। संविधान लागू करने के बाद भारत ने ब्रिटिश शासन से खुद को मुक्त किया और एक नए युग की शुरुआत की। अब क्योंकि देश ने 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी और यही कारण है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। (विविध स्रोत)

Saturday, January 25, 2025

25 जनवरी

25 जनवरी 
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 
National Voters Day 
25 जनवरी को पूरे देश में 15वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) मनाया जाता है। 2011 से, भारत के गणतंत्र बनने से एक दिन पहले 25 जनवरी, 1950 को भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस की याद में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य मतदाता की केंद्रीयता को रेखांकित करना, नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता बढ़ाना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रेरित करना है। राष्ट्र के मतदाताओं को समर्पित, राष्ट्रीय मतदाता दिवस नए मतदाताओं, विशेषकर युवा व्यक्तियों के नामांकन को भी बढ़ावा देता है जो हाल ही में इसका हिस्सा बने हैं। देश भर में, एनवीडी समारोहों के दौरान नए मतदाताओं को सम्मानित किया जाता है और उन्हें उनके मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रदान किए जाते हैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में चुनावी जागरुकता पैदा करना और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। 25 जनवरी 1950 को ही भारत के चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी, इसके बाद 26 जनवरी को देश में संविधान लागू हुआ। इस दिन को पहले सिर्फ याद किया जाता था, लेकिन साल 2011 से इसे एक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पहली बार 2011 में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया. इसके बाद से ही पूरे देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 
भारतीय संस्कृति और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा इस दिन को मनाने की शुरूआत की गई थी।राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पहली बार 1948 में भारत सरकार द्वारा मनाया गया था। इसका उद्देश्य देश भर में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देना और देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना था। केंद्र सरकार इस दिन कई सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रम का आयोजन करती है। कई राज्य भी अपने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसके अलावा पर्यटन दिवस के माध्यम से भारत की ऐतिहासिक संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।वैसे तो भारत में दो बार पर्यटन दिवस मनाया जाता है, एक राष्ट्रीय स्तर पर और एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस। हालांकि भारत का पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाते हैं। वहीं विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है। देश में पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत भारत की आजादी के अगले वर्ष यानी 1948 से हो गई थी। पर्यटन के महत्व को समझते हुए आजाद भारत में इसे बढ़ावा देने की पहल स्वरूप पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया। समिति के गठन के तीन साल बाद 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों की शुरुआत हुई। बाद में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी पर्यटन कार्यालय बनें। वर्ष 1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के नेतृत्व में पर्यटन विभाग की स्थापना हुई।(विविध स्रोत)

Friday, January 24, 2025

24 जनवरी

24 जनवरी 
राष्ट्रीय बालिका दिवस 
National Girl Child Day 
समाज में बालिकाओं के सामने आने वाली असमानताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने की थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव करने वाली लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देना है। इसका उद्देश्य लड़कियों को अपनी पूरी क्षमता का अहसास करने के लिए आवश्यक जानकारी, उपकरण और अवसर प्रदान करना और लड़कियों को बाल विवाह, कुपोषण और लिंग आधारित हिंसा से बचाने का प्रयास करना भी है।24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी इसलिए भी 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से की गई थी क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार इसी दिन एक महिला देश की प्रधानमंत्री बन गई थी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव था। मोदी सरकार ने विभिन्न पहलों से बाल लिंगानुपात को बढ़ाने और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए 2015 में 22 जनवरी को अपनी महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना भी शुरू की थी। (विविध स्रोत)

Wednesday, January 22, 2025

23 जनवरी

23 जनवरी 
पराक्रम दिवस
भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में 23 जनवरी 2021 से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया। राष्ट्र के प्रति नेताजी की अदम्य भावना और निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और याद रखने के लिए, भारत सरकार ने देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को नेताजी की तरह विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए धैर्य के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करने और उनमें देशभक्ति की भावना भरने के लिए हर वर्ष 23 जनवरी को उनके जन्मदिन को " पराक्रम दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को सम्मानित करना और देशभक्ति की भावना को जागृत करना है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था।  वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ आज़ादी के लिए संघर्ष किया। सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर पराक्रम दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 
नेताजी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में काम किया, लेकिन उनके क्रांतिकारी विचारों के कारण उन्होंने खुद की अलग राह चुनी। सुभाष चंद्र बोस ने "आजाद हिंद फौज" (Indian National Army) की स्थापना की और "जय हिंद" व "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" जैसे प्रेरणादायक नारे दिए। उनकी योजनाओं और वीरता ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। 2021 में भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर पराक्रम दिवस मनाने की घोषणा की। इसका उद्देश्य नेताजी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। यह दिन हर भारतीय को अपने कर्तव्यों और देश के प्रति समर्पण की याद दिलाता है। (विविध स्रोत)

22 जनवरी

22 जनवरी 

राम राज्य दिवस 
22 जनवरी अयोध्या में श्री राम प्रभु के भव्य नये मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ दिन है। यह भारतवर्ष के लिए एक ऐतिहासिक दिन है जिसकी प्रतीक्षा 500 वर्षों से पूरे भारत का जनमानस कर रहा था। इतने लंबे अर्से के बाद संघर्ष, तपस्या व त्याग के बाद अयोध्या में रामलला पुनः विराजमान  हुए। 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि पर नवनिर्मित राम मंदिर में रामलीला की नई प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। संतों से परामर्श के पश्चात श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह तय किया कि जिस प्रकार सभी हिंदू उत्सव और पर्व हिंदी तिथि एवं पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, उसी प्रकार प्रभु श्री रामलला सरकार की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को प्रति वर्ष पंचांग अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी अर्थात कूर्म द्वादशी को मनाया जाए। इस तिथि को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाएगा। वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को पड़ी। लेकिन 2024 में 22 जनवरी को इस तिथि पर प्राण प्रतिष्ठा होने के कारण बहुत से हिन्दू धर्मावलंबी इस दिन को रामराज्य दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं कनाडा में भी 22 जनवरी को अयोध्या राम दिवस घोषित करने का फैसला किया गया। कनाडा की तीन नगर पालिकाओं ने 22 जनवरी को ‘अयोध्या राम मंदिर दिवस’ घोषित किया। हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन (एचसीएफ) ने विश्व जैन संगठन कनाडा (वीजेएससी) के साथ मिलकर तीन शहरों ब्रैम्पटन, ओकविले और ब्रैंटफोर्ड में 22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर दिवस की सफलतापूर्वक घोषणाएं की।

जीवन दिवस 
Celebration of life Day 
अमेरिका में जीवन दिवस का उत्सव हर वर्ष 22 जनवरी को मनाया जाता है। जीवन दिवस का उत्सव मुख्य रूप से अपने बच्चों के साथ समय बिताने और उनके साथ जुड़ने के बारे में है। यह आपके लिए आराम करने और उन सरल खुशियों के बारे में याद दिलाने का अवसर भी है जो आपको अब एक वयस्क के रूप में अनुभव नहीं करते हैं। जीवन दिवस उन बच्चों और नाती-नातिनों को सम्मानित करने का दिन है जो हमारे जीवन में खुशियाँ लाते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्रत्येक बच्चे और प्रत्येक जीवन को सर्वोच्च सम्मान और गरिमा के साथ एक अनमोल उपहार के रूप में रखा जाना चाहिए। 22 जनवरी को मनाया जाने वाला जीवन दिवस मूल रूप से हमारे जीवन में बच्चों का जश्न मनाने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन अब यह जीवित रहने के बारे में सभी अच्छी बातों का प्रतीक बन गया है। जीवन दिवस का जश्न मूल रूप से राष्ट्रीय मानव जीवन पवित्रता दिवस कहलाता था और जनवरी 1984 में रोनाल्ड रीगन द्वारा घोषित किया गया था। उस समय, राष्ट्रपति रीगन ने ऐतिहासिक गर्भपात मामले -रो बनाम वेड मामले पर निर्णय की 11-वर्षीय वर्षगांठ पर राष्ट्रीय मानव जीवन पवित्रता दिवस घोषित करने का विकल्प चुना। गर्भपात विरोधी समूहों ने इस दिन को मनाने का समर्थन किया।मानव जीवन की राष्ट्रीय पवित्रता/जीवन दिवस के उत्सव का इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है। हालाँकि बुश के दोनों राष्ट्रपतियों ने इस छुट्टी को जारी रखा, लेकिन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में इसे आठ साल के लिए बंद कर दिया गया। डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने पूरे राष्ट्रपति काल में इस छुट्टी को जारी रखा है, और कुछ चर्चों ने इसे अपने कैलेंडर में पवित्र दिन के रूप में भी चिह्नित किया है। इस धार्मिक कारण से यह छुट्टी आमतौर पर रविवार को पड़ती है, हालाँकि केवल 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को इसे मनाने की घोषणा की। (विविध स्रोत)

Monday, January 20, 2025

21 जनवरी

21 जनवरी 
पूर्वोत्तर राज्यों-मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा का स्थापना दिवस
भारत के संघीय इतिहास में इस दिन का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के रूप में तीन राज्यों का उदय हुआ। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को अलग राज्य बने पांच दशक हो गए हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को 21 जनवरी 1972 को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था। भारत को स्वतंत्रता मिलने के 24 वर्षों के बाद मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था।भारत सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के तहत इन तीन राज्यों को एक अलग राज्य का दर्जा प्रदान किया था। इससे पहले यह तीनों रियासतें थीं। स्वतंत्रता के समय, पूर्वोत्तर की क्षेत्रीय संरचना में पुराने असम प्रांत के असम के मैदान, पहाड़ी जिले और उत्तर-पूर्वी सीमा के उत्तर-पूर्वी सीमांत क्षेत्र (एनईएफटी) शामिल थे। इसके अलावा, मणिपुर और त्रिपुरा की रियासतों को 1949 में भारत में मिला दिया गया था। 1949 में मणिपुर और त्रिपुरा राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों का दर्जा दिया गया। 1 दिसंबर 1963 को नागालैंड को राज्य का दर्जा दिया गया। भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के अनुसार, असम के भीतर, असम पुनर्गठन (मेघालय) अधिनियम 1969 के माध्यम से मेघालय को एक स्वायत्त राज्य बनाया गया। (विविध स्रोत)

20 जनवरी

20 जनवरी 
इनॉग्रेशन डे
अमेरिका में हर चार साल पर 20 जनवरी को ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का शपथग्रहण समारोह होता है जिसे इनॉग्रेशन डे कहा जाता है।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का नया कार्यकाल आधिकारिक तौर पर वाशिंगटन डीसी में इस दिन दोपहर 12 बजे शुरू होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह यूएस कैपिटल में होता है। यह समारोह संयुक्त कांग्रेस समिति द्वारा आयोजित किया जाता है। इसके बाद आमतौर पर पेंसिल्वेनिया एवेन्यू तक परेड होती है। नए राष्ट्रपति व्हाइट हाउस के सामने राष्ट्रपति पद के लिए बने स्टैंड से परेड देखते हैं। इसके बाद कार्यभार संभालते हैं। 1789 से अमेरिका का राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रपति होता आया है। उस वर्ष, जॉर्ज वाशिंगटन को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और उनका शपथग्रहण हुआ। उनका पहली बार शपथग्रहण 30 अप्रैल, 1789 को हुआ था और दूसरी बार 4 मार्च, 1793 को। 20 जनवरी, 1937 को राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के दूसरे शपथग्रहण तक, इसके बाद के शपथग्रहण 4 मार्च को हुए। तब से, शपथग्रहण दिवस 20 जनवरी को मनाया जाता है । यदि उद्घाटन दिवस रविवार को पड़ता है, तो राष्ट्रपति पद की शपथ आमतौर पर उस दिन एक निजी समारोह में दिलाई जाती है और अगले दिन एक सार्वजनिक समारोह और आयोजित किया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में इस अवसर पर सार्वजनिक अवकाश नहीं होता है। केवल कोलंबिया जिले, मैरीलैंड में मोंटगोमेरी और प्रिंस जॉर्ज काउंटी, वर्जीनिया में अर्लिंग्टन और फेयरफैक्स काउंटी और वर्जीनिया में एलेक्जेंड्रिया और फॉल्स चर्च शहरों में संघीय कर्मचारियों के लिए अवकाश रहता है। वाशिंगटन डीसी में जिला कर्मचारियों के लिए भी इस दिन अवकाश रहता है।

पेंगुइन जागरूकता दिवस 
Penguin Awareness Day 
हर साल 20 जनवरी को पेंगुइन जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है लोगों को पेंगुइन के बारे में जागरूक करना और उनके संरक्षण के लिए काम करने के लिए प्रेरित करना। पेंगुइन की तेजी से घटती आबादी जो ध्यान में रखते हुए पेंगुइन जागरूकता दिवस मनाया जाता है।  इस दिवस को मनाने की शुरूआत 2006 में ऑस्ट्रेलिया में की गयी थी, जिसके दो मुख्य कारण थे। पहला यह था कि पेंगुइन दुनिया के सबसे लोकप्रिय पक्षियों में से एक हैं, लेकिन उनके बारे में बहुत से लोग बहुत कम जानते हैं। वहीं दूसरा कारण यह था कि पेंगुइन कई तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, शिकार आदि शामिल हैं। ऐसे में यह दिवस पेंगुइन के संरक्षण के लिए काम करने का अवसर प्रदान करता है। पेंगुइन की 18 से ज़्यादा अलग-अलग प्रजातियाँ ज्ञात हैं और उनमें से कुछ 65 मिलियन से भी ज़्यादा सालों से धरती पर मौजूद हैं। दुनिया भर में पेंगुइन की संख्या कम होती जा रही है। हर साल पेंगुइन की आबादी ख़तरनाक दर से घट रही है, इसलिए इनके बारे में जागरूकता पैदा करना जरूरी है। (विविध स्रोत)

Saturday, January 18, 2025

19 जनवरी

19 जनवरी 
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल स्थापना दिवस 
NDRF Foundation Day 
भारत में हर साल 19 जनवरी को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल स्थापना दिवस मनाया जाता है। 2006 में भारत सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत NDRF की स्थापना की गई थी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत के सबसे सम्मानित और प्रतिष्ठित बलों में से एक है। इस फोर्स का गठन देश में आई किसी भी प्रकार की प्राकृतिक परिस्थिति से निपटने के लिए किया गया है। यानी कि NDRF के जवान बाढ़, तूफान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में फंसे लोगों की सहायता करते हैं। आपको बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की 12 बटालियन स्थित हैं जो प्राकृतिक या मानव निर्मित दोनों ही तरह की आपदाओं से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। NDRF ने अब तक हजारों बचाव राहत अभियानों में हिस्सा लिया है और लाखों लोगों की जान बचाई है।

Friday, January 17, 2025

18 जनवरी

18 जनवरी 
विश्व शांति दिवस 
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 53 वीं पुण्यतिथि 18 जनवरी को संगठन की ओर से विश्व शान्ति दिवस मनाया जाता है। विश्व के 137 देशों में संगठन के 8500 से अधिक सेवा केन्द्रों में इसके 10 लाख सदस्य आज का सारा दिन आत्म चिन्तन में बिताते हैं और राजयोग के अभ्यास के द्वारा समग्र विश्व में शान्ति का संदेश देते हैं। 18 जनवरी 1969 को प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ब्रह्मलीन हुए थे। यह दिवस समग्र मानव जाति के लिए दिव्यता संपन्न जीवन बनाने का संदेश लेकर आता है। विश्व में शान्ति और सद्भावना के लिए कार्यरत ब्रह्माकुमारी संगठन ने दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में की जा रही उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए इसे यूनिसेफ तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में सलाहकार का दर्जा प्रदान किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1981 में विश्व शान्ति दूत पदक प्रदान कर भी सम्मानित किया है।

राष्ट्रीय थिसॉरस दिवस
National Thesaurus Day
राष्ट्रीय थिसॉरस दिवस हर साल 18 जनवरी को मनाया जाता है। यह पीटर मार्क रोगेट की जयंती का प्रतीक है। जो रोगेट के थिसॉरस के लेखक थे, जिनका जन्म 18 जनवरी, 1779 को हुआ था।यह हमें उस पुस्तक का सम्मान, प्रशंसा, सराहना, जश्न मनाने, प्रशंसा करने और सराहना करने का अवसर देता है जो हमें समानार्थक शब्द प्रदान करता है ताकि हम आज और हर रोज अपने लेखन को बढ़ा सकें।(विविध स्रोत)

Thursday, January 16, 2025

17 जनवरी

17 जनवरी 
ग्राहक सेवा दिवस 
Customer Service Day 
अमेरिका सहित कई देशों में हर साल 17 जनवरी को ग्राहक सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है ग्राहक सेवा के महत्व को बढ़ावा देना और ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनके काम के लिए धन्यवाद देना और सम्मानित करना। ग्राहकों के साथ सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है। 1983 में संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय ग्राहक सेवा दिवस संगठन (NCSDO) के संस्थापक, जेम्स एफ. राइट ने ग्राहक सेवा दिवस मनाने की शुरुआत की थी। राइट का मानना था कि ग्राहक सेवा एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है और ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए। 1983 में NCSDO ने पहली बार ग्राहक सेवा दिवस का आयोजन किया जिसमें कुल 19 राज्यों के ग्राहक सेवा प्रदाताओं ने भाग लिया था। तब से लेकर हर साल दुनिया भर में ग्राहक सेवा दिवस मनाया जाता है। ग्राहक सेवा पेशेवरों को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए सम्मानित किया जाता है।(विविध स्रोत)

Wednesday, January 15, 2025

16 जनवरी

16 जनवरी 
राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस
National Start-up Day 
भारत में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को मनाया जाता है। देशभर में स्टार्टअप और विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों के योगदान को बढ़ावा देने के लिए 15 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की शुरुआत की थी और उसी समय से प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। स्टार्टअप आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाओं को नई दिशा दिखाने और भारतीय स्टार्टअप कारोबारियों की उपलब्धियों को बढ़ावा देने का काम करता है। स्टार्टअप की भावना को प्रोत्साहित करने भारत सरकार द्वारा एक मंच बनाया गया जिसके माध्यम से 16 जनवरी 2022 से नेशनल स्टार्टअप डे मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है युवाओं में मन में स्टार्टअप के विचार लाना, मेक-इन-इंडिया जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना और इसी के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाना। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 10 से 16 जनवरी तक पूरे सप्ताह को राष्ट्रीय स्टार्टअप सप्ताह के रूप में चिह्नित किया है। भारत में स्टार्टअप समुदाय की सफलताओं का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है। यह दिवस स्टार्टअप व्यवसाय के मालिकों को भारत के युवाओं के लिए नवाचार और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के बारे में बात करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य स्टार्टअप पहलों के महत्व को उजागर करना और उन्हें बड़े पैमाने पर समाज के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत करना है। इस पहल का लक्ष्य युवाओं को उद्यमिता को अपने प्राथमिक करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।

राष्ट्रीय लोकपाल दिवस 
भारत के लोकपाल ने 14.03.2024 को आयोजित अपनी बैठक में राय व्यक्त की थी कि धारा 1(4) के अंतर्गत 16.01.2014 को जारी अधिसूचना द्वारा भारत के लोकपाल नामक निकाय की स्थापना के फलस्वरूप प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को 'लोकपाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। लोकपाल दिवस भारत के लोकपाल की स्थापना का प्रतीक है। इस दिवस का उद्देश्य शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में लोकपाल की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। लोकपाल एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था है जो भारत में सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार की जांच और समाधान करती है। यह भ्रष्टाचार और शिकायतों की शिकायतों को संभालने वाले एक “लोकपाल” निकाय के रूप में कार्य करता है। इस निकाय की स्थापना लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार से निपटना है। 1960 के दशक में प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) ने लोकपाल और लोकायुक्त के गठन की सिफारिश की थी।
भारत में लोकपाल की अवधारणा सबसे पहले अशोक कुमार सेन द्वारा प्रस्तावित की गई थी, और “लोकपाल” शब्द 1963 में डॉ. एलएम सिंघवी द्वारा गढ़ा गया था।लोकपाल विधेयक 1968 में पारित हुआ था, लेकिन यह निरस्त हो गया; इसे बार-बार पेश किया गया और अंततः अन्ना हजारे आंदोलन के बाद 2013 में यह कानून बन गया।लोकपाल का उद्देश्य भ्रष्टाचार से निपटने में अपनी भूमिका को मजबूत करना है। यह जन जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। भविष्य की पहलों में आउटरीच कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग शामिल हो सकते हैं। इसका लक्ष्य सार्वजनिक सेवा में जवाबदेही की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दिवस
National Religious Freedom Day 
अमेरिका में प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता दिवस उस दिन की याद में मनाया जाता है, जिस दिन 16 जनवरी 1786 को धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वर्जीनिया क़ानून पर हस्ताक्षर किए गए थे। प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रपति की घोषणा द्वारा, 16 जनवरी को धार्मिक स्वतंत्रता दिवस घोषित किया जाता है। यह क़ानून किसी व्यक्ति को उत्पीड़न, जेल या हत्या के डर के बिना खुले तौर पर अपने धर्म का पालन करने की मौलिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। इसके अतिरिक्त, क़ानून के तहत, प्रत्येक व्यक्ति बिना किसी प्रतिशोध के अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से बदल सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, विभिन्न धर्मों के लोगों को अपने धर्म का पालन करने का समान अधिकार है। यह दिवस 1993 से मनाया जा रहा है।

राष्ट्रीय शून्य दिवस 
National Nothing Day 
प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को अमेरिका में लोग राष्ट्रीय शून्य दिवस मनाते हैं। इस दिवस की शुरुआत अमेरिकियों को एक राष्ट्रीय दिवस प्रदान करने के लिए की गई थी, जब वे बिना किसी उत्सव, उत्सव या सम्मान के बस बैठ सकते थे। 1972 में, स्तंभकार हेरोल्ड पुलमैन कॉफ़िन ने नेशनल नथिंग डे का प्रस्ताव रखा। 1973 से यह दिन पूरी तरह से मनाया जाता है। यह आयोजन कॉफ़िन के नेशनल नथिंग फ़ाउंडेशन द्वारा प्रायोजित है, जो कैपिटोला, कैलिफ़ोर्निया में पंजीकृत है। (विविध स्रोत)

Tuesday, January 14, 2025

15 जनवरी

15 जनवरी 
सेना दिवस 
भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे। यह पहला मौका था कि भारतीय सेना की कमान भारतीय नेतृत्व के अधीन थी, और यह परिवर्तन अपने आप में भारत के सैन्य इतिहास के समय में एक मील का पत्थर साबित हुआ. तब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ़ के तौर पर पदभार ग्रहण किया था. फ्रांसिस बुचर भारतीय सेना में कमांडर-इन-चीफ़ का पद धारण करने वाले अंतिम ब्रिटिश व्यक्ति थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा उस समय लेफ्टिनेंट जनरल थे. उस समय करियप्पा की उम्र थी 49 साल. केएम करियप्पा ने 'जय हिंद' का नारा अपनाया जिसका मतलब है 'भारत की जीत'.तब से 15 जनवरी से हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है.यह दिन राष्ट्रीय रक्षा, शांति स्थापना और एकता को बढ़ावा देने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इस दिन भारतीय सैनिकों की उपलब्धियों, देश सेवा, अप्रतिम योगदान और त्याग को सम्मानित किया जाता है. भारतीय सेना में इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट की तादाद कुल 27 है. इन्फ़ैंट्री रेजिमेंट का इस्तेमाल पैदल युद्ध यानी जमीनी लड़ाई के लिए किया जाता है.भारतीय सेना को कुल 40 डिवीज़न और 14 कोर में बांटा गया है, जिसमें भारतीय सेना के कुल 14 लाख से ज़्यादा सक्रिय जवान हैं, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना भी है. भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 में हुई थी. भारतीय सेना ने अब तक चार जंग लड़ी हैं, जिनमें साल 1948, 1965, 1971, और करगिल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ और 1962 में चीन के ख़िलाफ़ लड़ाई शामिल हैं. (विविध स्रोत)